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#वीडियो #घरवाली #ये

#घरवाली कहना माने या ना #ये आपका कहना मानेगी

90 View

#विचार  White ना थके ना रुके, मंजिल कहां है पता नहीं, एक दिन हमारे लक्ष्य का भेद पता चल जाएगा कि हमने देश के लिए समझौता किया है या समझौते से देश को बचाया है।

©Satish Kumar Meena

ना थके ना रुके

90 View

Red sands and spectacular sandstone rock formations दिल ना टूटे खुदा का ये घर है। तेरा सजदे मेरा ये है. मौत से डर नहीं लगता मुझे. मुझे सिर्फ जुदाई का डर है. ©Mahesh Chekhaliya

#Sands #SAD  Red sands and spectacular sandstone rock formations दिल ना टूटे खुदा का ये घर है।   
 तेरा सजदे मेरा ये है.   
मौत से डर नहीं लगता मुझे.  
 मुझे सिर्फ जुदाई का डर है.

©Mahesh Chekhaliya

#Sands दिल ना टूटे खुदा का ये घर है। तेरा सजदे मेरा ये है. मौत से डर नहीं लगता मुझे. मुझे सिर्फ जुदाई का डर है

12 Love

White जन्मभूमि राम की, राम को ना जानते। कुछ मंदबुद्धि है यहां, जो राम को ना मानते । जन्म भूमि राम की, और राम को न जानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां , जो राम को ना मानते । रघुकुल की एक मर्यादा थी, वचनों पर जीवन सादा थी। दुःख की सीमा का अंत नहीं सुख जैसे आधा आधा थी। खुद भगवन जिसके कायल थे ये उन पर कीच उछालते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। कुछ मानवी पिशाच हैं, जो देव को ललकारते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। यह मांगते हैं साक्ष्य, और अंजाम को न जानते । कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो धू - धू करके जल गई , वह लंका भी एक गाथा है । जो धू धू करके जल गई, वह लंका भी एक गाथा है । कलयुग के रावण तुम सुन लो, हमें मजा चखाना आता है। जिसके वीर भक्त हनुमान हुए, तुम उनको ना पहचानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। थे राजपूत पर दंभ न था, वानर, केेंवट भी मित्र हुए। पग जहां जहां भी राम धरे धरती से नभ सब इत्र हुए। गुणगान नहीं कर सकते हैं, ये अपनी राग आलापते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो खुद को ना पहचानते। ये श्री राम को ना जानते। हर्षा मिश्रा ©harsha mishra

#कविता  White जन्मभूमि राम की,
 राम को ना जानते।
 कुछ मंदबुद्धि है यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जन्म भूमि राम की,
 और राम को न जानते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां ,
जो राम को ना मानते ।

रघुकुल की एक मर्यादा थी,
वचनों पर जीवन सादा थी।
दुःख की सीमा का अंत नहीं
सुख जैसे आधा आधा थी।
खुद भगवन जिसके कायल थे
ये उन पर कीच उछालते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।


जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 कुछ मानवी पिशाच हैं,
 जो देव को ललकारते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 यह मांगते हैं साक्ष्य,
 और अंजाम को न जानते ।

कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो धू - धू करके जल गई ,
वह लंका भी एक गाथा है ।
जो धू धू करके जल गई,
 वह लंका भी एक गाथा है ।
कलयुग के रावण तुम सुन लो,
 हमें मजा चखाना आता है।
 जिसके वीर भक्त हनुमान हुए,
 तुम उनको ना पहचानते।
 
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

थे राजपूत पर दंभ न था,
वानर, केेंवट भी मित्र हुए।
पग जहां जहां भी राम धरे
धरती से नभ सब इत्र हुए।

गुणगान नहीं कर सकते हैं,
ये अपनी राग आलापते।
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
जो खुद को ना पहचानते।
ये श्री राम को ना जानते।

हर्षा मिश्रा

©harsha mishra

ये श्री राम को ना मानते,,,,,,

15 Love

#शायरी #MereKhayal #distance #lonely #Heart #Hindi

ये जो तुम्हारे ना होने का ग़म है #MereKhayal #Love #lonely #distance #Heart #Life #Hope #Hindi

108 View

वो दिन भी क्या दिन थे । चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था । आंसू मेरे आंखों से आते थे । पोछने  के लिए हात तेरा होता था । कोई मुझे गलत बोले । उसका मुह तोड़े तू । कोई मुझसे झगडे । उससे मुंह मोड लेती तू । क्या भूल गई तू वो वादा । जो हमने अपनी दोस्ती में किया था । ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी । हमे है अपनी दोस्ती की कसम । मेरा दुश्मन तेरा होता था । मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । फिर आज क्या हुआ । जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।   एक वक्त ऐसा था ।   लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।   आज एक वक्त एैसा आया है ।   जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।   बस करो अब नादानी ।   लौट आओ में हूं यही  ।   हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।   भूल जाओ सभी है मिन्नत यही । ©Shailee Rodrigues

#कविता #FriendshipDay  वो दिन भी क्या दिन थे ।
चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था ।
आंसू मेरे आंखों से आते थे ।
पोछने  के लिए हात तेरा होता था ।

कोई मुझे गलत बोले ।
उसका मुह तोड़े तू । 
कोई मुझसे झगडे । 
उससे मुंह मोड लेती तू ।

क्या भूल गई तू वो वादा ।
जो हमने अपनी दोस्ती में किया था ।
ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी ।
हमे है अपनी दोस्ती की कसम ।


मेरा दुश्मन तेरा होता था । 
मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । 
फिर आज क्या हुआ । 
जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।

  एक वक्त ऐसा था ।
  लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।
  आज एक वक्त एैसा आया है ।
  जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।

  बस करो अब नादानी । 
  लौट आओ में हूं यही  ।
  हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।
  भूल जाओ सभी है मिन्नत यही ।

©Shailee Rodrigues

ये दोस्ती ना तोड़ो #FriendshipDay

19 Love

#वीडियो #घरवाली #ये

#घरवाली कहना माने या ना #ये आपका कहना मानेगी

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#विचार  White ना थके ना रुके, मंजिल कहां है पता नहीं, एक दिन हमारे लक्ष्य का भेद पता चल जाएगा कि हमने देश के लिए समझौता किया है या समझौते से देश को बचाया है।

©Satish Kumar Meena

ना थके ना रुके

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Red sands and spectacular sandstone rock formations दिल ना टूटे खुदा का ये घर है। तेरा सजदे मेरा ये है. मौत से डर नहीं लगता मुझे. मुझे सिर्फ जुदाई का डर है. ©Mahesh Chekhaliya

#Sands #SAD  Red sands and spectacular sandstone rock formations दिल ना टूटे खुदा का ये घर है।   
 तेरा सजदे मेरा ये है.   
मौत से डर नहीं लगता मुझे.  
 मुझे सिर्फ जुदाई का डर है.

©Mahesh Chekhaliya

#Sands दिल ना टूटे खुदा का ये घर है। तेरा सजदे मेरा ये है. मौत से डर नहीं लगता मुझे. मुझे सिर्फ जुदाई का डर है

12 Love

White जन्मभूमि राम की, राम को ना जानते। कुछ मंदबुद्धि है यहां, जो राम को ना मानते । जन्म भूमि राम की, और राम को न जानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां , जो राम को ना मानते । रघुकुल की एक मर्यादा थी, वचनों पर जीवन सादा थी। दुःख की सीमा का अंत नहीं सुख जैसे आधा आधा थी। खुद भगवन जिसके कायल थे ये उन पर कीच उछालते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। कुछ मानवी पिशाच हैं, जो देव को ललकारते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। यह मांगते हैं साक्ष्य, और अंजाम को न जानते । कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो धू - धू करके जल गई , वह लंका भी एक गाथा है । जो धू धू करके जल गई, वह लंका भी एक गाथा है । कलयुग के रावण तुम सुन लो, हमें मजा चखाना आता है। जिसके वीर भक्त हनुमान हुए, तुम उनको ना पहचानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। थे राजपूत पर दंभ न था, वानर, केेंवट भी मित्र हुए। पग जहां जहां भी राम धरे धरती से नभ सब इत्र हुए। गुणगान नहीं कर सकते हैं, ये अपनी राग आलापते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो खुद को ना पहचानते। ये श्री राम को ना जानते। हर्षा मिश्रा ©harsha mishra

#कविता  White जन्मभूमि राम की,
 राम को ना जानते।
 कुछ मंदबुद्धि है यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जन्म भूमि राम की,
 और राम को न जानते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां ,
जो राम को ना मानते ।

रघुकुल की एक मर्यादा थी,
वचनों पर जीवन सादा थी।
दुःख की सीमा का अंत नहीं
सुख जैसे आधा आधा थी।
खुद भगवन जिसके कायल थे
ये उन पर कीच उछालते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।


जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 कुछ मानवी पिशाच हैं,
 जो देव को ललकारते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 यह मांगते हैं साक्ष्य,
 और अंजाम को न जानते ।

कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो धू - धू करके जल गई ,
वह लंका भी एक गाथा है ।
जो धू धू करके जल गई,
 वह लंका भी एक गाथा है ।
कलयुग के रावण तुम सुन लो,
 हमें मजा चखाना आता है।
 जिसके वीर भक्त हनुमान हुए,
 तुम उनको ना पहचानते।
 
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

थे राजपूत पर दंभ न था,
वानर, केेंवट भी मित्र हुए।
पग जहां जहां भी राम धरे
धरती से नभ सब इत्र हुए।

गुणगान नहीं कर सकते हैं,
ये अपनी राग आलापते।
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
जो खुद को ना पहचानते।
ये श्री राम को ना जानते।

हर्षा मिश्रा

©harsha mishra

ये श्री राम को ना मानते,,,,,,

15 Love

#शायरी #MereKhayal #distance #lonely #Heart #Hindi

ये जो तुम्हारे ना होने का ग़म है #MereKhayal #Love #lonely #distance #Heart #Life #Hope #Hindi

108 View

वो दिन भी क्या दिन थे । चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था । आंसू मेरे आंखों से आते थे । पोछने  के लिए हात तेरा होता था । कोई मुझे गलत बोले । उसका मुह तोड़े तू । कोई मुझसे झगडे । उससे मुंह मोड लेती तू । क्या भूल गई तू वो वादा । जो हमने अपनी दोस्ती में किया था । ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी । हमे है अपनी दोस्ती की कसम । मेरा दुश्मन तेरा होता था । मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । फिर आज क्या हुआ । जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।   एक वक्त ऐसा था ।   लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।   आज एक वक्त एैसा आया है ।   जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।   बस करो अब नादानी ।   लौट आओ में हूं यही  ।   हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।   भूल जाओ सभी है मिन्नत यही । ©Shailee Rodrigues

#कविता #FriendshipDay  वो दिन भी क्या दिन थे ।
चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था ।
आंसू मेरे आंखों से आते थे ।
पोछने  के लिए हात तेरा होता था ।

कोई मुझे गलत बोले ।
उसका मुह तोड़े तू । 
कोई मुझसे झगडे । 
उससे मुंह मोड लेती तू ।

क्या भूल गई तू वो वादा ।
जो हमने अपनी दोस्ती में किया था ।
ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी ।
हमे है अपनी दोस्ती की कसम ।


मेरा दुश्मन तेरा होता था । 
मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । 
फिर आज क्या हुआ । 
जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।

  एक वक्त ऐसा था ।
  लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।
  आज एक वक्त एैसा आया है ।
  जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।

  बस करो अब नादानी । 
  लौट आओ में हूं यही  ।
  हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।
  भूल जाओ सभी है मिन्नत यही ।

©Shailee Rodrigues

ये दोस्ती ना तोड़ो #FriendshipDay

19 Love

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