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New अजन्मा है अमर आत्मा Status, Photo, Video

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White यह सही है कि हमने अपने बच्चों को देह देने मे उनका सहयोग किया है . पर उनके अंदर की आत्मा को रोपने का काम हमारे द्वारा नहीं हुआ है lll ©Parasram Arora

 White यह सही है

कि हमने अपने 
बच्चों को देह 
देने मे उनका 
सहयोग किया  है
. 
पर उनके अंदर 
की  आत्मा को 
रोपने  का काम 
हमारे द्वारा 
नहीं हुआ है 
lll

©Parasram Arora

आत्मा का रोपण

14 Love

#मोटिवेशनल

प्रमेश्वर् की आत्मा

117 View

White बता सको तो बता दो मुझको किसी को भी ये पता अगर है कि फ़ानी दुनिया है फ़ानी सबकुछ तो क्या सबब है कि ग़म अमर है! ©Ghumnam Gautam

#ghumnamgautam #सबब #अमर #sad_qoute #Quotes  White बता सको तो बता दो मुझको किसी को भी ये पता अगर है
कि फ़ानी दुनिया है फ़ानी सबकुछ तो क्या सबब है कि ग़म अमर है!

©Ghumnam Gautam
#मोटिवेशनल

पर्मेश्वेर की आत्मा

99 View

White जब पितृ पक्ष तो मातृ पछ क्यों नहीं ©डॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.)

#विचार  White जब पितृ पक्ष तो 
मातृ पछ क्यों नहीं

©डॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.)

क्या दोनो आत्मा अलग अलग है

17 Love

White पल्लव की डायरी बारह महीने,चौबीस घण्टे की भाषा एक दिवस के रूप में मनायी जा रही है जन जन की भाषा हिंदी को जैसे श्रदांजलि दी जा रही है डंडा,कौमा,बिंदी जैसे अलंकारों से शोभित मातृभाषा को अपमानित कर दोयमदर्जे की,कि जा रही है कवि लेखक व्यंगकारो के ह्रदय चक्षुओं को छूने वाली भाषा लोप की जा रही है ज्ञान के उच्चतम स्तर को छूने वाली भाषा अंग्रेजी के सामने तौली जा रही है जेंटिलमैन बनाना मकसद है अंग्रेजी का मगर हिंदी,भावनाओं और आत्मा तक पहुँचती है कितने कवि हुये अंग्रेजी के अब तक जो मंचन साहित्यों का करते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #nojotohindi #hindi_diwas  White पल्लव की डायरी
बारह महीने,चौबीस घण्टे की भाषा
एक दिवस के रूप में मनायी जा रही है
जन जन की भाषा हिंदी को
जैसे श्रदांजलि दी जा रही है
डंडा,कौमा,बिंदी जैसे अलंकारों से शोभित
मातृभाषा को अपमानित कर
दोयमदर्जे की,कि जा रही है
कवि लेखक व्यंगकारो के
ह्रदय चक्षुओं को छूने वाली भाषा
लोप की जा रही है
ज्ञान के उच्चतम स्तर को छूने वाली भाषा
अंग्रेजी के सामने तौली जा रही है
जेंटिलमैन बनाना मकसद है अंग्रेजी का
मगर हिंदी,भावनाओं और आत्मा तक पहुँचती है
कितने कवि हुये अंग्रेजी के अब तक
जो मंचन साहित्यों का करते है
                                             प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#hindi_diwas हिंदी भावनाओं और आत्मा तक पहुँचती है #nojotohindi

20 Love

White यह सही है कि हमने अपने बच्चों को देह देने मे उनका सहयोग किया है . पर उनके अंदर की आत्मा को रोपने का काम हमारे द्वारा नहीं हुआ है lll ©Parasram Arora

 White यह सही है

कि हमने अपने 
बच्चों को देह 
देने मे उनका 
सहयोग किया  है
. 
पर उनके अंदर 
की  आत्मा को 
रोपने  का काम 
हमारे द्वारा 
नहीं हुआ है 
lll

©Parasram Arora

आत्मा का रोपण

14 Love

#मोटिवेशनल

प्रमेश्वर् की आत्मा

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White बता सको तो बता दो मुझको किसी को भी ये पता अगर है कि फ़ानी दुनिया है फ़ानी सबकुछ तो क्या सबब है कि ग़म अमर है! ©Ghumnam Gautam

#ghumnamgautam #सबब #अमर #sad_qoute #Quotes  White बता सको तो बता दो मुझको किसी को भी ये पता अगर है
कि फ़ानी दुनिया है फ़ानी सबकुछ तो क्या सबब है कि ग़म अमर है!

©Ghumnam Gautam
#मोटिवेशनल

पर्मेश्वेर की आत्मा

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White जब पितृ पक्ष तो मातृ पछ क्यों नहीं ©डॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.)

#विचार  White जब पितृ पक्ष तो 
मातृ पछ क्यों नहीं

©डॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.)

क्या दोनो आत्मा अलग अलग है

17 Love

White पल्लव की डायरी बारह महीने,चौबीस घण्टे की भाषा एक दिवस के रूप में मनायी जा रही है जन जन की भाषा हिंदी को जैसे श्रदांजलि दी जा रही है डंडा,कौमा,बिंदी जैसे अलंकारों से शोभित मातृभाषा को अपमानित कर दोयमदर्जे की,कि जा रही है कवि लेखक व्यंगकारो के ह्रदय चक्षुओं को छूने वाली भाषा लोप की जा रही है ज्ञान के उच्चतम स्तर को छूने वाली भाषा अंग्रेजी के सामने तौली जा रही है जेंटिलमैन बनाना मकसद है अंग्रेजी का मगर हिंदी,भावनाओं और आत्मा तक पहुँचती है कितने कवि हुये अंग्रेजी के अब तक जो मंचन साहित्यों का करते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #nojotohindi #hindi_diwas  White पल्लव की डायरी
बारह महीने,चौबीस घण्टे की भाषा
एक दिवस के रूप में मनायी जा रही है
जन जन की भाषा हिंदी को
जैसे श्रदांजलि दी जा रही है
डंडा,कौमा,बिंदी जैसे अलंकारों से शोभित
मातृभाषा को अपमानित कर
दोयमदर्जे की,कि जा रही है
कवि लेखक व्यंगकारो के
ह्रदय चक्षुओं को छूने वाली भाषा
लोप की जा रही है
ज्ञान के उच्चतम स्तर को छूने वाली भाषा
अंग्रेजी के सामने तौली जा रही है
जेंटिलमैन बनाना मकसद है अंग्रेजी का
मगर हिंदी,भावनाओं और आत्मा तक पहुँचती है
कितने कवि हुये अंग्रेजी के अब तक
जो मंचन साहित्यों का करते है
                                             प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#hindi_diwas हिंदी भावनाओं और आत्मा तक पहुँचती है #nojotohindi

20 Love

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