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New नैन कटोरे काजल डोरे Status, Photo, Video

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#शायरी

कजरारे नैन

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सोलह शृंगार । (Read in caption) ©Jayesh gulati

#शायरी  सोलह शृंगार ।

(Read in caption)

©Jayesh gulati

*सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा

11 Love

दिल में प्यार का तूफान लेकर बरसता बादल बन जाऊं हसरत मेरी है की आंखों का तेरी आंखों का काजल बन जाऊं ♥️ ©Dharamveer Kumar

 दिल में प्यार का तूफान लेकर बरसता बादल बन जाऊं हसरत मेरी है की आंखों का तेरी आंखों का काजल बन जाऊं ♥️

©Dharamveer Kumar

काजल पर शायरी

12 Love

तेरी नशीली आंखें ओर उन में लगा काजल हाय तुझको देखते ही पागल हुआ जाता हूं तेरी अंखियों में इश्क देखकर मेरी उम्मीदों का मकसद हौसला तुझ में ना था मुझसे जुदा होने का चांदनी रात भी जल जाए जब तू काजल लगा कर आए💋 ©Dharamveer Kumar

 तेरी नशीली आंखें ओर उन में लगा काजल हाय तुझको देखते ही पागल हुआ जाता हूं तेरी अंखियों में इश्क देखकर मेरी उम्मीदों का मकसद हौसला तुझ में ना था मुझसे जुदा होने का चांदनी रात भी जल जाए जब तू काजल लगा कर आए💋

©Dharamveer Kumar

काजल पर शायरी

12 Love

दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो , हुआ हमें भी प्यार ।। करता हूँ मैं आज कल , छोटा सा व्यापार । लेना देना दिल यही , अपना कारोबार ।। कुछ तो मेरी भी सुनो , अब मेरे दिलदार । भर दो झोली आज यह , पड़ा तुम्हारे द्वार ।। कब तक बैठा मैं रहूँ , बोलो अब सरकार । पहनाओ मुझको गले , इन बाँहों का हार ।। महकी महकी यह फिजा , महकी आज बहार । अब तो तेरे नाम से , यह जीवन उजियार ।। अब तो इतनी हैं सनम , मेरी भी दरकार । तेरी बाहों का प्रखर , पड़े गले में हार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार ।
हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।।

इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार ।
लगकर सीने से कहो , हुआ हमें भी प्यार ।।

करता हूँ मैं आज कल , छोटा सा व्यापार ।
लेना देना दिल यही , अपना कारोबार ।।

कुछ तो मेरी भी सुनो , अब मेरे दिलदार ।
भर दो झोली आज यह , पड़ा तुम्हारे द्वार ।।

कब तक बैठा मैं रहूँ , बोलो अब सरकार ।
पहनाओ मुझको गले , इन बाँहों का हार ।।

महकी महकी यह फिजा , महकी आज बहार ।
अब तो तेरे नाम से , यह जीवन उजियार ।।

अब तो इतनी हैं सनम , मेरी भी दरकार ।
तेरी बाहों का प्रखर , पड़े गले में हार ।।                 महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो

13 Love

#शायरी

कजरारे नैन

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सोलह शृंगार । (Read in caption) ©Jayesh gulati

#शायरी  सोलह शृंगार ।

(Read in caption)

©Jayesh gulati

*सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा

11 Love

दिल में प्यार का तूफान लेकर बरसता बादल बन जाऊं हसरत मेरी है की आंखों का तेरी आंखों का काजल बन जाऊं ♥️ ©Dharamveer Kumar

 दिल में प्यार का तूफान लेकर बरसता बादल बन जाऊं हसरत मेरी है की आंखों का तेरी आंखों का काजल बन जाऊं ♥️

©Dharamveer Kumar

काजल पर शायरी

12 Love

तेरी नशीली आंखें ओर उन में लगा काजल हाय तुझको देखते ही पागल हुआ जाता हूं तेरी अंखियों में इश्क देखकर मेरी उम्मीदों का मकसद हौसला तुझ में ना था मुझसे जुदा होने का चांदनी रात भी जल जाए जब तू काजल लगा कर आए💋 ©Dharamveer Kumar

 तेरी नशीली आंखें ओर उन में लगा काजल हाय तुझको देखते ही पागल हुआ जाता हूं तेरी अंखियों में इश्क देखकर मेरी उम्मीदों का मकसद हौसला तुझ में ना था मुझसे जुदा होने का चांदनी रात भी जल जाए जब तू काजल लगा कर आए💋

©Dharamveer Kumar

काजल पर शायरी

12 Love

दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो , हुआ हमें भी प्यार ।। करता हूँ मैं आज कल , छोटा सा व्यापार । लेना देना दिल यही , अपना कारोबार ।। कुछ तो मेरी भी सुनो , अब मेरे दिलदार । भर दो झोली आज यह , पड़ा तुम्हारे द्वार ।। कब तक बैठा मैं रहूँ , बोलो अब सरकार । पहनाओ मुझको गले , इन बाँहों का हार ।। महकी महकी यह फिजा , महकी आज बहार । अब तो तेरे नाम से , यह जीवन उजियार ।। अब तो इतनी हैं सनम , मेरी भी दरकार । तेरी बाहों का प्रखर , पड़े गले में हार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार ।
हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।।

इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार ।
लगकर सीने से कहो , हुआ हमें भी प्यार ।।

करता हूँ मैं आज कल , छोटा सा व्यापार ।
लेना देना दिल यही , अपना कारोबार ।।

कुछ तो मेरी भी सुनो , अब मेरे दिलदार ।
भर दो झोली आज यह , पड़ा तुम्हारे द्वार ।।

कब तक बैठा मैं रहूँ , बोलो अब सरकार ।
पहनाओ मुझको गले , इन बाँहों का हार ।।

महकी महकी यह फिजा , महकी आज बहार ।
अब तो तेरे नाम से , यह जीवन उजियार ।।

अब तो इतनी हैं सनम , मेरी भी दरकार ।
तेरी बाहों का प्रखर , पड़े गले में हार ।।                 महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो

13 Love

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