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New नेल्सन मंडेला वास Status, Photo, Video

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#navratrithoughtsinhindi #navratrithoughts #NavratriFestival #navratrispecial #विचार #navratrivibes

Happy Navratri to all🙏... #jaimatadi इस नवरात्रि अपने अंतर मन को जगाते हैं, किसी और के लिए बैर!!दोष!! को मिटाते हैं। खुद से माता को बुलाते

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White {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब जितना भी तन-मन विचार ओर यत्न से पवित्र रहंगे, उतना ही भगवान् श्री कृष्ण जी के करीब रहंगे, क्यूंकि सदैव पवित्रता में ही भगवान का वास होता है !! N S Yadav GoldMine . ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #International_Day_Of_  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
हम सब जितना भी तन-मन विचार 
ओर यत्न से पवित्र रहंगे, उतना ही 
भगवान् श्री कृष्ण जी के करीब 
रहंगे, क्यूंकि सदैव पवित्रता में ही 
भगवान का वास होता है !!
N S Yadav GoldMine .

©N S Yadav GoldMine

#International_Day_Of_ {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब जितना भी तन-मन विचार ओर यत्न से पवित्र रहंगे, उतना ही भगवान् श्री कृष्ण जी के करीब

14 Love

#स्वतंत्रतादिवस #संस्कृत #15अगस्त #कविता #indepandanceday #indianwriter

सर्वेभ्यः स्वातन्त्र्यदिवसस्य शुभकामना🇮🇳🙏 आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं स्वरचित संस्कृत रचना शीर्षक अस्माकं प्रियं भार

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White रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान । हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।। रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान । कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।। रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार । आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।। अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान । आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।। रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार । हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।। देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास । फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।। राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह । नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White रूपमाला - मदन छन्द 
2122    2122     2122   21
देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम ।
जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।।
दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान ।
हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।।

रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान ।
कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।।
रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार ।
आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।।

अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान ।
आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।।
रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार ।
हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।।

देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास ।
फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।।
राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह ।
नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलें

15 Love

रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।। जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण । हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।। सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी । तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  रोला छन्द :-


राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी ।
मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।।
कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी ।
ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।।

                                                   जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण ।
                                                हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।।
                                             सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी ।
                                             तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज

15 Love

#navratrithoughtsinhindi #navratrithoughts #NavratriFestival #navratrispecial #विचार #navratrivibes

Happy Navratri to all🙏... #jaimatadi इस नवरात्रि अपने अंतर मन को जगाते हैं, किसी और के लिए बैर!!दोष!! को मिटाते हैं। खुद से माता को बुलाते

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White {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब जितना भी तन-मन विचार ओर यत्न से पवित्र रहंगे, उतना ही भगवान् श्री कृष्ण जी के करीब रहंगे, क्यूंकि सदैव पवित्रता में ही भगवान का वास होता है !! N S Yadav GoldMine . ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #International_Day_Of_  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
हम सब जितना भी तन-मन विचार 
ओर यत्न से पवित्र रहंगे, उतना ही 
भगवान् श्री कृष्ण जी के करीब 
रहंगे, क्यूंकि सदैव पवित्रता में ही 
भगवान का वास होता है !!
N S Yadav GoldMine .

©N S Yadav GoldMine

#International_Day_Of_ {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब जितना भी तन-मन विचार ओर यत्न से पवित्र रहंगे, उतना ही भगवान् श्री कृष्ण जी के करीब

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#स्वतंत्रतादिवस #संस्कृत #15अगस्त #कविता #indepandanceday #indianwriter

सर्वेभ्यः स्वातन्त्र्यदिवसस्य शुभकामना🇮🇳🙏 आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं स्वरचित संस्कृत रचना शीर्षक अस्माकं प्रियं भार

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White रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान । हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।। रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान । कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।। रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार । आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।। अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान । आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।। रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार । हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।। देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास । फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।। राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह । नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White रूपमाला - मदन छन्द 
2122    2122     2122   21
देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम ।
जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।।
दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान ।
हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।।

रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान ।
कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।।
रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार ।
आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।।

अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान ।
आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।।
रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार ।
हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।।

देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास ।
फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।।
राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह ।
नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलें

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रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।। जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण । हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।। सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी । तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  रोला छन्द :-


राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी ।
मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।।
कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी ।
ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।।

                                                   जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण ।
                                                हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।।
                                             सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी ।
                                             तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज

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