tags

New सक्करबाग प्राणी संग्रहालय Status, Photo, Video

Find the latest Status about सक्करबाग प्राणी संग्रहालय from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about सक्करबाग प्राणी संग्रहालय.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White पल्लव की डायरी सब जीवों पर करुणा दया ही जीवन की सारभौमिक्ता है शाकाहार पनपे जग में निरीह और मूक प्राणी को मांसाहारीयो से बचाना है नामीबिया के सूखे का संकट घोषणा पशुओं के कत्ल की सरकारी है जैन समाज की पहल,मदद वहाँ पहुँचती है वहाँ की सरकार अपना आदेश वापस करती है उठ खड़े हो जाये सारे समाज और धर्म माँसाहार बंद कर,पशुओं पक्षियों के प्राणों की रक्षा हो सकती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #nojotohindi #Sad_Status  White पल्लव की डायरी
सब जीवों पर करुणा दया ही
जीवन की सारभौमिक्ता है
शाकाहार पनपे जग में
निरीह और मूक प्राणी को
मांसाहारीयो से बचाना है
नामीबिया के सूखे का संकट
घोषणा पशुओं के कत्ल की सरकारी है
जैन समाज की पहल,मदद वहाँ पहुँचती है
वहाँ की सरकार अपना आदेश वापस करती है
उठ खड़े हो जाये सारे समाज और धर्म
माँसाहार बंद कर,पशुओं पक्षियों के
प्राणों की रक्षा हो सकती है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Sad_Status शाकाहार पनपे जग में, मूक प्राणी भी जीवित रह पाये #nojotohindi

17 Love

White 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं जिसे समाप्त होना अनिवार्य होता हैं इस पृथ्वी ,सृष्टि ,धरती,🌎🌍 का यही नियम हैं कालचक्र अपना प्रभाव दिखाता हैं जन्म से मृत्यु का सफर चलता जाता हैं प्राणी, इंसान, मनुष्य, को जो शरीर प्राप्त होता हैं वह समय के अनुसार समाप्त होता हैं 🙏 ©person

#Bhakti #Shiva  White 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं 
परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं 
जिसे समाप्त होना अनिवार्य होता हैं 
इस पृथ्वी ,सृष्टि ,धरती,🌎🌍 का यही नियम हैं 
कालचक्र अपना प्रभाव दिखाता हैं 
जन्म से मृत्यु का सफर चलता जाता हैं 
प्राणी, इंसान, मनुष्य, को जो शरीर प्राप्त होता हैं 
वह समय के अनुसार समाप्त होता हैं 🙏

©person

#Shiva 🙏🙏🙏🙏‌ 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं जिसे समाप्त होना अनिवार्य होत

11 Love

#पढ़नेकेतीनफ़ायदे #Motivational  #पढ़नेकेतीनफ़ायदे 📚👩‍💻

1. दूर हो मन का अंधकार,
होते प्राणी के शुद्ध विचार।

2. जागृत हो मन में प्रेम भाव, 
मन का रुक जाता है भटकाव।

3.बन मित्र यही,करे पवित्र यही, 
उत्तम करती है चरित्र यही।

©Rimpi chaube

#पढ़नेकेतीनफ़ायदे 📚👩‍💻 1. दूर हो मन का अंधकार, होते प्राणी के शुद्ध विचार। 2. जागृत हो मन में प्रेम भाव, मन का रुक जाता है भटकाव। 3.बन मि

117 View

#कलम_की_आवाज़ #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila  कलम की आवाज़ (दोहे)

कलम चीख कर कह रही, सुन प्राणी नादान।
बल को मेरे जानकर, बनता है अनजान।।

खडग काटती एक को, मैं काटूंँ सब साथ।
मन में सच मेरे बसा, दुर्जन पीटें माथ।।

जिसका जैसा हाथ है, कलम करे वह काम।
सच से इसको प्रीत है, जिससे इसका नाम।।

वही कलम से काँपते, जिनके मन में चोर।
अधिकारी फिर सोचते, कैसे होगी भोर।।

जिसको इससे प्रेम है, सुंदर हैं वे लोग।
उत्तम वह रचना करें, करते सही प्रयोग।।

कलम कहे यह जानलो, करो नहीं नाराज़।
मेरी है विनती यही, सभी सुनें आवाज़।।
.........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#कलम_की_आवाज़ #दोहे #nojotohindipoetry nojotohindi कलम की आवाज़ (दोहे) कलम चीख कर कह रही, सुन प्राणी नादान। बल को मेरे जानकर, बनता है अनजान

189 View

रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।। जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण । हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।। सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी । तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  रोला छन्द :-


राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी ।
मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।।
कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी ।
ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।।

                                                   जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण ।
                                                हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।।
                                             सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी ।
                                             तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज

15 Love

रोला छन्द :- रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी । बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।। रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों । बाकी यह संसार , सदा कुंठित ही मानों ।। जीवन है अनमोल ,  अगर रिश्ते पहचानों । बिन अपनों के व्यर्थ , आप ये जीवन मानों ।। दादा-दादी नित्य , नेह की बारिश करते । मातु-पिता है देव , शरण हम उनकी पलते ।। फूफा-फूफी देख , खुशी घर में ले आते । नाना-नानी गाँव , सैर को हम सब जाते ।। रखो नही तुम मैल , कभी भी अपने मन में । हर रिश्ते का मान , करोगे तुम जीवन में ।। रिश्ते हैं आधार , हमारे इस जीवन के । वही खिलायें पुष्प , मनुज रूपी उपवन के ।। चलो सँवारे आज , सभी हम अपने रिश्ते । तोड़ स्वार्थ दीवार , उठायें जो हैं घिसते ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  रोला छन्द :-
रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी ।
बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।।
रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों ।
बाकी यह संसार , सदा कुंठित ही मानों ।।
जीवन है अनमोल ,  अगर रिश्ते पहचानों ।
बिन अपनों के व्यर्थ , आप ये जीवन मानों ।।
दादा-दादी नित्य , नेह की बारिश करते ।
मातु-पिता है देव , शरण हम उनकी पलते ।।
फूफा-फूफी देख , खुशी घर में ले आते ।
नाना-नानी गाँव , सैर को हम सब जाते ।।
रखो नही तुम मैल , कभी भी अपने मन में ।
हर रिश्ते का मान , करोगे तुम जीवन में ।।
रिश्ते हैं आधार , हमारे इस जीवन के ।
वही खिलायें पुष्प , मनुज रूपी उपवन के ।।
चलो सँवारे आज , सभी हम अपने रिश्ते ।
तोड़ स्वार्थ दीवार , उठायें जो हैं घिसते ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रोला छन्द :- रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी । बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।। रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों । बाकी य

12 Love

White पल्लव की डायरी सब जीवों पर करुणा दया ही जीवन की सारभौमिक्ता है शाकाहार पनपे जग में निरीह और मूक प्राणी को मांसाहारीयो से बचाना है नामीबिया के सूखे का संकट घोषणा पशुओं के कत्ल की सरकारी है जैन समाज की पहल,मदद वहाँ पहुँचती है वहाँ की सरकार अपना आदेश वापस करती है उठ खड़े हो जाये सारे समाज और धर्म माँसाहार बंद कर,पशुओं पक्षियों के प्राणों की रक्षा हो सकती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #nojotohindi #Sad_Status  White पल्लव की डायरी
सब जीवों पर करुणा दया ही
जीवन की सारभौमिक्ता है
शाकाहार पनपे जग में
निरीह और मूक प्राणी को
मांसाहारीयो से बचाना है
नामीबिया के सूखे का संकट
घोषणा पशुओं के कत्ल की सरकारी है
जैन समाज की पहल,मदद वहाँ पहुँचती है
वहाँ की सरकार अपना आदेश वापस करती है
उठ खड़े हो जाये सारे समाज और धर्म
माँसाहार बंद कर,पशुओं पक्षियों के
प्राणों की रक्षा हो सकती है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Sad_Status शाकाहार पनपे जग में, मूक प्राणी भी जीवित रह पाये #nojotohindi

17 Love

White 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं जिसे समाप्त होना अनिवार्य होता हैं इस पृथ्वी ,सृष्टि ,धरती,🌎🌍 का यही नियम हैं कालचक्र अपना प्रभाव दिखाता हैं जन्म से मृत्यु का सफर चलता जाता हैं प्राणी, इंसान, मनुष्य, को जो शरीर प्राप्त होता हैं वह समय के अनुसार समाप्त होता हैं 🙏 ©person

#Bhakti #Shiva  White 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं 
परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं 
जिसे समाप्त होना अनिवार्य होता हैं 
इस पृथ्वी ,सृष्टि ,धरती,🌎🌍 का यही नियम हैं 
कालचक्र अपना प्रभाव दिखाता हैं 
जन्म से मृत्यु का सफर चलता जाता हैं 
प्राणी, इंसान, मनुष्य, को जो शरीर प्राप्त होता हैं 
वह समय के अनुसार समाप्त होता हैं 🙏

©person

#Shiva 🙏🙏🙏🙏‌ 🙏हे प्रभु आत्मा दिव्य प्रकाश हैं वह कभी नहीं समाप्त होता हैं परंतु शरीर की एक निश्चित अवधि हैं जिसे समाप्त होना अनिवार्य होत

11 Love

#पढ़नेकेतीनफ़ायदे #Motivational  #पढ़नेकेतीनफ़ायदे 📚👩‍💻

1. दूर हो मन का अंधकार,
होते प्राणी के शुद्ध विचार।

2. जागृत हो मन में प्रेम भाव, 
मन का रुक जाता है भटकाव।

3.बन मित्र यही,करे पवित्र यही, 
उत्तम करती है चरित्र यही।

©Rimpi chaube

#पढ़नेकेतीनफ़ायदे 📚👩‍💻 1. दूर हो मन का अंधकार, होते प्राणी के शुद्ध विचार। 2. जागृत हो मन में प्रेम भाव, मन का रुक जाता है भटकाव। 3.बन मि

117 View

#कलम_की_आवाज़ #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila  कलम की आवाज़ (दोहे)

कलम चीख कर कह रही, सुन प्राणी नादान।
बल को मेरे जानकर, बनता है अनजान।।

खडग काटती एक को, मैं काटूंँ सब साथ।
मन में सच मेरे बसा, दुर्जन पीटें माथ।।

जिसका जैसा हाथ है, कलम करे वह काम।
सच से इसको प्रीत है, जिससे इसका नाम।।

वही कलम से काँपते, जिनके मन में चोर।
अधिकारी फिर सोचते, कैसे होगी भोर।।

जिसको इससे प्रेम है, सुंदर हैं वे लोग।
उत्तम वह रचना करें, करते सही प्रयोग।।

कलम कहे यह जानलो, करो नहीं नाराज़।
मेरी है विनती यही, सभी सुनें आवाज़।।
.........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#कलम_की_आवाज़ #दोहे #nojotohindipoetry nojotohindi कलम की आवाज़ (दोहे) कलम चीख कर कह रही, सुन प्राणी नादान। बल को मेरे जानकर, बनता है अनजान

189 View

रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।। जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण । हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।। सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी । तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  रोला छन्द :-


राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी ।
मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।।
कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी ।
ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।।

                                                   जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण ।
                                                हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।।
                                             सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी ।
                                             तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज

15 Love

रोला छन्द :- रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी । बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।। रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों । बाकी यह संसार , सदा कुंठित ही मानों ।। जीवन है अनमोल ,  अगर रिश्ते पहचानों । बिन अपनों के व्यर्थ , आप ये जीवन मानों ।। दादा-दादी नित्य , नेह की बारिश करते । मातु-पिता है देव , शरण हम उनकी पलते ।। फूफा-फूफी देख , खुशी घर में ले आते । नाना-नानी गाँव , सैर को हम सब जाते ।। रखो नही तुम मैल , कभी भी अपने मन में । हर रिश्ते का मान , करोगे तुम जीवन में ।। रिश्ते हैं आधार , हमारे इस जीवन के । वही खिलायें पुष्प , मनुज रूपी उपवन के ।। चलो सँवारे आज , सभी हम अपने रिश्ते । तोड़ स्वार्थ दीवार , उठायें जो हैं घिसते ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  रोला छन्द :-
रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी ।
बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।।
रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों ।
बाकी यह संसार , सदा कुंठित ही मानों ।।
जीवन है अनमोल ,  अगर रिश्ते पहचानों ।
बिन अपनों के व्यर्थ , आप ये जीवन मानों ।।
दादा-दादी नित्य , नेह की बारिश करते ।
मातु-पिता है देव , शरण हम उनकी पलते ।।
फूफा-फूफी देख , खुशी घर में ले आते ।
नाना-नानी गाँव , सैर को हम सब जाते ।।
रखो नही तुम मैल , कभी भी अपने मन में ।
हर रिश्ते का मान , करोगे तुम जीवन में ।।
रिश्ते हैं आधार , हमारे इस जीवन के ।
वही खिलायें पुष्प , मनुज रूपी उपवन के ।।
चलो सँवारे आज , सभी हम अपने रिश्ते ।
तोड़ स्वार्थ दीवार , उठायें जो हैं घिसते ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रोला छन्द :- रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी । बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।। रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों । बाकी य

12 Love

Trending Topic