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#वीडियो

"रात का रहस्य | चंद्रमा की पूर्णिमा की हत्याओं की जांच और रहस्यमय हत्यारा" - पूर्णिमा की रातों पर होने वाली हत्याएं पुलिस को उलझा देती हैं।

108 View

White ज़ख्म जज्बातों के छुपाये रख्खा हमने कुछ इस कदर मौत को गले लगाये रख्खा इक चाँद दिखा था कल आसमाँ में उसी की तबस्सुम में ख़ुद को उलझाये रख्खा ये दर्द काफ़ी था मियां उसके बिछड़ जाने का पर दिल में खुशी के गुब्बार जगाये रख्खा ना रोया ना आँसू फुज़ूल किया हमने कुछ इस कदर अपना ओहदा बनाये रख्खा ©heart sounds

#sad_quotes  White ज़ख्म जज्बातों के छुपाये रख्खा
हमने कुछ इस कदर मौत को गले लगाये रख्खा

इक चाँद दिखा था कल आसमाँ में
उसी की तबस्सुम में ख़ुद को उलझाये रख्खा

ये दर्द काफ़ी था मियां उसके बिछड़ जाने का
पर दिल में खुशी के गुब्बार जगाये रख्खा

ना रोया ना आँसू फुज़ूल किया हमने
कुछ इस कदर अपना ओहदा बनाये रख्खा

©heart sounds

#sad_quotes ज़ख्म जज्बातों के छुपाये रख्खा हमने कुछ इस कदर मौत को गले लगाये रख्खा इक चाँद दिखा था कल आसमाँ में उसी की तबस्सुम में ख़ुद को उलझ

13 Love

#उलझा_है_मन_खुद_में #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  उलझा है मन खुद में

उलझा है मन खुद में मेरा, 
कैसे अपनी मैं बात कहूँ।
हे शिव जी अब तो कृपा करो, 
तुमसे ही अब मैं आस करूँ।

दुनिया में है ये विष कितना,
बिन पिये मुरझा हम तो रहे।
बाजू में छूरी हैं रखते,
मुख से श्री राम पुकार रहे।

अपराधों की है भीड़ लगी,
ले खंजर अब वे भोंक रहे।
चैनो अमन है कैसे कहें,
वे तो विपदा में झोंक रहे।

अब कैसे हो विश्वास यहांँ,
संशय में जीवन डोल रहा।
जो टूट गये विश्वास यहाँ,
रिश्तों में है जंग बोल रहा।

मानवता को है चोट लगी, 
शैतानी जज़्बे जाग उठे।
संस्कारों की भी बली चढ़ी,
अब देख तमाशा भाग उठे।

उलझा है मन खुद में मेरा, 
कैसे अपनी मैं बात कहूँ।
हे शिव जी अब तो कृपा करो, 
तुमसे ही अब मैं आस करूँ।
.......................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#उलझा_है_मन_खुद_में #nojotohindi #nojotohindipoetry उलझा है मन खुद में उलझा है मन खुद में मेरा, कैसे अपनी मैं बात कहूँ। हे शिव जी अब तो

162 View

अक्सर व्यक्ति परेशान रहता है कि लाइफ में क्या चल रहा है ,समझ न आ रहा , करना तो बहुत कुछ है पर कर न पा रहा , उलझा हुआ है , तो उसको अक्सर बोला जाता भाई 1st स्टेप तो ले.... तो पढियेगा शीर्षक- "पग बढ़ाओ मेरे लाल मार्ग खुद खुल जाएंगे" ©kumar shivam hindustani

#hindi_poetry #motivatation #Trending  अक्सर व्यक्ति परेशान रहता है कि लाइफ में क्या चल रहा है ,समझ न आ रहा , 
करना तो बहुत कुछ है पर कर न पा रहा , उलझा हुआ है ,
तो उसको अक्सर बोला जाता भाई 1st स्टेप तो ले....
तो पढियेगा 

शीर्षक- "पग बढ़ाओ मेरे लाल 
             मार्ग खुद खुल जाएंगे"

©kumar shivam hindustani

अक्सर व्यक्ति परेशान रहता है कि लाइफ में क्या चल रहा है ,समझ न आ रहा , करना तो बहुत कुछ है पर कर न पा रहा , उलझा हुआ है , तो उसको अक्सर बोला

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#वीडियो

"रात का रहस्य | चंद्रमा की पूर्णिमा की हत्याओं की जांच और रहस्यमय हत्यारा" - पूर्णिमा की रातों पर होने वाली हत्याएं पुलिस को उलझा देती हैं।

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White ज़ख्म जज्बातों के छुपाये रख्खा हमने कुछ इस कदर मौत को गले लगाये रख्खा इक चाँद दिखा था कल आसमाँ में उसी की तबस्सुम में ख़ुद को उलझाये रख्खा ये दर्द काफ़ी था मियां उसके बिछड़ जाने का पर दिल में खुशी के गुब्बार जगाये रख्खा ना रोया ना आँसू फुज़ूल किया हमने कुछ इस कदर अपना ओहदा बनाये रख्खा ©heart sounds

#sad_quotes  White ज़ख्म जज्बातों के छुपाये रख्खा
हमने कुछ इस कदर मौत को गले लगाये रख्खा

इक चाँद दिखा था कल आसमाँ में
उसी की तबस्सुम में ख़ुद को उलझाये रख्खा

ये दर्द काफ़ी था मियां उसके बिछड़ जाने का
पर दिल में खुशी के गुब्बार जगाये रख्खा

ना रोया ना आँसू फुज़ूल किया हमने
कुछ इस कदर अपना ओहदा बनाये रख्खा

©heart sounds

#sad_quotes ज़ख्म जज्बातों के छुपाये रख्खा हमने कुछ इस कदर मौत को गले लगाये रख्खा इक चाँद दिखा था कल आसमाँ में उसी की तबस्सुम में ख़ुद को उलझ

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#उलझा_है_मन_खुद_में #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  उलझा है मन खुद में

उलझा है मन खुद में मेरा, 
कैसे अपनी मैं बात कहूँ।
हे शिव जी अब तो कृपा करो, 
तुमसे ही अब मैं आस करूँ।

दुनिया में है ये विष कितना,
बिन पिये मुरझा हम तो रहे।
बाजू में छूरी हैं रखते,
मुख से श्री राम पुकार रहे।

अपराधों की है भीड़ लगी,
ले खंजर अब वे भोंक रहे।
चैनो अमन है कैसे कहें,
वे तो विपदा में झोंक रहे।

अब कैसे हो विश्वास यहांँ,
संशय में जीवन डोल रहा।
जो टूट गये विश्वास यहाँ,
रिश्तों में है जंग बोल रहा।

मानवता को है चोट लगी, 
शैतानी जज़्बे जाग उठे।
संस्कारों की भी बली चढ़ी,
अब देख तमाशा भाग उठे।

उलझा है मन खुद में मेरा, 
कैसे अपनी मैं बात कहूँ।
हे शिव जी अब तो कृपा करो, 
तुमसे ही अब मैं आस करूँ।
.......................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#उलझा_है_मन_खुद_में #nojotohindi #nojotohindipoetry उलझा है मन खुद में उलझा है मन खुद में मेरा, कैसे अपनी मैं बात कहूँ। हे शिव जी अब तो

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अक्सर व्यक्ति परेशान रहता है कि लाइफ में क्या चल रहा है ,समझ न आ रहा , करना तो बहुत कुछ है पर कर न पा रहा , उलझा हुआ है , तो उसको अक्सर बोला जाता भाई 1st स्टेप तो ले.... तो पढियेगा शीर्षक- "पग बढ़ाओ मेरे लाल मार्ग खुद खुल जाएंगे" ©kumar shivam hindustani

#hindi_poetry #motivatation #Trending  अक्सर व्यक्ति परेशान रहता है कि लाइफ में क्या चल रहा है ,समझ न आ रहा , 
करना तो बहुत कुछ है पर कर न पा रहा , उलझा हुआ है ,
तो उसको अक्सर बोला जाता भाई 1st स्टेप तो ले....
तो पढियेगा 

शीर्षक- "पग बढ़ाओ मेरे लाल 
             मार्ग खुद खुल जाएंगे"

©kumar shivam hindustani

अक्सर व्यक्ति परेशान रहता है कि लाइफ में क्या चल रहा है ,समझ न आ रहा , करना तो बहुत कुछ है पर कर न पा रहा , उलझा हुआ है , तो उसको अक्सर बोला

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