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मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब तक प्रियतम | जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम || ©कवि प्रभात

#कविता  मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब  तक  प्रियतम |
जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम ||

©कवि प्रभात

हिंदी कविता कविता कोश कविता

12 Love

#कविता

बारिश पर कविता हिंदी कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता

72 View

तेज़ हवाओ से पर्वत हिलेगा नही सुंदर भूमी पर कमल खिलेगा नही एक जैसी शक्ल के मिलेंगे बहुत  कोई दर्पण के जैसा मिलेगा नही  पुनीत कुमार नैनपुर ©punit shrivas

#कविता #talaash  तेज़ हवाओ से पर्वत हिलेगा नही

सुंदर भूमी पर कमल खिलेगा नही

एक जैसी शक्ल के मिलेंगे बहुत 

कोई दर्पण के जैसा मिलेगा नही 


पुनीत कुमार नैनपुर

©punit shrivas

#talaash देशभक्ति कविता कविता कोश मराठी कविता कविता बारिश पर कविता

13 Love

White वर वर बोलतो देवा मला पाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. वर वर बोलतो देवा तु सर्वस्व, आतमध्ये बोलतो कोणी कोणाचं नसतं. वर वर बोलतो देवा हाकेला धाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. वर वर बोलतो देवा मला पाव, विज्ञानाच्या पायी केला त्याच्यावरच घाव. वर वर बोलतो देवा माझा भाव, आतमध्ये मानवा नाही कशाचाच ठाव. वर वर बोलतो देव माझा धनी, आतमध्ये मानवा फक्त तुला पाहिजे मनी. वर वर दाखवतो समाधानी भाव, आतमध्ये मानवा ईर्ष्या घालती घाव. अश्या ह्या मानवाला, बोध काही केल्या होईना देव न शोधता, त्या दगडातच अडकला??? ©. श्रीरंग

#मराठीकविता  White वर वर बोलतो देवा मला पाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. 
वर वर बोलतो देवा तु सर्वस्व, आतमध्ये बोलतो कोणी कोणाचं नसतं. 
वर वर बोलतो देवा हाकेला धाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव.
 वर वर बोलतो देवा मला पाव, विज्ञानाच्या पायी केला त्याच्यावरच  घाव. 
वर वर बोलतो देवा माझा भाव, आतमध्ये मानवा नाही कशाचाच ठाव. 
वर वर बोलतो देव माझा धनी, आतमध्ये मानवा फक्त तुला पाहिजे मनी.
वर वर दाखवतो समाधानी भाव, आतमध्ये मानवा ईर्ष्या घालती घाव. 
अश्या ह्या मानवाला, बोध काही केल्या होईना
देव न शोधता, त्या  दगडातच अडकला???

©. श्रीरंग

वर वर बोलतो देवा मला पाव.

15 Love

मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh ©bina singh

#कविता #devdas  मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती 
अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती
अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती 
मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती
मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh

©bina singh

#devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश

15 Love

तरक्की का मतलब क्या? चूल्हे पर जलती धीमी लौ, कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो। झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ, जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ। सालों के सफ़र में ये हाथ थके, ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे। इस घर की नींव में उनके पसीने, आज अकेले, बिन किसी साए के जीने। तरक्की का मतलब क्या हुआ? अगर माँ-बाप का सहारा ना बना। जिन्होंने हर मुश्किल सह ली, उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए। दुनिया आगे बढ़ती जाती, पर ये उम्र ठहर सी जाती। सफलता का क्या मतलब है अगर, उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर? ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द, ना झलके आँखों में कोई सर्द। तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे, जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे। ©Amrendra Kumar Thakur

#कविता #oldage  तरक्की का मतलब क्या?


चूल्हे पर जलती धीमी लौ,
कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो।
झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ,
जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ।

सालों के सफ़र में ये हाथ थके,
ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे।
इस घर की नींव में उनके पसीने,
आज अकेले, बिन किसी साए के जीने।

तरक्की का मतलब क्या हुआ?
अगर माँ-बाप का सहारा ना बना।
जिन्होंने हर मुश्किल सह ली,
उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए।

दुनिया आगे बढ़ती जाती,
पर ये उम्र ठहर सी जाती।
सफलता का क्या मतलब है अगर,
उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर?

ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द,
ना झलके आँखों में कोई सर्द।
तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे,
जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे।

©Amrendra Kumar Thakur

#oldage हिंदी कविता कविता कोश कविता हिंदी कविता

13 Love

मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब तक प्रियतम | जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम || ©कवि प्रभात

#कविता  मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब  तक  प्रियतम |
जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम ||

©कवि प्रभात

हिंदी कविता कविता कोश कविता

12 Love

#कविता

बारिश पर कविता हिंदी कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता

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तेज़ हवाओ से पर्वत हिलेगा नही सुंदर भूमी पर कमल खिलेगा नही एक जैसी शक्ल के मिलेंगे बहुत  कोई दर्पण के जैसा मिलेगा नही  पुनीत कुमार नैनपुर ©punit shrivas

#कविता #talaash  तेज़ हवाओ से पर्वत हिलेगा नही

सुंदर भूमी पर कमल खिलेगा नही

एक जैसी शक्ल के मिलेंगे बहुत 

कोई दर्पण के जैसा मिलेगा नही 


पुनीत कुमार नैनपुर

©punit shrivas

#talaash देशभक्ति कविता कविता कोश मराठी कविता कविता बारिश पर कविता

13 Love

White वर वर बोलतो देवा मला पाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. वर वर बोलतो देवा तु सर्वस्व, आतमध्ये बोलतो कोणी कोणाचं नसतं. वर वर बोलतो देवा हाकेला धाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. वर वर बोलतो देवा मला पाव, विज्ञानाच्या पायी केला त्याच्यावरच घाव. वर वर बोलतो देवा माझा भाव, आतमध्ये मानवा नाही कशाचाच ठाव. वर वर बोलतो देव माझा धनी, आतमध्ये मानवा फक्त तुला पाहिजे मनी. वर वर दाखवतो समाधानी भाव, आतमध्ये मानवा ईर्ष्या घालती घाव. अश्या ह्या मानवाला, बोध काही केल्या होईना देव न शोधता, त्या दगडातच अडकला??? ©. श्रीरंग

#मराठीकविता  White वर वर बोलतो देवा मला पाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव. 
वर वर बोलतो देवा तु सर्वस्व, आतमध्ये बोलतो कोणी कोणाचं नसतं. 
वर वर बोलतो देवा हाकेला धाव, आतमध्ये मानवा स्वार्थाचा भाव.
 वर वर बोलतो देवा मला पाव, विज्ञानाच्या पायी केला त्याच्यावरच  घाव. 
वर वर बोलतो देवा माझा भाव, आतमध्ये मानवा नाही कशाचाच ठाव. 
वर वर बोलतो देव माझा धनी, आतमध्ये मानवा फक्त तुला पाहिजे मनी.
वर वर दाखवतो समाधानी भाव, आतमध्ये मानवा ईर्ष्या घालती घाव. 
अश्या ह्या मानवाला, बोध काही केल्या होईना
देव न शोधता, त्या  दगडातच अडकला???

©. श्रीरंग

वर वर बोलतो देवा मला पाव.

15 Love

मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh ©bina singh

#कविता #devdas  मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती 
अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती
अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती 
मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती
मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh

©bina singh

#devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश

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तरक्की का मतलब क्या? चूल्हे पर जलती धीमी लौ, कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो। झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ, जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ। सालों के सफ़र में ये हाथ थके, ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे। इस घर की नींव में उनके पसीने, आज अकेले, बिन किसी साए के जीने। तरक्की का मतलब क्या हुआ? अगर माँ-बाप का सहारा ना बना। जिन्होंने हर मुश्किल सह ली, उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए। दुनिया आगे बढ़ती जाती, पर ये उम्र ठहर सी जाती। सफलता का क्या मतलब है अगर, उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर? ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द, ना झलके आँखों में कोई सर्द। तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे, जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे। ©Amrendra Kumar Thakur

#कविता #oldage  तरक्की का मतलब क्या?


चूल्हे पर जलती धीमी लौ,
कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो।
झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ,
जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ।

सालों के सफ़र में ये हाथ थके,
ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे।
इस घर की नींव में उनके पसीने,
आज अकेले, बिन किसी साए के जीने।

तरक्की का मतलब क्या हुआ?
अगर माँ-बाप का सहारा ना बना।
जिन्होंने हर मुश्किल सह ली,
उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए।

दुनिया आगे बढ़ती जाती,
पर ये उम्र ठहर सी जाती।
सफलता का क्या मतलब है अगर,
उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर?

ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द,
ना झलके आँखों में कोई सर्द।
तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे,
जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे।

©Amrendra Kumar Thakur

#oldage हिंदी कविता कविता कोश कविता हिंदी कविता

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