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कभी गाड़ी पर नाव कभी नाव पर गाड़ी वक्त बदलते ही राजा बनता कोई कबाड़ी समय बहुत बलवान है सबको नाच नचाए सारी दुनिया को अपने कदमों तले झुकाए बाजी पल में पलट दे हारा बने विजेता खुशी बाँटता कभी यह कभी छीन है लेता बेखुद कहता है खुद पर करिए नहीं घमंड वर्ना आज नहीं तो कल मिलेगा इसका दंड (समय) ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #समय  कभी गाड़ी पर नाव
कभी नाव पर गाड़ी
वक्त बदलते ही राजा
बनता कोई कबाड़ी

समय बहुत बलवान है
सबको नाच नचाए
सारी दुनिया को अपने
कदमों तले झुकाए

बाजी पल में पलट दे
हारा बने विजेता
खुशी बाँटता कभी यह
कभी छीन है लेता

बेखुद कहता है खुद पर
करिए नहीं घमंड
वर्ना आज नहीं तो कल
मिलेगा इसका दंड

(समय)

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#समय

12 Love

#विचार #समय

#समय समय की बात है

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White शब्दो को इक्कठा कीजिए चाहे वो कड़वे हो या मधुर क्योंकि जीवन में आगे जाने का रास्ता इन्ही गलियारो से होकर जाता है। । ©लेखक ओझा

#Motivational #sad_quotes  White शब्दो को इक्कठा कीजिए 
चाहे वो कड़वे हो या मधुर
क्योंकि जीवन में आगे जाने का रास्ता 
इन्ही गलियारो से होकर जाता है। ।

©लेखक ओझा

#sad_quotes जीवन में शब्दों का महत्व

10 Love

#मोटिवेशनल

सांसो का महत्व

108 View

White मैसिज वाले इस युग में अब, सोचा है कोई तार लिखूं मैं। जिस दिन दो पल चैन के जी लूँ, बस वो पल इतवार लिखूँ मैं। दिल में दर्द छिपाये बैठे, चेहरे पर मुस्कानें लेकर, सिक्के के दोनों पहलू का, कुछ ऐसा व्यवहार लिखूँ मैं। कथा, कहानी किस्सों की दुनियाँ में, मैं भी बहुत चला हूँ, सात जन्म के बंधन वाले, उस रिश्ते को प्यार लिखूँ मैं। घर से दूर निकल आये हैँ, घर पर जाने की ही खातिर, घर पर ही जो जाने ना दे, ये कैसा रोजगार लिखूँ मैं। शहर की रौनक में खोया है, मेरा गांव का छोटा सा घर, जिस दिन लोटूं उस चौखट पर, बस उस दिन त्यौहार लिखूँ मैं। ।।पुष्पेश्वर तिवारी।। ©Pushpeshwar Tiwari

#कविता  White मैसिज वाले इस युग में अब, सोचा है कोई तार लिखूं मैं।
जिस दिन दो पल चैन के जी लूँ, बस वो पल इतवार लिखूँ मैं।
दिल में दर्द छिपाये बैठे, चेहरे पर मुस्कानें लेकर,
सिक्के के दोनों पहलू का, कुछ ऐसा व्यवहार लिखूँ मैं।
कथा, कहानी किस्सों की दुनियाँ में, मैं भी बहुत चला हूँ,
सात जन्म के बंधन वाले, उस रिश्ते को प्यार लिखूँ मैं।
घर से दूर निकल आये हैँ, घर पर जाने की ही खातिर,
घर पर ही जो जाने ना दे, ये कैसा रोजगार लिखूँ मैं।
शहर की रौनक में खोया है, मेरा गांव का छोटा सा घर,
जिस दिन लोटूं उस चौखट पर, बस उस दिन त्यौहार लिखूँ मैं।

                      ।।पुष्पेश्वर तिवारी।।

©Pushpeshwar Tiwari

समय

6 Love

#वीडियो

समय

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कभी गाड़ी पर नाव कभी नाव पर गाड़ी वक्त बदलते ही राजा बनता कोई कबाड़ी समय बहुत बलवान है सबको नाच नचाए सारी दुनिया को अपने कदमों तले झुकाए बाजी पल में पलट दे हारा बने विजेता खुशी बाँटता कभी यह कभी छीन है लेता बेखुद कहता है खुद पर करिए नहीं घमंड वर्ना आज नहीं तो कल मिलेगा इसका दंड (समय) ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #समय  कभी गाड़ी पर नाव
कभी नाव पर गाड़ी
वक्त बदलते ही राजा
बनता कोई कबाड़ी

समय बहुत बलवान है
सबको नाच नचाए
सारी दुनिया को अपने
कदमों तले झुकाए

बाजी पल में पलट दे
हारा बने विजेता
खुशी बाँटता कभी यह
कभी छीन है लेता

बेखुद कहता है खुद पर
करिए नहीं घमंड
वर्ना आज नहीं तो कल
मिलेगा इसका दंड

(समय)

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#समय

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#विचार #समय

#समय समय की बात है

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White शब्दो को इक्कठा कीजिए चाहे वो कड़वे हो या मधुर क्योंकि जीवन में आगे जाने का रास्ता इन्ही गलियारो से होकर जाता है। । ©लेखक ओझा

#Motivational #sad_quotes  White शब्दो को इक्कठा कीजिए 
चाहे वो कड़वे हो या मधुर
क्योंकि जीवन में आगे जाने का रास्ता 
इन्ही गलियारो से होकर जाता है। ।

©लेखक ओझा

#sad_quotes जीवन में शब्दों का महत्व

10 Love

#मोटिवेशनल

सांसो का महत्व

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White मैसिज वाले इस युग में अब, सोचा है कोई तार लिखूं मैं। जिस दिन दो पल चैन के जी लूँ, बस वो पल इतवार लिखूँ मैं। दिल में दर्द छिपाये बैठे, चेहरे पर मुस्कानें लेकर, सिक्के के दोनों पहलू का, कुछ ऐसा व्यवहार लिखूँ मैं। कथा, कहानी किस्सों की दुनियाँ में, मैं भी बहुत चला हूँ, सात जन्म के बंधन वाले, उस रिश्ते को प्यार लिखूँ मैं। घर से दूर निकल आये हैँ, घर पर जाने की ही खातिर, घर पर ही जो जाने ना दे, ये कैसा रोजगार लिखूँ मैं। शहर की रौनक में खोया है, मेरा गांव का छोटा सा घर, जिस दिन लोटूं उस चौखट पर, बस उस दिन त्यौहार लिखूँ मैं। ।।पुष्पेश्वर तिवारी।। ©Pushpeshwar Tiwari

#कविता  White मैसिज वाले इस युग में अब, सोचा है कोई तार लिखूं मैं।
जिस दिन दो पल चैन के जी लूँ, बस वो पल इतवार लिखूँ मैं।
दिल में दर्द छिपाये बैठे, चेहरे पर मुस्कानें लेकर,
सिक्के के दोनों पहलू का, कुछ ऐसा व्यवहार लिखूँ मैं।
कथा, कहानी किस्सों की दुनियाँ में, मैं भी बहुत चला हूँ,
सात जन्म के बंधन वाले, उस रिश्ते को प्यार लिखूँ मैं।
घर से दूर निकल आये हैँ, घर पर जाने की ही खातिर,
घर पर ही जो जाने ना दे, ये कैसा रोजगार लिखूँ मैं।
शहर की रौनक में खोया है, मेरा गांव का छोटा सा घर,
जिस दिन लोटूं उस चौखट पर, बस उस दिन त्यौहार लिखूँ मैं।

                      ।।पुष्पेश्वर तिवारी।।

©Pushpeshwar Tiwari

समय

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समय

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