White **समय तेरा चक्र निराला**
समय तेरा चक्र है बड़ा निराला,
न थकता, न रुकता, चलता दिवाला।
जो बीता, उसे तूने भुला दिया,
जो आएगा, उसे तूने संवार दिया।
सूरज-चाँद तेरी ही राह में चलते,
दिन-रात तेरे आगे हैं सजते।
कभी हंसाए, कभी रुलाए तू,
हर हाल में हमें आजमाए तू।
तेरी चाल न कोई रोक सका,
तूने बड़े-बड़ों को भी झुकाया।
राजा-रंक, सबको बराबर सिखाया,
तेरे सामने किसी का बल न टिक पाया।
काल के संग तू बहता जाता,
हर पल को नई दिशा में ले जाता।
कभी वसंत की मिठास तू लाए,
कभी पतझड़ की उदासी फैलाए।
समय तेरा चक्र अनंत है भारी,
तू ही सृजन और तू ही विनाशकारी।
हम सब तेरे हाथ की कठपुतली हैं,
तेरे चक्र में सबकी जिंदगी उलझी है।
पर सीख देता है तू हर मोड़ पर,
सहना और संघर्ष करना छोड़ मत।
तू ही सिखाता है आगे बढ़ना,
तेरे साथ चलना ही सच्चा जीवन है।
समय तेरा चक्र निराला है,
तू ही सच्चा साथी और सहारा है।
जो समझा तुझे, वो सफल हो गया,
जो तुझसे भागा, वो व्यर्थ हो गया।
©aditi the writer
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