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White ताउम्र जिदगी को लपेटते लपेटते एक दिन मृत्यु तक जा पहुचे और तभी अनंत को चीरता हुआ एक नया प्राणी उस मृतक की रिक्त जगह को भरने धरती पर अवतिरत हुआ था ©Parasram Arora

 White ताउम्र 
जिदगी को 
लपेटते लपेटते एक 
दिन मृत्यु तक जा पहुचे 

और तभी  अनंत 
को  चीरता   हुआ 
एक नया प्राणी 
उस मृतक की 
रिक्त जगह को 
भरने  धरती पर 
अवतिरत हुआ  था

©Parasram Arora

नया प्राणी

17 Love

गीतांश― प्राण नेहिल दस्तकों ने तज दिए पर पट तुम्हारा मेरे प्रियवर खुल न पाया ©Ghumnam Gautam

#प्राण #दस्तक #नेहिल #ghumnamgautam #Quotes  गीतांश―

प्राण नेहिल दस्तकों ने तज दिए पर
पट तुम्हारा मेरे प्रियवर खुल न पाया

©Ghumnam Gautam

White पल्लव की डायरी सब जीवों पर करुणा दया ही जीवन की सारभौमिक्ता है शाकाहार पनपे जग में निरीह और मूक प्राणी को मांसाहारीयो से बचाना है नामीबिया के सूखे का संकट घोषणा पशुओं के कत्ल की सरकारी है जैन समाज की पहल,मदद वहाँ पहुँचती है वहाँ की सरकार अपना आदेश वापस करती है उठ खड़े हो जाये सारे समाज और धर्म माँसाहार बंद कर,पशुओं पक्षियों के प्राणों की रक्षा हो सकती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #nojotohindi #Sad_Status  White पल्लव की डायरी
सब जीवों पर करुणा दया ही
जीवन की सारभौमिक्ता है
शाकाहार पनपे जग में
निरीह और मूक प्राणी को
मांसाहारीयो से बचाना है
नामीबिया के सूखे का संकट
घोषणा पशुओं के कत्ल की सरकारी है
जैन समाज की पहल,मदद वहाँ पहुँचती है
वहाँ की सरकार अपना आदेश वापस करती है
उठ खड़े हो जाये सारे समाज और धर्म
माँसाहार बंद कर,पशुओं पक्षियों के
प्राणों की रक्षा हो सकती है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Sad_Status शाकाहार पनपे जग में, मूक प्राणी भी जीवित रह पाये #nojotohindi

18 Love

#भक्ति #प्रकाश #ह्रदय #प्राण

117 View

दोहा :- आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-

आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण ।
पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।।

गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।।

पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान ।
निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता

15 Love

दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य । गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।। सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम । याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।। याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम । बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।। जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण । हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण ।
पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।।

गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।।

मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य ।
गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।।

सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम ।
याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।।

याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम ।
बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।।

जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण ।
हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।।

पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान ।
निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।

10 Love

White ताउम्र जिदगी को लपेटते लपेटते एक दिन मृत्यु तक जा पहुचे और तभी अनंत को चीरता हुआ एक नया प्राणी उस मृतक की रिक्त जगह को भरने धरती पर अवतिरत हुआ था ©Parasram Arora

 White ताउम्र 
जिदगी को 
लपेटते लपेटते एक 
दिन मृत्यु तक जा पहुचे 

और तभी  अनंत 
को  चीरता   हुआ 
एक नया प्राणी 
उस मृतक की 
रिक्त जगह को 
भरने  धरती पर 
अवतिरत हुआ  था

©Parasram Arora

नया प्राणी

17 Love

गीतांश― प्राण नेहिल दस्तकों ने तज दिए पर पट तुम्हारा मेरे प्रियवर खुल न पाया ©Ghumnam Gautam

#प्राण #दस्तक #नेहिल #ghumnamgautam #Quotes  गीतांश―

प्राण नेहिल दस्तकों ने तज दिए पर
पट तुम्हारा मेरे प्रियवर खुल न पाया

©Ghumnam Gautam

White पल्लव की डायरी सब जीवों पर करुणा दया ही जीवन की सारभौमिक्ता है शाकाहार पनपे जग में निरीह और मूक प्राणी को मांसाहारीयो से बचाना है नामीबिया के सूखे का संकट घोषणा पशुओं के कत्ल की सरकारी है जैन समाज की पहल,मदद वहाँ पहुँचती है वहाँ की सरकार अपना आदेश वापस करती है उठ खड़े हो जाये सारे समाज और धर्म माँसाहार बंद कर,पशुओं पक्षियों के प्राणों की रक्षा हो सकती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #nojotohindi #Sad_Status  White पल्लव की डायरी
सब जीवों पर करुणा दया ही
जीवन की सारभौमिक्ता है
शाकाहार पनपे जग में
निरीह और मूक प्राणी को
मांसाहारीयो से बचाना है
नामीबिया के सूखे का संकट
घोषणा पशुओं के कत्ल की सरकारी है
जैन समाज की पहल,मदद वहाँ पहुँचती है
वहाँ की सरकार अपना आदेश वापस करती है
उठ खड़े हो जाये सारे समाज और धर्म
माँसाहार बंद कर,पशुओं पक्षियों के
प्राणों की रक्षा हो सकती है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Sad_Status शाकाहार पनपे जग में, मूक प्राणी भी जीवित रह पाये #nojotohindi

18 Love

#भक्ति #प्रकाश #ह्रदय #प्राण

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दोहा :- आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-

आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण ।
पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।।

गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।।

पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान ।
निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- आज पढ़ाकर बेटियाँ  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से देख प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता

15 Love

दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य । गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।। सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम । याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।। याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम । बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।। जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण । हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण ।
पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।।

गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।।

मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य ।
गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।।

सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम ।
याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।।

याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम ।
बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।।

जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण ।
हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।।

पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान ।
निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही  , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।

10 Love

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