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White अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं। दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।। किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं। टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।। कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ। अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।। ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं। में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।। कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं। कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।। मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं। शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं। आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।। शिल्पी जैन सतना ©chahat

#कविता  White  अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं।
दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।।
किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं।
टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।।
कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ।
अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।।
ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं।
में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।।
कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं।
कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।।
मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। 
अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं।
शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं।
आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।।  
                    शिल्पी जैन सतना

©chahat

मुस्करा देती हूं

16 Love

New Ghazal अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं तेरी हर गलतियों को देखता हूं नकाब आंखों पर है अंधा नहीं हूं तू कह के कर तुझे जो भी हो करना तेरी परवाज को रोका नहीं हूं गलत कामों से है तकलीफ मुझको' गलत राहों प मैं चलता नहीं हूं अगर है प्यार तो रुसवाई मत कर झुका हूं इश्क में डरता नहीं हूं ©Qaseem Haider Qaseem

#शायरी #Sad_Status  New Ghazal 

अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं 
जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं

तेरी हर गलतियों को देखता हूं 
नकाब आंखों पर है अंधा नहीं हूं 

तू कह के कर तुझे जो  भी हो करना 
तेरी परवाज को रोका नहीं हूं

गलत कामों से है तकलीफ मुझको'
गलत राहों प मैं चलता नहीं हूं 

अगर है प्यार तो रुसवाई मत कर
 झुका हूं इश्क में डरता नहीं हूं

©Qaseem Haider Qaseem

#Sad_Status New Ghazal अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं तेरी हर गलतियों को देखता हूं नकाब आंखों पर है अंधा न

15 Love

हुस्न मायने नही रखता की आप खूबसूरत हो की नही । हमारे दिल की आवाज़ जिसे चाह ले उसे खूबसूरत बना सकती है ।। ©sanju पहाड़ी

#शायरी  हुस्न मायने नही रखता की आप खूबसूरत हो की नही ।

हमारे दिल की आवाज़ जिसे चाह ले उसे खूबसूरत बना सकती है ।।

©sanju पहाड़ी

# हुस्न मायने नी रखता

13 Love

White पल्लव की डायरी चाँदसा मेरा साजन अपनी छाँव में सदैव रखता है निभायी उसने ऐसी प्रीत हर दुखो और गमो से दूर रखता है सजी सँवरी बैठी में उसकी बदौलत अमानत उसकी बन बैठी हूँ वजूद मेरा किया है उनके बिना दुआ उनके उम्र बढ़ने की करती हूँ चाँद सितारे सब प्रतीक है साजन के लिये हमारी हर धड़कन में वो धड़कते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#nojotohindipoetry #कविता #karwachouth  White पल्लव की डायरी
चाँदसा मेरा साजन
अपनी छाँव में सदैव रखता है
निभायी उसने ऐसी प्रीत
हर दुखो और गमो से दूर रखता है
सजी सँवरी बैठी में उसकी बदौलत
अमानत उसकी बन बैठी हूँ
वजूद मेरा किया है उनके बिना
दुआ उनके उम्र बढ़ने की करती हूँ
चाँद सितारे सब प्रतीक है साजन के लिये
हमारी हर धड़कन में वो धड़कते है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#karwachouth अपनी छाँव में सदैव रखता है #nojotohindipoetry

22 Love

White जब कभी कुछ कह नहीं पाता उसे लिख देता हूं जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता जो रह जाता है उसे लिख देता हूं भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं अपनी जड़ता लिख देता हूं या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं तो उस बहाव को लिख देता हू जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं तो उलझन को कही लिख देता हूं खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।। ©मिहिर

#कविता  White जब कभी कुछ कह नहीं पाता 
उसे लिख देता हूं
जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता 
जो रह जाता है उसे लिख देता हूं 
भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं
अपनी जड़ता लिख देता हूं 
या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं 
तो उस बहाव को लिख देता हू
जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो
तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं
जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं 
तो उलझन को कही लिख देता हूं
खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं 
इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।।

©मिहिर

लिख देता हूं

13 Love

#मोटिवेशनल #मोटिवेशन #विनोद #मिश्र

"मित्रता मुझे और मैं मित्रता को ऊंचे पायदान पर रखता हूं." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन 🖊️

171 View

White अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं। दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।। किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं। टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।। कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ। अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।। ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं। में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।। कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं। कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।। मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं। शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं। आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।। शिल्पी जैन सतना ©chahat

#कविता  White  अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं।
दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।।
किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं।
टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।।
कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ।
अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।।
ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं।
में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।।
कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं।
कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।।
मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। 
अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं।
शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं।
आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।।  
                    शिल्पी जैन सतना

©chahat

मुस्करा देती हूं

16 Love

New Ghazal अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं तेरी हर गलतियों को देखता हूं नकाब आंखों पर है अंधा नहीं हूं तू कह के कर तुझे जो भी हो करना तेरी परवाज को रोका नहीं हूं गलत कामों से है तकलीफ मुझको' गलत राहों प मैं चलता नहीं हूं अगर है प्यार तो रुसवाई मत कर झुका हूं इश्क में डरता नहीं हूं ©Qaseem Haider Qaseem

#शायरी #Sad_Status  New Ghazal 

अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं 
जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं

तेरी हर गलतियों को देखता हूं 
नकाब आंखों पर है अंधा नहीं हूं 

तू कह के कर तुझे जो  भी हो करना 
तेरी परवाज को रोका नहीं हूं

गलत कामों से है तकलीफ मुझको'
गलत राहों प मैं चलता नहीं हूं 

अगर है प्यार तो रुसवाई मत कर
 झुका हूं इश्क में डरता नहीं हूं

©Qaseem Haider Qaseem

#Sad_Status New Ghazal अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं तेरी हर गलतियों को देखता हूं नकाब आंखों पर है अंधा न

15 Love

हुस्न मायने नही रखता की आप खूबसूरत हो की नही । हमारे दिल की आवाज़ जिसे चाह ले उसे खूबसूरत बना सकती है ।। ©sanju पहाड़ी

#शायरी  हुस्न मायने नही रखता की आप खूबसूरत हो की नही ।

हमारे दिल की आवाज़ जिसे चाह ले उसे खूबसूरत बना सकती है ।।

©sanju पहाड़ी

# हुस्न मायने नी रखता

13 Love

White पल्लव की डायरी चाँदसा मेरा साजन अपनी छाँव में सदैव रखता है निभायी उसने ऐसी प्रीत हर दुखो और गमो से दूर रखता है सजी सँवरी बैठी में उसकी बदौलत अमानत उसकी बन बैठी हूँ वजूद मेरा किया है उनके बिना दुआ उनके उम्र बढ़ने की करती हूँ चाँद सितारे सब प्रतीक है साजन के लिये हमारी हर धड़कन में वो धड़कते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#nojotohindipoetry #कविता #karwachouth  White पल्लव की डायरी
चाँदसा मेरा साजन
अपनी छाँव में सदैव रखता है
निभायी उसने ऐसी प्रीत
हर दुखो और गमो से दूर रखता है
सजी सँवरी बैठी में उसकी बदौलत
अमानत उसकी बन बैठी हूँ
वजूद मेरा किया है उनके बिना
दुआ उनके उम्र बढ़ने की करती हूँ
चाँद सितारे सब प्रतीक है साजन के लिये
हमारी हर धड़कन में वो धड़कते है
                                         प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#karwachouth अपनी छाँव में सदैव रखता है #nojotohindipoetry

22 Love

White जब कभी कुछ कह नहीं पाता उसे लिख देता हूं जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता जो रह जाता है उसे लिख देता हूं भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं अपनी जड़ता लिख देता हूं या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं तो उस बहाव को लिख देता हू जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं तो उलझन को कही लिख देता हूं खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।। ©मिहिर

#कविता  White जब कभी कुछ कह नहीं पाता 
उसे लिख देता हूं
जब बेचैनियां बातों से आंखों से बह नही जाता 
जो रह जाता है उसे लिख देता हूं 
भागती दुनिया में कभी लगता है पहाड़ या पेड़ हो गया हूं
अपनी जड़ता लिख देता हूं 
या फिर कभी लगता है नदी या हवा सा बह रहा हूं 
तो उस बहाव को लिख देता हू
जब अंदर और बाहर सिर्फ खामोशी हो
तो उस खामोशी के शून्य को लिख देता हूं
जब खोने पाने की बीच कही उलझा होता हूं 
तो उलझन को कही लिख देता हूं
खुद से खुद को समझता रहूं समझाता रहूं 
इसलिए सब कुछ लिख देता हूं ।।

©मिहिर

लिख देता हूं

13 Love

#मोटिवेशनल #मोटिवेशन #विनोद #मिश्र

"मित्रता मुझे और मैं मित्रता को ऊंचे पायदान पर रखता हूं." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन 🖊️

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