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White एक गीत इनायत सफाकत कहाँ देखता है, आब खोके मुरव्वत कहाँ देखता है। जो सर चढ़के बोले गुरूर आदमी का, फिर जमजम का पानी कहाँ देखता है। अमीरी में दूरी, गरीबी में दूरी, दिलों में जो फ़ासले गहरी कहानी। सचाई के रस्ते से गुजरे जहाँ पे, मगर अब वो रस्ता कहाँ देखता है। सजे हैं महल और चमकती हैं गलियां, मगर दिल का कस्बा कहाँ देखता है। ये दौलत के प्यासे, हैं शौहरत के दीवाने, किसी का भी रस्ता कहाँ देखता है। तू इंसान की शक्लों में मत ढूंढ ऐ दिल, खुदा का इशारा कहाँ देखता है। ये दुनियावी मंजर, ये चाहत के सपने, हक़ीक़त से दूर ये कहाँ देखते हैं। ख्वाबों में ये क्या क्या कहाँ देखता है, दिलों में जो रस्ता कहाँ देखता है। Rajeev राजीव ©samandar Speaks

#कविता #sad_quotes  White एक गीत
इनायत सफाकत कहाँ देखता है,
आब खोके मुरव्वत कहाँ देखता है।
जो सर चढ़के बोले गुरूर आदमी का,
फिर जमजम का पानी कहाँ देखता है।


अमीरी में दूरी, गरीबी में दूरी,
दिलों में जो फ़ासले गहरी कहानी।
सचाई के रस्ते से गुजरे जहाँ पे,
मगर अब वो रस्ता कहाँ देखता है।

सजे हैं महल और चमकती हैं गलियां,
मगर दिल का कस्बा कहाँ देखता है।
ये दौलत के प्यासे, हैं शौहरत के दीवाने,
किसी का भी रस्ता कहाँ देखता है।

तू इंसान की शक्लों में मत ढूंढ ऐ दिल,
खुदा का इशारा कहाँ देखता है।
ये दुनियावी मंजर, ये चाहत के सपने,
हक़ीक़त से दूर ये कहाँ देखते हैं।

ख्वाबों में ये क्या क्या कहाँ देखता है,
दिलों में जो रस्ता कहाँ देखता है।
Rajeev 

राजीव

©samandar Speaks

White "मैं सोचा नहीं करता, कौन अर्जुन है कौन कर्ण है, कौन एकलव्य है मैं तो बस सबको सृजन करता हूं शायद इस बरगद की तरह, जो सबको छांव देता है पर अपनी जड़ें गहरी धरती में गाड़ लेता है हर शाख से नई उम्मीदें खिलती हैं पर मेरे हिस्से में सूनापन ही आता है। मैंने न कभी भेदभाव किया न किसी से कुछ वापस मांगा बस खुद को हर पल लुटाता रहा ताकि वो अपनी पहचान बना सके। कौन कितना आगे बढ़ेगा, मैं नहीं जानता कौन किस ओर मुड़ेगा, मैं नहीं देखता मैं तो बस बीज बोता हूं वो पेड़ बने या फूल, ये उनका भाग्य है। मैं किसी से उम्मीद नहीं करता कौन लौटेगा मेरे पास मैंने अपना धर्म निभाया है अब उनका जीवन उनका प्रयास। शायद इसी में मेरा सुख है कि मेरी छांव में वो पले हैं कभी अर्जुन बनें, कभी कर्ण मगर मेरा हृदय हर एक में धड़कता रहेगा ©samandar Speaks

#कविता #GoodMorning  White 

"मैं सोचा नहीं करता, कौन अर्जुन है
कौन कर्ण है, कौन एकलव्य है
मैं तो बस सबको सृजन करता हूं
शायद इस बरगद की तरह,
जो सबको छांव देता है
पर अपनी जड़ें गहरी धरती में गाड़ लेता है
हर शाख से नई उम्मीदें खिलती हैं
पर मेरे हिस्से में सूनापन ही आता है।
मैंने न कभी भेदभाव किया
न किसी से कुछ वापस मांगा
बस खुद को हर पल लुटाता रहा
ताकि वो अपनी पहचान बना सके।
कौन कितना आगे बढ़ेगा, मैं नहीं जानता
कौन किस ओर मुड़ेगा, मैं नहीं देखता
मैं तो बस बीज बोता हूं
वो पेड़ बने या फूल, ये उनका भाग्य है।
मैं किसी से उम्मीद नहीं करता
कौन लौटेगा मेरे पास
मैंने अपना धर्म निभाया है
अब उनका जीवन उनका प्रयास।
शायद इसी में मेरा सुख है
कि मेरी छांव में वो पले हैं
कभी अर्जुन बनें, कभी कर्ण
मगर मेरा हृदय हर एक में धड़कता रहेगा

©samandar Speaks

White I swear by that gaze of Shyam, A gaze that never leaves my imagination. When I lift my eyelids, he’s in every sight, Even with closed eyes, his wish never fades from within. Curls like anklets teasing his reflection, Those mischievous lips, enchanted by dewdrops, That crimson tint always spills from his lips, This gaze never strays far from Shyam. Dark eyes cast spells so mystic, Focused on the cascade of locks. His words, soulful and serene, This gaze can never part from Shyam. राजीव ©samandar Speaks

#कविता #sad_quotes  White 

I swear by that gaze of Shyam,
A gaze that never leaves my imagination.
When I lift my eyelids, he’s in every sight,
Even with closed eyes, his wish never fades from within.

Curls like anklets teasing his reflection,
Those mischievous lips, enchanted by dewdrops,
That crimson tint always spills from his lips,
This gaze never strays far from Shyam.

Dark eyes cast spells so mystic,
Focused on the cascade of locks.
His words, soulful and serene,
This gaze can never part from Shyam.
राजीव

©samandar Speaks

White "I'm crushed, smashed, yet I'm not defeated, I'm stormed, stunned, stound, still I'm not assaulted, Even Though shadows deep and winds so cold, I stand with strength, fierce and bold. Though battles rage and skies turn gray, I rise again to find my way, In every scar, a story told, Of courage, hope, and dreams untold. The weight of the world may press me down, But never will it make me drown, For in the darkness, a fire burns bright, Guiding me through the endless night. I bend, I break, but I don't fall apart, The fight within still fuels my heart, In shattered pieces, I find my grace, And walk with dignity in every space. Let the storms come, let the winds roar, I’ll rise each time, stronger than before, Unyielding, unbeaten, forever I'll strive, For in my soul, I’m truly alive." Rajeev... ©samandar Speaks

#मोटिवेशनल #good_night  White "I'm crushed, smashed, yet I'm not defeated,
I'm stormed, stunned, stound, still I'm not assaulted,
Even Though shadows deep and winds so cold,
I stand with strength, fierce and bold.

Though battles rage and skies turn gray,
I rise again to find my way,
In every scar, a story told,
Of courage, hope, and dreams untold.

The weight of the world may press me down,
But never will it make me drown,
For in the darkness, a fire burns bright,
Guiding me through the endless night.

I bend, I break, but I don't fall apart,
The fight within still fuels my heart,
In shattered pieces, I find my grace,
And walk with dignity in every space.

Let the storms come, let the winds roar,
I’ll rise each time, stronger than before,
Unyielding, unbeaten, forever I'll strive,
For in my soul, I’m truly alive."
Rajeev...

©samandar Speaks

Anant Chaturdashi “गणपति बप्पा मोरया" ©Akshay Kumar

#wishes  Anant Chaturdashi
“गणपति बप्पा मोरया"

©Akshay Kumar

Happy Anant chaturdashi ji  “गणपति बप्पा मोरया

10 Love

#फ़िल्म

nayanthara with husband anant ambani ceremony

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White एक गीत इनायत सफाकत कहाँ देखता है, आब खोके मुरव्वत कहाँ देखता है। जो सर चढ़के बोले गुरूर आदमी का, फिर जमजम का पानी कहाँ देखता है। अमीरी में दूरी, गरीबी में दूरी, दिलों में जो फ़ासले गहरी कहानी। सचाई के रस्ते से गुजरे जहाँ पे, मगर अब वो रस्ता कहाँ देखता है। सजे हैं महल और चमकती हैं गलियां, मगर दिल का कस्बा कहाँ देखता है। ये दौलत के प्यासे, हैं शौहरत के दीवाने, किसी का भी रस्ता कहाँ देखता है। तू इंसान की शक्लों में मत ढूंढ ऐ दिल, खुदा का इशारा कहाँ देखता है। ये दुनियावी मंजर, ये चाहत के सपने, हक़ीक़त से दूर ये कहाँ देखते हैं। ख्वाबों में ये क्या क्या कहाँ देखता है, दिलों में जो रस्ता कहाँ देखता है। Rajeev राजीव ©samandar Speaks

#कविता #sad_quotes  White एक गीत
इनायत सफाकत कहाँ देखता है,
आब खोके मुरव्वत कहाँ देखता है।
जो सर चढ़के बोले गुरूर आदमी का,
फिर जमजम का पानी कहाँ देखता है।


अमीरी में दूरी, गरीबी में दूरी,
दिलों में जो फ़ासले गहरी कहानी।
सचाई के रस्ते से गुजरे जहाँ पे,
मगर अब वो रस्ता कहाँ देखता है।

सजे हैं महल और चमकती हैं गलियां,
मगर दिल का कस्बा कहाँ देखता है।
ये दौलत के प्यासे, हैं शौहरत के दीवाने,
किसी का भी रस्ता कहाँ देखता है।

तू इंसान की शक्लों में मत ढूंढ ऐ दिल,
खुदा का इशारा कहाँ देखता है।
ये दुनियावी मंजर, ये चाहत के सपने,
हक़ीक़त से दूर ये कहाँ देखते हैं।

ख्वाबों में ये क्या क्या कहाँ देखता है,
दिलों में जो रस्ता कहाँ देखता है।
Rajeev 

राजीव

©samandar Speaks

White "मैं सोचा नहीं करता, कौन अर्जुन है कौन कर्ण है, कौन एकलव्य है मैं तो बस सबको सृजन करता हूं शायद इस बरगद की तरह, जो सबको छांव देता है पर अपनी जड़ें गहरी धरती में गाड़ लेता है हर शाख से नई उम्मीदें खिलती हैं पर मेरे हिस्से में सूनापन ही आता है। मैंने न कभी भेदभाव किया न किसी से कुछ वापस मांगा बस खुद को हर पल लुटाता रहा ताकि वो अपनी पहचान बना सके। कौन कितना आगे बढ़ेगा, मैं नहीं जानता कौन किस ओर मुड़ेगा, मैं नहीं देखता मैं तो बस बीज बोता हूं वो पेड़ बने या फूल, ये उनका भाग्य है। मैं किसी से उम्मीद नहीं करता कौन लौटेगा मेरे पास मैंने अपना धर्म निभाया है अब उनका जीवन उनका प्रयास। शायद इसी में मेरा सुख है कि मेरी छांव में वो पले हैं कभी अर्जुन बनें, कभी कर्ण मगर मेरा हृदय हर एक में धड़कता रहेगा ©samandar Speaks

#कविता #GoodMorning  White 

"मैं सोचा नहीं करता, कौन अर्जुन है
कौन कर्ण है, कौन एकलव्य है
मैं तो बस सबको सृजन करता हूं
शायद इस बरगद की तरह,
जो सबको छांव देता है
पर अपनी जड़ें गहरी धरती में गाड़ लेता है
हर शाख से नई उम्मीदें खिलती हैं
पर मेरे हिस्से में सूनापन ही आता है।
मैंने न कभी भेदभाव किया
न किसी से कुछ वापस मांगा
बस खुद को हर पल लुटाता रहा
ताकि वो अपनी पहचान बना सके।
कौन कितना आगे बढ़ेगा, मैं नहीं जानता
कौन किस ओर मुड़ेगा, मैं नहीं देखता
मैं तो बस बीज बोता हूं
वो पेड़ बने या फूल, ये उनका भाग्य है।
मैं किसी से उम्मीद नहीं करता
कौन लौटेगा मेरे पास
मैंने अपना धर्म निभाया है
अब उनका जीवन उनका प्रयास।
शायद इसी में मेरा सुख है
कि मेरी छांव में वो पले हैं
कभी अर्जुन बनें, कभी कर्ण
मगर मेरा हृदय हर एक में धड़कता रहेगा

©samandar Speaks

White I swear by that gaze of Shyam, A gaze that never leaves my imagination. When I lift my eyelids, he’s in every sight, Even with closed eyes, his wish never fades from within. Curls like anklets teasing his reflection, Those mischievous lips, enchanted by dewdrops, That crimson tint always spills from his lips, This gaze never strays far from Shyam. Dark eyes cast spells so mystic, Focused on the cascade of locks. His words, soulful and serene, This gaze can never part from Shyam. राजीव ©samandar Speaks

#कविता #sad_quotes  White 

I swear by that gaze of Shyam,
A gaze that never leaves my imagination.
When I lift my eyelids, he’s in every sight,
Even with closed eyes, his wish never fades from within.

Curls like anklets teasing his reflection,
Those mischievous lips, enchanted by dewdrops,
That crimson tint always spills from his lips,
This gaze never strays far from Shyam.

Dark eyes cast spells so mystic,
Focused on the cascade of locks.
His words, soulful and serene,
This gaze can never part from Shyam.
राजीव

©samandar Speaks

White "I'm crushed, smashed, yet I'm not defeated, I'm stormed, stunned, stound, still I'm not assaulted, Even Though shadows deep and winds so cold, I stand with strength, fierce and bold. Though battles rage and skies turn gray, I rise again to find my way, In every scar, a story told, Of courage, hope, and dreams untold. The weight of the world may press me down, But never will it make me drown, For in the darkness, a fire burns bright, Guiding me through the endless night. I bend, I break, but I don't fall apart, The fight within still fuels my heart, In shattered pieces, I find my grace, And walk with dignity in every space. Let the storms come, let the winds roar, I’ll rise each time, stronger than before, Unyielding, unbeaten, forever I'll strive, For in my soul, I’m truly alive." Rajeev... ©samandar Speaks

#मोटिवेशनल #good_night  White "I'm crushed, smashed, yet I'm not defeated,
I'm stormed, stunned, stound, still I'm not assaulted,
Even Though shadows deep and winds so cold,
I stand with strength, fierce and bold.

Though battles rage and skies turn gray,
I rise again to find my way,
In every scar, a story told,
Of courage, hope, and dreams untold.

The weight of the world may press me down,
But never will it make me drown,
For in the darkness, a fire burns bright,
Guiding me through the endless night.

I bend, I break, but I don't fall apart,
The fight within still fuels my heart,
In shattered pieces, I find my grace,
And walk with dignity in every space.

Let the storms come, let the winds roar,
I’ll rise each time, stronger than before,
Unyielding, unbeaten, forever I'll strive,
For in my soul, I’m truly alive."
Rajeev...

©samandar Speaks

Anant Chaturdashi “गणपति बप्पा मोरया" ©Akshay Kumar

#wishes  Anant Chaturdashi
“गणपति बप्पा मोरया"

©Akshay Kumar

Happy Anant chaturdashi ji  “गणपति बप्पा मोरया

10 Love

#फ़िल्म

nayanthara with husband anant ambani ceremony

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