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New दाटला मेघ तू सावळा Status, Photo, Video

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#जब  White जब से तू गया, बस तेरी यादें रह गई,
इस दिल में दर्द की एक आह रह गई।
तेरी बातों का असर, तेरी यादों का सफर,
जीने की वजह अब कुछ भी नहीं।

©Vic@tory

#जब से तू गया,

117 View

White लड़की : तू जहाँ-जहाँ चलेगा मेरा साया साथ होगा, लड़का: मुझे तो पहले ही लगता था कि तू भूतनी है.. ©Vijay Shankar

#कॉमेडी  White लड़की : तू जहाँ-जहाँ चलेगा मेरा साया साथ होगा,
लड़का: मुझे तो पहले ही लगता था कि तू भूतनी है..

©Vijay Shankar

लड़की तू जहाँ

14 Love

#मराठीकविता  White रोज नवे नवे ते 
जगण्याचे बहाणे..
सांग मला पुन्हा  
तू भेटशील नव्याने  ?

शेवटच्या भेटीला
आसवांनी नहाने..
सोबतच्या क्षणांना
रोज नव्याने पहाणे..

कितीदा आठवावे
क्षण सुखाचे सुहाने..
आता सांग पुन्हा,
तू भेटशील नव्याने..?

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

तू भेटशील नव्याने

126 View

White ग़ज़ल :- धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं । दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।। खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी । फसल को आज मेरी जो हँसाने मेघ आये हैं ।। किसानों के हमीं साथी बने संसार में देखो । यही तो बात है जो अब जताने मेघ आये हैं ।। कहीं सूखा कहीं गीला प्रकृति के प्रेम पर निर्भर । बनाओ मत हमें बैरी बताने मेघ आये हैं ।। तपन से सूर्य की देखो धरा जब भी हुई प्यासी । सुना है प्यास को उसकी बुझाने मेघ आये हैं ।। भले इंसान थे कल तक मगर शैतान हैं अब तो । उन्हें इंसान अब फिर से बनाने मेघ आये हैं ।। वरुण जी भी हुए क्रोधित तुम्हारी आज हरकत से । सँभल जाओ प्रखर अब तुम सिखाने मेघ आये हैं ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं ।
दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।।

खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी ।
फसल को आज मेरी जो हँसाने मेघ आये हैं ।।

किसानों के हमीं साथी बने संसार में देखो ।
यही तो बात है जो अब जताने मेघ आये हैं ।।

कहीं सूखा कहीं गीला प्रकृति के प्रेम पर निर्भर ।
बनाओ मत हमें बैरी बताने मेघ आये हैं ।।

तपन से सूर्य की देखो धरा जब भी हुई प्यासी ।
सुना है प्यास को उसकी बुझाने मेघ आये हैं ।।

भले इंसान थे कल तक मगर शैतान हैं अब तो ।
उन्हें इंसान अब फिर से बनाने मेघ आये हैं ।।

वरुण जी भी हुए क्रोधित तुम्हारी आज हरकत से ।
सँभल जाओ प्रखर अब तुम सिखाने मेघ आये हैं ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं । दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।। खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी । फसल को आज

12 Love

#मराठीकविता #तुझावेडा

#तुझावेडा तू नकोच आता

135 View

#मराठीकविता #तुझावेडा

#तुझावेडा तू नकोच आता

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#जब  White जब से तू गया, बस तेरी यादें रह गई,
इस दिल में दर्द की एक आह रह गई।
तेरी बातों का असर, तेरी यादों का सफर,
जीने की वजह अब कुछ भी नहीं।

©Vic@tory

#जब से तू गया,

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White लड़की : तू जहाँ-जहाँ चलेगा मेरा साया साथ होगा, लड़का: मुझे तो पहले ही लगता था कि तू भूतनी है.. ©Vijay Shankar

#कॉमेडी  White लड़की : तू जहाँ-जहाँ चलेगा मेरा साया साथ होगा,
लड़का: मुझे तो पहले ही लगता था कि तू भूतनी है..

©Vijay Shankar

लड़की तू जहाँ

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#मराठीकविता  White रोज नवे नवे ते 
जगण्याचे बहाणे..
सांग मला पुन्हा  
तू भेटशील नव्याने  ?

शेवटच्या भेटीला
आसवांनी नहाने..
सोबतच्या क्षणांना
रोज नव्याने पहाणे..

कितीदा आठवावे
क्षण सुखाचे सुहाने..
आता सांग पुन्हा,
तू भेटशील नव्याने..?

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

तू भेटशील नव्याने

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White ग़ज़ल :- धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं । दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।। खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी । फसल को आज मेरी जो हँसाने मेघ आये हैं ।। किसानों के हमीं साथी बने संसार में देखो । यही तो बात है जो अब जताने मेघ आये हैं ।। कहीं सूखा कहीं गीला प्रकृति के प्रेम पर निर्भर । बनाओ मत हमें बैरी बताने मेघ आये हैं ।। तपन से सूर्य की देखो धरा जब भी हुई प्यासी । सुना है प्यास को उसकी बुझाने मेघ आये हैं ।। भले इंसान थे कल तक मगर शैतान हैं अब तो । उन्हें इंसान अब फिर से बनाने मेघ आये हैं ।। वरुण जी भी हुए क्रोधित तुम्हारी आज हरकत से । सँभल जाओ प्रखर अब तुम सिखाने मेघ आये हैं ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं ।
दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।।

खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी ।
फसल को आज मेरी जो हँसाने मेघ आये हैं ।।

किसानों के हमीं साथी बने संसार में देखो ।
यही तो बात है जो अब जताने मेघ आये हैं ।।

कहीं सूखा कहीं गीला प्रकृति के प्रेम पर निर्भर ।
बनाओ मत हमें बैरी बताने मेघ आये हैं ।।

तपन से सूर्य की देखो धरा जब भी हुई प्यासी ।
सुना है प्यास को उसकी बुझाने मेघ आये हैं ।।

भले इंसान थे कल तक मगर शैतान हैं अब तो ।
उन्हें इंसान अब फिर से बनाने मेघ आये हैं ।।

वरुण जी भी हुए क्रोधित तुम्हारी आज हरकत से ।
सँभल जाओ प्रखर अब तुम सिखाने मेघ आये हैं ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- धरा को फिर नई दुल्हन बनाने मेघ आये हैं । दफ़्न जो बीज थे अंदर  उगाने मेघ आये हैं ।। खुशी से झूमता हलधर मुरादें हो गई पूरी । फसल को आज

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#मराठीकविता #तुझावेडा

#तुझावेडा तू नकोच आता

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#मराठीकविता #तुझावेडा

#तुझावेडा तू नकोच आता

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