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New सावन झूलों ने मुझको बुलाया Status, Photo, Video

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White ग़ैरज़रूरी सामान को अब हटाया जाए ज़रा मुताबिक़ से घर को सजाया जाए पराई दौलत सी बची रह गई ये ज़िंदगी कौन सा धन बचा‌ जो अब लुटाया जाए आधी सदी से राह तकता रहा जिसकी उन हसरतों को कलेजे से लगाया जाए लम्हा लम्हा घुट घुटके बेजान से पड़े थे गुज़ारिश है उन ज़ख्मों को रुलाया जाए कुछ वक़्त की होती है ये रानाइयां सारी मंज़र तमाम आँखों से अब हटाया जाए उजालों की तस्करी हुई, हर सू अंधेरा है विरान लंबी राह पर चराग़ जलाया जाए वक़्त ए रुख़्सत बस यह ख़्वाहिश हमारी दोस्त के संग दुश्मन को भी बुलाया जाए जिस नसीब में लिखा न हो उनसे मिलना उस नसीब को हथेलियों से मिटाया जाए ©Ravi Gupta

#sad_quotes #Quotes  White ग़ैरज़रूरी सामान को अब हटाया जाए
ज़रा मुताबिक़ से घर को सजाया जाए

पराई दौलत सी बची रह गई ये ज़िंदगी 
कौन सा धन बचा‌ जो अब लुटाया जाए

आधी सदी से राह तकता रहा जिसकी
उन हसरतों को कलेजे से लगाया जाए

लम्हा लम्हा घुट घुटके बेजान से पड़े थे
गुज़ारिश है उन ज़ख्मों को रुलाया जाए

कुछ वक़्त की होती है ये रानाइयां सारी
मंज़र तमाम आँखों से अब हटाया जाए 

उजालों की तस्करी हुई, हर सू अंधेरा है
विरान लंबी राह पर चराग़ जलाया जाए

वक़्त ए रुख़्सत बस यह ख़्वाहिश हमारी
दोस्त के संग दुश्मन को भी बुलाया जाए

जिस नसीब में लिखा न हो उनसे मिलना
उस नसीब को हथेलियों से मिटाया जाए

©Ravi Gupta

#sad_quotes दोस्तों के साथ दुश्मनों को भी बुलाया जाएं

18 Love

White शीर्षक- मुझको इंतजार है उसका ----------------------------------------------------------------- मुझको इंतजार है उसका, उस दोस्त का जो रूठा है मुझसे, इसलिए कि मैं उसको चाहता हूँ , और वह जरूर आयेगा एक दिन। अभी यह मौसम अच्छा नहीं है, अभी हवा में बहार नहीं है, राह देख रही है फिजा भी, कि कब ये फूल मुस्करायेंगे ? मुझको इंतजार है उसका, उस रोशनी का, जो अभी गुल है, उस शमां का, जो कभी रोशन थी, मेरे करीब, मेरी महफ़िल में। ना अब वह गुंजन है नगमों की, ना अब सुनाई देती है वह कलरव, पक्षियों की मेरे चमन में, बेरंगी है अब ये दरख़्त। पतझड़ चारों तरफ है, क्योंकि मैं अकेला हूँ , मैं कुछ नहीं कर सकता, मुझको इंतजार है उसका। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #मुझको  White शीर्षक- मुझको इंतजार है उसका
-----------------------------------------------------------------
मुझको इंतजार है उसका,
उस दोस्त का जो रूठा है मुझसे,
इसलिए कि मैं उसको चाहता हूँ , 
और वह जरूर आयेगा एक दिन।

अभी यह मौसम अच्छा नहीं है,
अभी हवा में बहार नहीं है,
राह देख रही है फिजा भी,
कि कब ये फूल मुस्करायेंगे ?

मुझको इंतजार है उसका,
उस रोशनी का, जो अभी गुल है, 
उस शमां का, जो कभी रोशन थी,
मेरे करीब, मेरी महफ़िल में।

ना अब वह गुंजन है नगमों की,
ना अब सुनाई देती है वह कलरव,
पक्षियों की मेरे चमन में,
बेरंगी है अब ये दरख़्त।

पतझड़ चारों तरफ है,
क्योंकि मैं अकेला हूँ ,
मैं कुछ नहीं कर सकता,
मुझको इंतजार है उसका।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#मुझको इंतजार है

13 Love

#कविता #love_shayari

#love_shayari जहां सावन की कजली ना हो

207 View

White जिसके पास नही किनारा कोई, मुझको वही साहिल कह लो... कहने में आखिर जाता ही क्या है...? मन करे तो मुझको जाहिल भी कह लो... ©sampankaj 64

 White जिसके पास नही किनारा कोई, 
मुझको वही साहिल कह लो...

कहने में आखिर जाता ही क्या है...? 
मन करे तो मुझको जाहिल भी कह लो...

©sampankaj 64

तुम मुझको जाहिल कहलो... #Nojoto

10 Love

#Facebook #Youtube #Videos #TikTok #Video

सावन के झूलो ने मुझको बुलाया में ♥️♥️♥️#trending #Facebook #TikTok #viral #Youtube #insta #Video

144 View

सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

White ग़ैरज़रूरी सामान को अब हटाया जाए ज़रा मुताबिक़ से घर को सजाया जाए पराई दौलत सी बची रह गई ये ज़िंदगी कौन सा धन बचा‌ जो अब लुटाया जाए आधी सदी से राह तकता रहा जिसकी उन हसरतों को कलेजे से लगाया जाए लम्हा लम्हा घुट घुटके बेजान से पड़े थे गुज़ारिश है उन ज़ख्मों को रुलाया जाए कुछ वक़्त की होती है ये रानाइयां सारी मंज़र तमाम आँखों से अब हटाया जाए उजालों की तस्करी हुई, हर सू अंधेरा है विरान लंबी राह पर चराग़ जलाया जाए वक़्त ए रुख़्सत बस यह ख़्वाहिश हमारी दोस्त के संग दुश्मन को भी बुलाया जाए जिस नसीब में लिखा न हो उनसे मिलना उस नसीब को हथेलियों से मिटाया जाए ©Ravi Gupta

#sad_quotes #Quotes  White ग़ैरज़रूरी सामान को अब हटाया जाए
ज़रा मुताबिक़ से घर को सजाया जाए

पराई दौलत सी बची रह गई ये ज़िंदगी 
कौन सा धन बचा‌ जो अब लुटाया जाए

आधी सदी से राह तकता रहा जिसकी
उन हसरतों को कलेजे से लगाया जाए

लम्हा लम्हा घुट घुटके बेजान से पड़े थे
गुज़ारिश है उन ज़ख्मों को रुलाया जाए

कुछ वक़्त की होती है ये रानाइयां सारी
मंज़र तमाम आँखों से अब हटाया जाए 

उजालों की तस्करी हुई, हर सू अंधेरा है
विरान लंबी राह पर चराग़ जलाया जाए

वक़्त ए रुख़्सत बस यह ख़्वाहिश हमारी
दोस्त के संग दुश्मन को भी बुलाया जाए

जिस नसीब में लिखा न हो उनसे मिलना
उस नसीब को हथेलियों से मिटाया जाए

©Ravi Gupta

#sad_quotes दोस्तों के साथ दुश्मनों को भी बुलाया जाएं

18 Love

White शीर्षक- मुझको इंतजार है उसका ----------------------------------------------------------------- मुझको इंतजार है उसका, उस दोस्त का जो रूठा है मुझसे, इसलिए कि मैं उसको चाहता हूँ , और वह जरूर आयेगा एक दिन। अभी यह मौसम अच्छा नहीं है, अभी हवा में बहार नहीं है, राह देख रही है फिजा भी, कि कब ये फूल मुस्करायेंगे ? मुझको इंतजार है उसका, उस रोशनी का, जो अभी गुल है, उस शमां का, जो कभी रोशन थी, मेरे करीब, मेरी महफ़िल में। ना अब वह गुंजन है नगमों की, ना अब सुनाई देती है वह कलरव, पक्षियों की मेरे चमन में, बेरंगी है अब ये दरख़्त। पतझड़ चारों तरफ है, क्योंकि मैं अकेला हूँ , मैं कुछ नहीं कर सकता, मुझको इंतजार है उसका। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #मुझको  White शीर्षक- मुझको इंतजार है उसका
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मुझको इंतजार है उसका,
उस दोस्त का जो रूठा है मुझसे,
इसलिए कि मैं उसको चाहता हूँ , 
और वह जरूर आयेगा एक दिन।

अभी यह मौसम अच्छा नहीं है,
अभी हवा में बहार नहीं है,
राह देख रही है फिजा भी,
कि कब ये फूल मुस्करायेंगे ?

मुझको इंतजार है उसका,
उस रोशनी का, जो अभी गुल है, 
उस शमां का, जो कभी रोशन थी,
मेरे करीब, मेरी महफ़िल में।

ना अब वह गुंजन है नगमों की,
ना अब सुनाई देती है वह कलरव,
पक्षियों की मेरे चमन में,
बेरंगी है अब ये दरख़्त।

पतझड़ चारों तरफ है,
क्योंकि मैं अकेला हूँ ,
मैं कुछ नहीं कर सकता,
मुझको इंतजार है उसका।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#मुझको इंतजार है

13 Love

#कविता #love_shayari

#love_shayari जहां सावन की कजली ना हो

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White जिसके पास नही किनारा कोई, मुझको वही साहिल कह लो... कहने में आखिर जाता ही क्या है...? मन करे तो मुझको जाहिल भी कह लो... ©sampankaj 64

 White जिसके पास नही किनारा कोई, 
मुझको वही साहिल कह लो...

कहने में आखिर जाता ही क्या है...? 
मन करे तो मुझको जाहिल भी कह लो...

©sampankaj 64

तुम मुझको जाहिल कहलो... #Nojoto

10 Love

#Facebook #Youtube #Videos #TikTok #Video

सावन के झूलो ने मुझको बुलाया में ♥️♥️♥️#trending #Facebook #TikTok #viral #Youtube #insta #Video

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सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'

#रक्षाबंधन #भक्ति #शिवजी #सावन  सावन
डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द)

सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर ।
लख कर जलधर  , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर ।
परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर।
सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर।

©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
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