White part 2
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मेरा शरीर मरा हैं आत्मा नहीं वो इन्साफ की खातिर
भटक रही हैं जब तक मेरे खूनियो क़ो फांसी नहीं हो जाती
मेरी आत्मा भटकती रहेगी और कोई जन्म नहीं लेगी, मैं ही जानती हूँ कि मरना किसे कहते हैं एक आसान मौत होती हैं
जो झटके से चली जाती हैं और दूसरी तड़पाने वाली मौत जो
आत्मा क़ो शरीर से जबरदस्ती बाहर खींची जाती हैं उसे चोट दे कर उसे बुरी तरह मार कर, कोमल अंगों क़ो चीर कर, जिस्म क़ो जबरदस्ती लूट कर, किसी भी लड़की के साथ ऐसा ना हो जो मेरे साथ हुआ आज भी सोच कर मेरी आत्मा काँप जा रही हैं वो शरीर ही नहीं रहा जिस मे मैं जीवित थी वो तो मिट चुका यां मिटा दिया गया उन हैवानो के द्वारा....मैं प्यासी हूँ बहुत उन दरिंदो के ख़ून की जिन्होंने मेरा कितना ख़ून बहाया.... कोई नी बचेगा,,,, सब क़ो फांसी होंगी
©puja udeshi
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