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White // सृजन के संग्राम // इंजीनियरों का जीवन है , मेरी मेहनत का संग्राम हर दिन एक नई चुनौती है , हर रात एक नया काम ।। इन नये नये मशीनों की धुन है , और अनेक विज्ञान का ये मेल उनके बिना ये अधूरी है , हर एक व् नये प्रगति की ये रेल ।। इन पुलों से सड़कों तक, इमारतों से गांव तक ये इंजीनियरों के बिना , ये सब अधूरा है हर ठांव तक ।। उनकी मेहनत और लगन , मेरे इस देश का प्राण है उनके बिना ये अधूरी , हर एक निर्माण की ये शान है ।। अपने इन धातु और कंक्रीट से , रचते नई ये एक कहानियां के उनके बिना ये अधूरी सी , जो हमारी सभी ख्वाहिशें के ।। मेरे देश की तरक्की में , इनकी ही तो सबसे बड़ा योगदान ये इंजीनियर ही तो होते हैं , हर वो निर्माण का प्राण ।। अपने इन रातों की नींद को खोकर, यु करते हर समाधान हर एक समस्या का हल, उनकी वो सोच का कमाल ।। अपने उन सपनों को देते हैं, वो वास्तविकता का रंग वो इंजीनियरों का है ये योगदान , जो सबसे देते अनमोल संग।। ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर #प्रगति #happyengineersday #कविता95 #मेहनत #कविता  White // सृजन के संग्राम //

इंजीनियरों का जीवन है , मेरी मेहनत का संग्राम 
हर दिन एक नई चुनौती है , हर रात एक नया काम ।।
इन नये नये मशीनों की धुन है , और अनेक विज्ञान का ये मेल 
उनके बिना ये अधूरी है , हर एक व् नये प्रगति की ये रेल ।।

इन पुलों से सड़कों तक, इमारतों से गांव तक 
ये इंजीनियरों के बिना , ये सब अधूरा है  हर ठांव तक ।।
उनकी मेहनत और लगन , मेरे इस देश का प्राण है
उनके बिना ये अधूरी , हर एक निर्माण की ये शान है ।।

अपने इन धातु और कंक्रीट से , रचते नई ये एक कहानियां के
उनके बिना ये अधूरी सी , जो हमारी सभी ख्वाहिशें के ।।
मेरे देश की तरक्की में , इनकी ही तो सबसे बड़ा योगदान 
ये इंजीनियर ही तो होते हैं , हर वो निर्माण का प्राण   ।।

अपने इन रातों की नींद को खोकर, यु करते हर समाधान 
हर एक समस्या का हल, उनकी वो सोच का कमाल ।।
अपने उन सपनों को देते हैं, वो वास्तविकता का रंग
वो इंजीनियरों का है ये योगदान , जो सबसे देते अनमोल संग।।

©बेजुबान शायर shivkumar

गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर । गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।। लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने । जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप, बधाई .... तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया । पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।। देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया । रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप , बधाई..... जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो । छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।। रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप , बधाई ... लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये । तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।। मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले । भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो .... जन्मदिवस की आप , बधाई...... राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली । जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।। हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया । झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप, बधाई..... जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप बधाई...

किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर ।
गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।।
लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने ।
जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप, बधाई ....

तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया ।
पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।।
देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया ।
रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप , बधाई.....

जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो ।
छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।।
रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं
सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप , बधाई ...

लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये ।
तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।।
मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले ।
भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो ....
जन्मदिवस की आप , बधाई......

राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली ।
जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।।
हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया ।
झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप, बधाई.....

जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।

 महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जा

13 Love

अभी तो नापी है दो गज जमीन, अभी तो सारा आसमान बाकी है। अभी तो जीता है आधा रण, अभी तो संपूर्ण संग्राम बाकी है। तुमने देखा है शांत  महासागर को, अभी तो सरसराती लहरों का तूफान बाकी है। दिख रही है फिजाओं मे शांति मगर, अभी तो प्रक्षेप्रास्त्र का कोहराम बाकी है।                       -----------आनन्द कुमार ©आनन्द कुमार

#अधिवक्ता_आनन्द_कुमार #संग्राम #कविता #रण #A_K  अभी तो नापी है दो गज जमीन,
अभी तो सारा आसमान बाकी है।

अभी तो जीता है आधा रण,
अभी तो संपूर्ण संग्राम बाकी है।

तुमने देखा है शांत  महासागर को,
अभी तो सरसराती लहरों का तूफान बाकी है।

दिख रही है फिजाओं मे शांति मगर,
अभी तो प्रक्षेप्रास्त्र का कोहराम बाकी है। 

                     -----------आनन्द कुमार

©आनन्द कुमार

White // सृजन के संग्राम // इंजीनियरों का जीवन है , मेरी मेहनत का संग्राम हर दिन एक नई चुनौती है , हर रात एक नया काम ।। इन नये नये मशीनों की धुन है , और अनेक विज्ञान का ये मेल उनके बिना ये अधूरी है , हर एक व् नये प्रगति की ये रेल ।। इन पुलों से सड़कों तक, इमारतों से गांव तक ये इंजीनियरों के बिना , ये सब अधूरा है हर ठांव तक ।। उनकी मेहनत और लगन , मेरे इस देश का प्राण है उनके बिना ये अधूरी , हर एक निर्माण की ये शान है ।। अपने इन धातु और कंक्रीट से , रचते नई ये एक कहानियां के उनके बिना ये अधूरी सी , जो हमारी सभी ख्वाहिशें के ।। मेरे देश की तरक्की में , इनकी ही तो सबसे बड़ा योगदान ये इंजीनियर ही तो होते हैं , हर वो निर्माण का प्राण ।। अपने इन रातों की नींद को खोकर, यु करते हर समाधान हर एक समस्या का हल, उनकी वो सोच का कमाल ।। अपने उन सपनों को देते हैं, वो वास्तविकता का रंग वो इंजीनियरों का है ये योगदान , जो सबसे देते अनमोल संग।। ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर #प्रगति #happyengineersday #कविता95 #मेहनत #कविता  White // सृजन के संग्राम //

इंजीनियरों का जीवन है , मेरी मेहनत का संग्राम 
हर दिन एक नई चुनौती है , हर रात एक नया काम ।।
इन नये नये मशीनों की धुन है , और अनेक विज्ञान का ये मेल 
उनके बिना ये अधूरी है , हर एक व् नये प्रगति की ये रेल ।।

इन पुलों से सड़कों तक, इमारतों से गांव तक 
ये इंजीनियरों के बिना , ये सब अधूरा है  हर ठांव तक ।।
उनकी मेहनत और लगन , मेरे इस देश का प्राण है
उनके बिना ये अधूरी , हर एक निर्माण की ये शान है ।।

अपने इन धातु और कंक्रीट से , रचते नई ये एक कहानियां के
उनके बिना ये अधूरी सी , जो हमारी सभी ख्वाहिशें के ।।
मेरे देश की तरक्की में , इनकी ही तो सबसे बड़ा योगदान 
ये इंजीनियर ही तो होते हैं , हर वो निर्माण का प्राण   ।।

अपने इन रातों की नींद को खोकर, यु करते हर समाधान 
हर एक समस्या का हल, उनकी वो सोच का कमाल ।।
अपने उन सपनों को देते हैं, वो वास्तविकता का रंग
वो इंजीनियरों का है ये योगदान , जो सबसे देते अनमोल संग।।

©बेजुबान शायर shivkumar

गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर । गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।। लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने । जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप, बधाई .... तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया । पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।। देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया । रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप , बधाई..... जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो । छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।। रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो । जन्मदिवस की आप , बधाई ... लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये । तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।। मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले । भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो .... जन्मदिवस की आप , बधाई...... राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली । जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।। हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया । झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप, बधाई..... जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप बधाई...

किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जाकर ।
गया खुशी से फूल , आज उपहार वह पाकर ।।
लाया हूँ सौगात , वहीं मैं तुमको देने ।
जीवन हो खुशहाल , कमाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप, बधाई ....

तुमको करूँ प्रसन्न , गीत वह लिखकर लाया ।
पास न मेरे और , कहीं कोई धन माया ।।
देना था उपहार , जन्मदिन तेरा आया ।
रूठो मत अब आप , मिठाई मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप , बधाई.....

जीवन है संग्राम , नही डर कर तुम भागो ।
छोड़ो विस्तर आज , नींद से अब तो जागो ।।
रहें कलम में धार ,  मातु से यह वर माँगूं
सुन लो मेरी बात , खुदाई मेरी ले लो ।
जन्मदिवस की आप , बधाई ...

लड्डू मोती चूर , मिठाई सारे लाये ।
तेरे लिए बहार , गुलाबी हम ले आये ।।
मैं तो रहा अनाथ , धरा के देखे मेले ।
भू पे आयी नींद , चटाई मेरी ले लो ....
जन्मदिवस की आप , बधाई......

राधे-रानी मातु , वचन देकर यह बोली ।
जा खुशियों में झूम , भरी मैं तेरी झोली ।।
हो जीवन आनंद , तुम्हारा वर मैं पाया ।
झूठ न बोलूँ आज , गवाही मेरी ले लो ।।
जन्मदिवस की आप, बधाई.....

जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो ।
रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।।

 महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- जन्मदिवस की आप , बधाई मेरी ले लो । रोग न आये द्वार , दवाई मेरी ले लो ।। जन्मदिवस की आप बधाई... किया दुआ हर बार , शरण प्रभु की मैं जा

13 Love

अभी तो नापी है दो गज जमीन, अभी तो सारा आसमान बाकी है। अभी तो जीता है आधा रण, अभी तो संपूर्ण संग्राम बाकी है। तुमने देखा है शांत  महासागर को, अभी तो सरसराती लहरों का तूफान बाकी है। दिख रही है फिजाओं मे शांति मगर, अभी तो प्रक्षेप्रास्त्र का कोहराम बाकी है।                       -----------आनन्द कुमार ©आनन्द कुमार

#अधिवक्ता_आनन्द_कुमार #संग्राम #कविता #रण #A_K  अभी तो नापी है दो गज जमीन,
अभी तो सारा आसमान बाकी है।

अभी तो जीता है आधा रण,
अभी तो संपूर्ण संग्राम बाकी है।

तुमने देखा है शांत  महासागर को,
अभी तो सरसराती लहरों का तूफान बाकी है।

दिख रही है फिजाओं मे शांति मगर,
अभी तो प्रक्षेप्रास्त्र का कोहराम बाकी है। 

                     -----------आनन्द कुमार

©आनन्द कुमार
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