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New हरीश कुमार Status, Photo, Video

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इनके गीतों से सुबह, इनके गीतों से शाम करते है, संगीत की देवी है, हम आप को प्रणाम करते है, "हरीश तन्हा" ©Harish Pandey

#wishes  इनके गीतों से सुबह, इनके गीतों से शाम करते है,
संगीत की देवी है, हम आप को प्रणाम करते है,
"हरीश तन्हा"

©Harish Pandey

मां#लता#मंगेशकर#जन्मदिवस#हरीश#तन्हा

12 Love

#Videos

लखन कुमार

54 View

चाँदनी छत पे चल रही होगी, अब अकेली टहल रही होगी। फिर मेरा जिक्र आ गया होगा, वो बरफ़-सी पिघल रही होगी। कल का सपना बहुत सुहाना था, ये उदासी न कल रही होगी। सोचता हूँ कि बंद कमरे में, एक शमआ-सी जल रही होगी। शहर की भीड़-भाड़ से बचकर, तू गली से निकल रही होगी। आज बुनियाद थरथराती है, वो दुआ फूल-फल रही होगी। तेरे गहनों-सी खनखनाती थी, बाज़रे की फ़सल रही होगी। जिन हवाओं ने तुझको दुलराया, उनमें मेरी ग़ज़ल रही होगी। . ©Arpit Mishra

 चाँदनी छत पे चल रही होगी, 
अब अकेली टहल रही होगी।

फिर मेरा जिक्र आ गया होगा, 
वो बरफ़-सी पिघल रही होगी।

कल का सपना बहुत सुहाना था,
 ये उदासी न कल रही होगी।

सोचता हूँ कि बंद कमरे में, 
एक शमआ-सी जल रही होगी।

शहर की भीड़-भाड़ से बचकर, 
तू गली से निकल रही होगी।

आज बुनियाद थरथराती है, 
वो दुआ फूल-फल रही होगी।

तेरे गहनों-सी खनखनाती थी,
बाज़रे की फ़सल रही होगी।

जिन हवाओं ने तुझको दुलराया,
उनमें मेरी ग़ज़ल रही होगी।







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©Arpit Mishra

दुष्यंत कुमार

12 Love

#लव

किशोर कुमार

108 View

#कविता

दुष्यंत कुमार असरार जौनपुरी

252 View

#शायरी  पुलिस कुमार राय

©Pulish Kumar roy

पुलिस कुमार रॉय

153 View

इनके गीतों से सुबह, इनके गीतों से शाम करते है, संगीत की देवी है, हम आप को प्रणाम करते है, "हरीश तन्हा" ©Harish Pandey

#wishes  इनके गीतों से सुबह, इनके गीतों से शाम करते है,
संगीत की देवी है, हम आप को प्रणाम करते है,
"हरीश तन्हा"

©Harish Pandey

मां#लता#मंगेशकर#जन्मदिवस#हरीश#तन्हा

12 Love

#Videos

लखन कुमार

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चाँदनी छत पे चल रही होगी, अब अकेली टहल रही होगी। फिर मेरा जिक्र आ गया होगा, वो बरफ़-सी पिघल रही होगी। कल का सपना बहुत सुहाना था, ये उदासी न कल रही होगी। सोचता हूँ कि बंद कमरे में, एक शमआ-सी जल रही होगी। शहर की भीड़-भाड़ से बचकर, तू गली से निकल रही होगी। आज बुनियाद थरथराती है, वो दुआ फूल-फल रही होगी। तेरे गहनों-सी खनखनाती थी, बाज़रे की फ़सल रही होगी। जिन हवाओं ने तुझको दुलराया, उनमें मेरी ग़ज़ल रही होगी। . ©Arpit Mishra

 चाँदनी छत पे चल रही होगी, 
अब अकेली टहल रही होगी।

फिर मेरा जिक्र आ गया होगा, 
वो बरफ़-सी पिघल रही होगी।

कल का सपना बहुत सुहाना था,
 ये उदासी न कल रही होगी।

सोचता हूँ कि बंद कमरे में, 
एक शमआ-सी जल रही होगी।

शहर की भीड़-भाड़ से बचकर, 
तू गली से निकल रही होगी।

आज बुनियाद थरथराती है, 
वो दुआ फूल-फल रही होगी।

तेरे गहनों-सी खनखनाती थी,
बाज़रे की फ़सल रही होगी।

जिन हवाओं ने तुझको दुलराया,
उनमें मेरी ग़ज़ल रही होगी।







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©Arpit Mishra

दुष्यंत कुमार

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#लव

किशोर कुमार

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#कविता

दुष्यंत कुमार असरार जौनपुरी

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#शायरी  पुलिस कुमार राय

©Pulish Kumar roy

पुलिस कुमार रॉय

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