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दिल कहता है रुठों को मनाना होगा वो न झुकें तो ख़ुद झुक जाना होगा दिल के मेहमाँ हैं वो तमाम नखरों के उन्हें तो सर आँखों में बिठाना होगा तमाम गिले शिकवे भाड़ में डालकर ए दुश्मनों तुम्हें भी गले लगाना होगा जमाना कहता रहे चाहे बुज़दिल मुझे इसी राह मेरे कदमों में जमाना होगा इस जमीं ने इक छत तक न दिया मुझे अब तो हर दिल मकाँ बनाना होगा मैं कब तक उठाकर चलूँ गुरुर अपना इक दिन तो सब ख़ाक में जाना होगा कोई बैठा है मेरे अन्दर स्वासों के लिये बाद मोहलत तो वो भी रवाना होगा ए ज़िंदगी क्या बार बार मिल पायेगी तू हम गये तो फिर जाने कब आना होगा ©अज्ञात
अज्ञात
17 Love
White दर्द ए दिल, कोई शिकवा या शिकायत नहीं, ये निशानी है। खुशी से जी रहे , यादों में जिसकी आज तक, वो जिंदगानी है। ©Anuj Ray
Anuj Ray
12 Love
White बैठी मैं अकेले मैं अक्सर मैने अकेलेपन से दोस्ती की रात के तारों से दोस्ती की दिन की सूरज की किरणों दोस्ती की तन्हाई अक्सर पूछा करती मुझसे तमन्ना क्या है तेरे और मैं कमबख्त जो रोज फिर से तन्हा हो जाती... ©Mahima Bisht
unknownफिलहाल
14 Love
White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha
हिमांशु Kulshreshtha
20 Love
PRAKASH GOURH ~> Azamgarh <~
99 View
Deepak "New Fly of Life"
153 View
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