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White गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास । चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।। इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श । बेटी तुमको करना होगा ... ले आयेगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज । छल बल से फिर कृत्य ही करता , ऐसा आज समाज ।। नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष । बेटी तुमको करना होगा..... हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत । तू न कर शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।। शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष । बेटी तुमको करना होगा ...... बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत :-
बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष ।
तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।।
बेटी तुमको करना होगा...

घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास ।
चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।।
इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श ।
बेटी तुमको करना होगा ...

ले आयेगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज ।
छल बल से फिर कृत्य ही करता , ऐसा आज समाज ।।
नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष ।
बेटी तुमको करना होगा.....

हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत ।
तू न कर शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।।
शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष ।
बेटी तुमको करना होगा ......

बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष ।
तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब

11 Love

White गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास । चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।। इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श । बेटी तुमको करना होगा ... ले आयेंगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज । छल बल से फिर कृत्य करेंगा , ऐसा आज समाज ।। नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष । बेटी तुमको करना होगा..... हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत । तू कर न शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।। शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष । बेटी तुमको करना होगा ...... बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत :-
बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष ।
तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।।
बेटी तुमको करना होगा...

घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास ।
चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।।
इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श ।
बेटी तुमको करना होगा ...

ले आयेंगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज ।
छल बल से फिर कृत्य करेंगा , ऐसा आज समाज ।।
नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष ।
बेटी तुमको करना होगा.....

हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत ।
तू कर न शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।।
शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष ।
बेटी तुमको करना होगा ......

बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष ।
तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब

15 Love

रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।। जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण । हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।। सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी । तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  रोला छन्द :-


राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी ।
मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।।
कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी ।
ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।।

                                                   जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण ।
                                                हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।।
                                             सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी ।
                                             तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज

15 Love

White गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास । चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।। इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श । बेटी तुमको करना होगा ... ले आयेगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज । छल बल से फिर कृत्य ही करता , ऐसा आज समाज ।। नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष । बेटी तुमको करना होगा..... हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत । तू न कर शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।। शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष । बेटी तुमको करना होगा ...... बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत :-
बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष ।
तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।।
बेटी तुमको करना होगा...

घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास ।
चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।।
इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श ।
बेटी तुमको करना होगा ...

ले आयेगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज ।
छल बल से फिर कृत्य ही करता , ऐसा आज समाज ।।
नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष ।
बेटी तुमको करना होगा.....

हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत ।
तू न कर शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।।
शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष ।
बेटी तुमको करना होगा ......

बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष ।
तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब

11 Love

White गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास । चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।। इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श । बेटी तुमको करना होगा ... ले आयेंगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज । छल बल से फिर कृत्य करेंगा , ऐसा आज समाज ।। नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष । बेटी तुमको करना होगा..... हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत । तू कर न शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।। शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष । बेटी तुमको करना होगा ...... बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत :-
बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष ।
तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।।
बेटी तुमको करना होगा...

घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास ।
चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।।
इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श ।
बेटी तुमको करना होगा ...

ले आयेंगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज ।
छल बल से फिर कृत्य करेंगा , ऐसा आज समाज ।।
नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष ।
बेटी तुमको करना होगा.....

हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत ।
तू कर न शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।।
शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष ।
बेटी तुमको करना होगा ......

बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष ।
तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब

15 Love

रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।। जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण । हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।। सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी । तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  रोला छन्द :-


राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी ।
मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।।
कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी ।
ऐसी लीला आज , दिखाये घट-घट वासी ।।

                                                   जन्म-मृत्यु का देख , एक मैं ही हूँ कारण ।
                                                हर जीवन अनमोल , नहीं कोई साधारण ।।
                                             सबमे मेरा वास , समझ ले यह ही प्राणी ।
                                             तेरे मुख से नित्य , निकलती मेरी वाणी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रोला छन्द :- राम सिया का रूप , लगे बिल्कुल वनवासी । मुख पे दिखता तेज , दूर सब दिखे उदासी ।। कहे कोई न भूप , कहे सब ही संयासी । ऐसी लीला आज

15 Love

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