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#मोटिवेशनल #मोटिवेशन #विनोद #मिश्र

""स्वहित में दूसरो का अनहित निहित न हो तो अपना अवसर साधना कोई बुरी बात नहीं है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन

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#कविता #दिव्य #विभा #मन

#दिव्य मंजुल रूप है #मन के भाव #विभा सिंह बघेल परिहार..

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#कविता #अपनी #विभा #करू #मन

#मन के भाव #करू मैं प्रेम मीरा सा #विभा सिंह बघेल परिवार #अपनी कविता

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#साधना #भक्ति

#साधना या प्रार्थना🌹🙏😌💖

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#वीडियो

नोडल अधिकारी व जनप्रतिनिधियों ने भी किया वृक्षारोपण बहराइच ।देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा व प्रदेश के मा. मुख

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White रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान । हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।। रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान । कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।। रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार । आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।। अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान । आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।। रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार । हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।। देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास । फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।। राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह । नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White रूपमाला - मदन छन्द 
2122    2122     2122   21
देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम ।
जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।।
दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान ।
हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।।

रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान ।
कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।।
रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार ।
आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।।

अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान ।
आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।।
रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार ।
हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।।

देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास ।
फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।।
राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह ।
नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलें

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#मोटिवेशनल #मोटिवेशन #विनोद #मिश्र

""स्वहित में दूसरो का अनहित निहित न हो तो अपना अवसर साधना कोई बुरी बात नहीं है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन

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#मन के भाव #करू मैं प्रेम मीरा सा #विभा सिंह बघेल परिवार #अपनी कविता

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नोडल अधिकारी व जनप्रतिनिधियों ने भी किया वृक्षारोपण बहराइच ।देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा व प्रदेश के मा. मुख

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White रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान । हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।। रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान । कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।। रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार । आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।। अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान । आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।। रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार । हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।। देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास । फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।। राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह । नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White रूपमाला - मदन छन्द 
2122    2122     2122   21
देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम ।
जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।।
दिव्य दर्शन भी मिलेंगे , जो करूंगा ध्यान ।
हैं वही आराध्य मेरे, मानता भगवान ।।

रूप उसने लाख बदले, पर वही पहचान ।
कृष्ण राधा राम सीता , हम नहीं अंजान ।।
रूप कल्की का धरो फिर, और लो अवतार ।
आप ही हो इस जगत के , आज पालनहार ।।

अब नही देरी करो प्रभु , बढ़ गये शैतान ।
आज करके ध्यान तेरा , माँगते वरदान ।।
रोक लो नर जाति को अब , कर रहा संहार ।
हैं तुम्हारे भक्त सारे , आज इस संसार ।।

देव दानव और कण-कण , में तुम्हारा वास ।
फिर भटकते आज क्यों है , आपके ही दास ।।
राह उनको भी दिखाओ , भूलते जो राह ।
नित्य सेवा साधना में , जो रखे हैं चाह ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रूपमाला - मदन छन्द  2122    2122     2122   21 देखने की लालसा से, जा रहा हूँ धाम । जानता रहते वहीं हैं , आज अपने राम ।। दिव्य दर्शन भी मिलें

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