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New ये दिल ना होता बेचारा Status, Photo, Video

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ना समझ आया, ना समझाया गया, हम मोहब्बत की गलियों में भटकते रहे, दिल जुड़ा दिल टूटा, पर ये क्यों हुआ ना‌ बताया गया..! ©Himanshu Prajapati

#hpstrange #lovetaj #लव #36gyan  ना समझ आया, ना समझाया गया,
हम मोहब्बत की गलियों में भटकते रहे,
दिल जुड़ा दिल टूटा,
पर ये क्यों हुआ ना‌ बताया गया..!

©Himanshu Prajapati

#lovetaj ना समझ आया, ना समझाया गया, हम मोहब्बत की गलियों में भटकते रहे, दिल जुड़ा दिल टूटा, पर ये क्यों हुआ ना‌ बताया गया..! #36gyan #hpstra

10 Love

कमबख्त ये दिल पढ़ने को बहुत कुछ था मगर कमबख्त तुम्हारा चेहरा ही पढ़ता रहा। कल जब exam देने गया तो पागल तुम्हारा चेहरा ही बनाकर आ गया।। 😂😂 ©Heer

#पागल_प्रेमी #पागलपन #कमबख्त #MoonShayari  कमबख्त ये दिल 

पढ़ने को बहुत कुछ था
मगर कमबख्त तुम्हारा चेहरा ही 
पढ़ता रहा।
कल जब exam देने गया तो 
पागल तुम्हारा चेहरा ही बनाकर 
आ गया।।
😂😂

©Heer

White जन्मभूमि राम की, राम को ना जानते। कुछ मंदबुद्धि है यहां, जो राम को ना मानते । जन्म भूमि राम की, और राम को न जानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां , जो राम को ना मानते । रघुकुल की एक मर्यादा थी, वचनों पर जीवन सादा थी। दुःख की सीमा का अंत नहीं सुख जैसे आधा आधा थी। खुद भगवन जिसके कायल थे ये उन पर कीच उछालते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। कुछ मानवी पिशाच हैं, जो देव को ललकारते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। यह मांगते हैं साक्ष्य, और अंजाम को न जानते । कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो धू - धू करके जल गई , वह लंका भी एक गाथा है । जो धू धू करके जल गई, वह लंका भी एक गाथा है । कलयुग के रावण तुम सुन लो, हमें मजा चखाना आता है। जिसके वीर भक्त हनुमान हुए, तुम उनको ना पहचानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। थे राजपूत पर दंभ न था, वानर, केेंवट भी मित्र हुए। पग जहां जहां भी राम धरे धरती से नभ सब इत्र हुए। गुणगान नहीं कर सकते हैं, ये अपनी राग आलापते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो खुद को ना पहचानते। ये श्री राम को ना जानते। हर्षा मिश्रा ©harsha mishra

#कविता  White जन्मभूमि राम की,
 राम को ना जानते।
 कुछ मंदबुद्धि है यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जन्म भूमि राम की,
 और राम को न जानते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां ,
जो राम को ना मानते ।

रघुकुल की एक मर्यादा थी,
वचनों पर जीवन सादा थी।
दुःख की सीमा का अंत नहीं
सुख जैसे आधा आधा थी।
खुद भगवन जिसके कायल थे
ये उन पर कीच उछालते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।


जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 कुछ मानवी पिशाच हैं,
 जो देव को ललकारते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 यह मांगते हैं साक्ष्य,
 और अंजाम को न जानते ।

कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो धू - धू करके जल गई ,
वह लंका भी एक गाथा है ।
जो धू धू करके जल गई,
 वह लंका भी एक गाथा है ।
कलयुग के रावण तुम सुन लो,
 हमें मजा चखाना आता है।
 जिसके वीर भक्त हनुमान हुए,
 तुम उनको ना पहचानते।
 
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

थे राजपूत पर दंभ न था,
वानर, केेंवट भी मित्र हुए।
पग जहां जहां भी राम धरे
धरती से नभ सब इत्र हुए।

गुणगान नहीं कर सकते हैं,
ये अपनी राग आलापते।
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
जो खुद को ना पहचानते।
ये श्री राम को ना जानते।

हर्षा मिश्रा

©harsha mishra

ये श्री राम को ना मानते,,,,,,

15 Love

#शायरी

किसी से मोहब्बत ना कर दिल

135 View

#love_qoutes #Quotes  White प्यार का एहसास गर ना होता,
तो अब जो होता है कभी ना होता।

©Vandana Rana

प्यार का एहसास गर ना होता, तो अब जो होता है कभी ना होता।#love_qoutes

108 View

वो दिन भी क्या दिन थे । चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था । आंसू मेरे आंखों से आते थे । पोछने  के लिए हात तेरा होता था । कोई मुझे गलत बोले । उसका मुह तोड़े तू । कोई मुझसे झगडे । उससे मुंह मोड लेती तू । क्या भूल गई तू वो वादा । जो हमने अपनी दोस्ती में किया था । ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी । हमे है अपनी दोस्ती की कसम । मेरा दुश्मन तेरा होता था । मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । फिर आज क्या हुआ । जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।   एक वक्त ऐसा था ।   लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।   आज एक वक्त एैसा आया है ।   जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।   बस करो अब नादानी ।   लौट आओ में हूं यही  ।   हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।   भूल जाओ सभी है मिन्नत यही । ©Shailee Rodrigues

#कविता #FriendshipDay  वो दिन भी क्या दिन थे ।
चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था ।
आंसू मेरे आंखों से आते थे ।
पोछने  के लिए हात तेरा होता था ।

कोई मुझे गलत बोले ।
उसका मुह तोड़े तू । 
कोई मुझसे झगडे । 
उससे मुंह मोड लेती तू ।

क्या भूल गई तू वो वादा ।
जो हमने अपनी दोस्ती में किया था ।
ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी ।
हमे है अपनी दोस्ती की कसम ।


मेरा दुश्मन तेरा होता था । 
मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । 
फिर आज क्या हुआ । 
जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।

  एक वक्त ऐसा था ।
  लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।
  आज एक वक्त एैसा आया है ।
  जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।

  बस करो अब नादानी । 
  लौट आओ में हूं यही  ।
  हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।
  भूल जाओ सभी है मिन्नत यही ।

©Shailee Rodrigues

ये दोस्ती ना तोड़ो #FriendshipDay

19 Love

ना समझ आया, ना समझाया गया, हम मोहब्बत की गलियों में भटकते रहे, दिल जुड़ा दिल टूटा, पर ये क्यों हुआ ना‌ बताया गया..! ©Himanshu Prajapati

#hpstrange #lovetaj #लव #36gyan  ना समझ आया, ना समझाया गया,
हम मोहब्बत की गलियों में भटकते रहे,
दिल जुड़ा दिल टूटा,
पर ये क्यों हुआ ना‌ बताया गया..!

©Himanshu Prajapati

#lovetaj ना समझ आया, ना समझाया गया, हम मोहब्बत की गलियों में भटकते रहे, दिल जुड़ा दिल टूटा, पर ये क्यों हुआ ना‌ बताया गया..! #36gyan #hpstra

10 Love

कमबख्त ये दिल पढ़ने को बहुत कुछ था मगर कमबख्त तुम्हारा चेहरा ही पढ़ता रहा। कल जब exam देने गया तो पागल तुम्हारा चेहरा ही बनाकर आ गया।। 😂😂 ©Heer

#पागल_प्रेमी #पागलपन #कमबख्त #MoonShayari  कमबख्त ये दिल 

पढ़ने को बहुत कुछ था
मगर कमबख्त तुम्हारा चेहरा ही 
पढ़ता रहा।
कल जब exam देने गया तो 
पागल तुम्हारा चेहरा ही बनाकर 
आ गया।।
😂😂

©Heer

White जन्मभूमि राम की, राम को ना जानते। कुछ मंदबुद्धि है यहां, जो राम को ना मानते । जन्म भूमि राम की, और राम को न जानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां , जो राम को ना मानते । रघुकुल की एक मर्यादा थी, वचनों पर जीवन सादा थी। दुःख की सीमा का अंत नहीं सुख जैसे आधा आधा थी। खुद भगवन जिसके कायल थे ये उन पर कीच उछालते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। जो शिव धनुष को तोड़े थे, जो सबको पीछे छोड़े थे। कुछ मानवी पिशाच हैं, जो देव को ललकारते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। जो लांघ गई अग्नि को, जो धरती में विलीन है। यह मांगते हैं साक्ष्य, और अंजाम को न जानते । कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते । जो धू - धू करके जल गई , वह लंका भी एक गाथा है । जो धू धू करके जल गई, वह लंका भी एक गाथा है । कलयुग के रावण तुम सुन लो, हमें मजा चखाना आता है। जिसके वीर भक्त हनुमान हुए, तुम उनको ना पहचानते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। थे राजपूत पर दंभ न था, वानर, केेंवट भी मित्र हुए। पग जहां जहां भी राम धरे धरती से नभ सब इत्र हुए। गुणगान नहीं कर सकते हैं, ये अपनी राग आलापते। कुछ मंदबुद्धि हैं यहां, जो राम को ना मानते। कुछ मंद बुद्धि हैं यहां, जो खुद को ना पहचानते। ये श्री राम को ना जानते। हर्षा मिश्रा ©harsha mishra

#कविता  White जन्मभूमि राम की,
 राम को ना जानते।
 कुछ मंदबुद्धि है यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जन्म भूमि राम की,
 और राम को न जानते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां ,
जो राम को ना मानते ।

रघुकुल की एक मर्यादा थी,
वचनों पर जीवन सादा थी।
दुःख की सीमा का अंत नहीं
सुख जैसे आधा आधा थी।
खुद भगवन जिसके कायल थे
ये उन पर कीच उछालते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।


जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 जो शिव धनुष को तोड़े थे,
 जो सबको पीछे छोड़े थे।
 कुछ मानवी पिशाच हैं,
 जो देव को ललकारते।
 कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 जो लांघ गई अग्नि को,
 जो धरती में विलीन है।
 यह मांगते हैं साक्ष्य,
 और अंजाम को न जानते ।

कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते ।

जो धू - धू करके जल गई ,
वह लंका भी एक गाथा है ।
जो धू धू करके जल गई,
 वह लंका भी एक गाथा है ।
कलयुग के रावण तुम सुन लो,
 हमें मजा चखाना आता है।
 जिसके वीर भक्त हनुमान हुए,
 तुम उनको ना पहचानते।
 
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

थे राजपूत पर दंभ न था,
वानर, केेंवट भी मित्र हुए।
पग जहां जहां भी राम धरे
धरती से नभ सब इत्र हुए।

गुणगान नहीं कर सकते हैं,
ये अपनी राग आलापते।
कुछ मंदबुद्धि हैं यहां,
 जो राम को ना मानते।

कुछ मंद बुद्धि हैं यहां,
जो खुद को ना पहचानते।
ये श्री राम को ना जानते।

हर्षा मिश्रा

©harsha mishra

ये श्री राम को ना मानते,,,,,,

15 Love

#शायरी

किसी से मोहब्बत ना कर दिल

135 View

#love_qoutes #Quotes  White प्यार का एहसास गर ना होता,
तो अब जो होता है कभी ना होता।

©Vandana Rana

प्यार का एहसास गर ना होता, तो अब जो होता है कभी ना होता।#love_qoutes

108 View

वो दिन भी क्या दिन थे । चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था । आंसू मेरे आंखों से आते थे । पोछने  के लिए हात तेरा होता था । कोई मुझे गलत बोले । उसका मुह तोड़े तू । कोई मुझसे झगडे । उससे मुंह मोड लेती तू । क्या भूल गई तू वो वादा । जो हमने अपनी दोस्ती में किया था । ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी । हमे है अपनी दोस्ती की कसम । मेरा दुश्मन तेरा होता था । मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । फिर आज क्या हुआ । जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।   एक वक्त ऐसा था ।   लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।   आज एक वक्त एैसा आया है ।   जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।   बस करो अब नादानी ।   लौट आओ में हूं यही  ।   हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।   भूल जाओ सभी है मिन्नत यही । ©Shailee Rodrigues

#कविता #FriendshipDay  वो दिन भी क्या दिन थे ।
चोट लगती मुझे दर्द तुझे होता था ।
आंसू मेरे आंखों से आते थे ।
पोछने  के लिए हात तेरा होता था ।

कोई मुझे गलत बोले ।
उसका मुह तोड़े तू । 
कोई मुझसे झगडे । 
उससे मुंह मोड लेती तू ।

क्या भूल गई तू वो वादा ।
जो हमने अपनी दोस्ती में किया था ।
ना रूठेंगे ना टूटेंगे कभी ।
हमे है अपनी दोस्ती की कसम ।


मेरा दुश्मन तेरा होता था । 
मेरा दोस्त तेरा दोस्त होता था । 
फिर आज क्या हुआ । 
जो तुमने दोस्त को दुश्मन बना लिया ।

  एक वक्त ऐसा था ।
  लोग हमारे दोस्ती पे जलते थे ।
  आज एक वक्त एैसा आया है ।
  जहा दोस्त ही दोस्त के दुश्मन बन गये ।

  बस करो अब नादानी । 
  लौट आओ में हूं यही  ।
  हमारी दोस्ती ना टूटे कभी ।
  भूल जाओ सभी है मिन्नत यही ।

©Shailee Rodrigues

ये दोस्ती ना तोड़ो #FriendshipDay

19 Love

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