गीतों में मेरे इक़ किस्सा गुमनाम आएगा
गुमनाम आएगा, तुम्हारा नाम आएगा
बे-दर्द-ए-दिल की इक कहानी होगी
आधा इश्क़, उसकी जवानी होगी
कहीं न कहीं वो बदनाम आएगा
गुमनाम आएगा, तुम्हारा नाम आएगा
गुज़रती रातें, पनपते ख़्वाब होंगे
सिलवटों में दबे-दबे, कुछ न कुछ आब होंगे
मदहोशी में रहने वाले, यहाँ नाकाम आएगा
गुमनाम आएगा, तुम्हारा नाम आएगा
तेरी यादों में बरसों से, जला जा रहा हूँ
दर्द को दर्द से यूँ ही, मिला जा रहा हूँ
आख़री ख़त का तुम्हें, इक पैग़ाम आएगा
गुमनाम आएगा, तुम्हारा नाम आएगा
©Vishal Pandhare
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