[प्रेम में पडा हुवा एक पुरूष]
पुरुष अहंकारी इतना की झुक के किसी का
आशीर्वाद नहीं लिया,
और प्रेमी इतना की मनपसंद स्त्री की पैरों में झुककर पायल भी पहनाई है,
पुरुष जिसे भूख बर्दाश्त नहीं हुई कभी भी,
उन्होंने मनपसंद स्त्री के लिए करवाचौथ भी रखें,
पुरुष जिन्होंने गलती होने पर भी किसी से
माफी नहीं मांगी,
मनपसंद स्त्री के आगे बिन गलती के हांथ भी जोड़े है,
जहा कभी किसीको एक थप्पड नहीं मारा
वहाँ अपनी प्रेमिका के लिये किसीके हात पैर भी तोडे हैं,
पुरुष जिसे सही से अपनी शर्ट का क्रीच बनाना
नहीं आया,
बखूबी बनाई अपनी मनपसंद स्त्री के साड़ी की प्लेटें,
एक पुरुष सागर से भी गहरा प्रेम कर सकता है,
अगर वह स्त्री संपूर्ण रूप से डूबी हो उसके प्रेम में..!!
©अश्लेष माडे (प्रीत कवी )
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