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White आज किसी ने पहला पन्ना पलटा तो मै झट से दौर पड़ी जी,मै एक किताब हू एक रोज मै खुद को अधूरा पढ़ के अपने ही कमरे मे पड़े पुराने मेज पर छोड़ आई थी आज एक बड़े ही अजीब शक्स ने मुझे पढ़ते हुए गहरी साँसे ली और सरका दिया अरसे से जमे धूल पर समीक्षा वो अपने हृदय मे समेट चला गया मुझे आश्चर्यचकित करता है मेरा रहष्यमयी लिपी होना अब मुझे भी कुछ याद नही की आखिर ऐसी कौन सी नौबत आन पड़ी थी की मै आगे खुद को पढ़ नही पाई जबकि मुझे इंतेजार करना चाहिए था अंत को अंत तक आने का खैर!चरमोत्कर्ष ईश्वर भी चाहता है ©चाँदनी

#रहष्यमयी  White आज किसी ने पहला पन्ना पलटा 
तो मै झट से दौर पड़ी

जी,मै एक किताब हू

एक रोज मै खुद को अधूरा पढ़ के 
अपने  ही कमरे मे पड़े पुराने
मेज पर छोड़ आई थी

आज एक बड़े ही अजीब शक्स
 ने मुझे पढ़ते हुए 

गहरी साँसे ली और सरका
दिया अरसे से जमे धूल 

पर समीक्षा वो अपने
हृदय मे समेट चला गया

मुझे आश्चर्यचकित करता है
मेरा रहष्यमयी लिपी होना

अब मुझे भी कुछ याद नही की 
आखिर ऐसी कौन सी नौबत
आन पड़ी थी की

मै आगे खुद को पढ़ नही पाई
जबकि 

मुझे इंतेजार करना चाहिए था
अंत को अंत तक आने का

खैर!चरमोत्कर्ष ईश्वर भी चाहता है

©चाँदनी

#रहष्यमयी किताब

23 Love

#विचार   एक ऐसा कानून होना चाहिए एक ऐसा कानून होना चाहिए जो आंखों में पट्टी बांध कर न्याय नहीं करें,अपराधियों में खौफ पैदा हो और पारदर्शिता के साथ बराबर न्याय हो, कहीं ऐसा न हो की तारीख पर तारीख ही मिलती रहे और अभी तक ऐसा ही होता है जो दुःखद हैं।

©Satish Kumar Meena

एक ऐसा कानून हो

108 View

White पल्लव की डायरी गफलत में,है लोग जोर अन्याय का बढ़ रहा है तंत्र हावी होकर जनता को नींबू की तरह निचोड़ रहा है अस्त व्यस्त होकर कराहती जनता महँगाई का जिन्न कद में बड़ा हो रहा है माई बाप होती सरकारे जनता की जीने का संबल देती है खजाने का मतलब ही पोषण है जनता को फलने फूलने देती है मगर अब नजरिया शोषण का है ना रोजगार ना नॉकरी करने देती है कानून की पट्टी जनता के बांध अन्य आय संस्थाओं के माध्यम से करती रहती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#international_Justice_day #कविता #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
गफलत में,है लोग
जोर अन्याय का बढ़ रहा है
तंत्र हावी होकर
जनता को नींबू की तरह निचोड़ रहा है
अस्त व्यस्त होकर कराहती जनता
महँगाई का जिन्न कद में बड़ा हो रहा है
माई बाप होती सरकारे जनता की
जीने का संबल देती है
खजाने का मतलब ही पोषण है
जनता को फलने फूलने देती है
मगर अब नजरिया शोषण का है
ना रोजगार ना नॉकरी करने देती है
कानून की पट्टी जनता के बांध
अन्य आय संस्थाओं के 
माध्यम से करती रहती है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#international_Justice_day कानून की पट्टी जनता के बाँध #nojotohindi

18 Love

White मेरी ज़िन्दगी की इस किताब के उन शानदार प्रश्नठो मे कही मेरे छाव वाले सुखो का जिक्र है और कहीं धूप मे तपने और मेहनत के पसीनो की भी. चर्चा है ©Parasram Arora

#कविता  White मेरी ज़िन्दगी की इस किताब के 
उन शानदार प्रश्नठो मे 
कही मेरे छाव  वाले सुखो का जिक्र है 
और कहीं धूप मे तपने और मेहनत के पसीनो 
की भी. चर्चा है

©Parasram Arora

जिंदगी की किताब

12 Love

White मेरी जिंदगीकी इस किताब का हर पृष्ठ अपने आप मे शानदार हैसियत रखता है यही है बे शानदार प्रष्ठ जन्होने मेरे. कितने ही ख्वाबो को हकीकत का ज़ामा पहनाया है ©Parasram Arora

#कविता  White मेरी जिंदगीकी इस किताब का हर पृष्ठ 
अपने आप मे शानदार हैसियत रखता है 


यही है बे शानदार प्रष्ठ जन्होने  मेरे. कितने ही ख्वाबो को हकीकत का ज़ामा पहनाया है

©Parasram Arora

जिदगी की किताब t

16 Love

#international_Justice_day #सस्ता #कानून  White गर कर भी दोगे खून, तो तुम छूट जाओगे,
सब्जी से सस्ता तो, यहां कानून बिकता है,

इंसानी जानोमाल की, कीमत नहीं है कुछ,
इंसान से ज्यादा तो, घर में कुत्ता दिखता है,

इक ओर तो है लूट, है रोटी की हाहाकार,
उनकी महफिलों का खाना, यूं नाली में फ़िंकता है,

गर है कहीं पैसा, तुम्हारी जेबों में भर के,
देखो खरीदी कर के, हर इंसान बिकता है,

वो झूठ ही है जो यहां, सिर चढ़ के है बोले,
दम तोड़ता वो सच, यहां सबको ही दिखता है,

©Pankaj Pahwa

White आज किसी ने पहला पन्ना पलटा तो मै झट से दौर पड़ी जी,मै एक किताब हू एक रोज मै खुद को अधूरा पढ़ के अपने ही कमरे मे पड़े पुराने मेज पर छोड़ आई थी आज एक बड़े ही अजीब शक्स ने मुझे पढ़ते हुए गहरी साँसे ली और सरका दिया अरसे से जमे धूल पर समीक्षा वो अपने हृदय मे समेट चला गया मुझे आश्चर्यचकित करता है मेरा रहष्यमयी लिपी होना अब मुझे भी कुछ याद नही की आखिर ऐसी कौन सी नौबत आन पड़ी थी की मै आगे खुद को पढ़ नही पाई जबकि मुझे इंतेजार करना चाहिए था अंत को अंत तक आने का खैर!चरमोत्कर्ष ईश्वर भी चाहता है ©चाँदनी

#रहष्यमयी  White आज किसी ने पहला पन्ना पलटा 
तो मै झट से दौर पड़ी

जी,मै एक किताब हू

एक रोज मै खुद को अधूरा पढ़ के 
अपने  ही कमरे मे पड़े पुराने
मेज पर छोड़ आई थी

आज एक बड़े ही अजीब शक्स
 ने मुझे पढ़ते हुए 

गहरी साँसे ली और सरका
दिया अरसे से जमे धूल 

पर समीक्षा वो अपने
हृदय मे समेट चला गया

मुझे आश्चर्यचकित करता है
मेरा रहष्यमयी लिपी होना

अब मुझे भी कुछ याद नही की 
आखिर ऐसी कौन सी नौबत
आन पड़ी थी की

मै आगे खुद को पढ़ नही पाई
जबकि 

मुझे इंतेजार करना चाहिए था
अंत को अंत तक आने का

खैर!चरमोत्कर्ष ईश्वर भी चाहता है

©चाँदनी

#रहष्यमयी किताब

23 Love

#विचार   एक ऐसा कानून होना चाहिए एक ऐसा कानून होना चाहिए जो आंखों में पट्टी बांध कर न्याय नहीं करें,अपराधियों में खौफ पैदा हो और पारदर्शिता के साथ बराबर न्याय हो, कहीं ऐसा न हो की तारीख पर तारीख ही मिलती रहे और अभी तक ऐसा ही होता है जो दुःखद हैं।

©Satish Kumar Meena

एक ऐसा कानून हो

108 View

White पल्लव की डायरी गफलत में,है लोग जोर अन्याय का बढ़ रहा है तंत्र हावी होकर जनता को नींबू की तरह निचोड़ रहा है अस्त व्यस्त होकर कराहती जनता महँगाई का जिन्न कद में बड़ा हो रहा है माई बाप होती सरकारे जनता की जीने का संबल देती है खजाने का मतलब ही पोषण है जनता को फलने फूलने देती है मगर अब नजरिया शोषण का है ना रोजगार ना नॉकरी करने देती है कानून की पट्टी जनता के बांध अन्य आय संस्थाओं के माध्यम से करती रहती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#international_Justice_day #कविता #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
गफलत में,है लोग
जोर अन्याय का बढ़ रहा है
तंत्र हावी होकर
जनता को नींबू की तरह निचोड़ रहा है
अस्त व्यस्त होकर कराहती जनता
महँगाई का जिन्न कद में बड़ा हो रहा है
माई बाप होती सरकारे जनता की
जीने का संबल देती है
खजाने का मतलब ही पोषण है
जनता को फलने फूलने देती है
मगर अब नजरिया शोषण का है
ना रोजगार ना नॉकरी करने देती है
कानून की पट्टी जनता के बांध
अन्य आय संस्थाओं के 
माध्यम से करती रहती है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#international_Justice_day कानून की पट्टी जनता के बाँध #nojotohindi

18 Love

White मेरी ज़िन्दगी की इस किताब के उन शानदार प्रश्नठो मे कही मेरे छाव वाले सुखो का जिक्र है और कहीं धूप मे तपने और मेहनत के पसीनो की भी. चर्चा है ©Parasram Arora

#कविता  White मेरी ज़िन्दगी की इस किताब के 
उन शानदार प्रश्नठो मे 
कही मेरे छाव  वाले सुखो का जिक्र है 
और कहीं धूप मे तपने और मेहनत के पसीनो 
की भी. चर्चा है

©Parasram Arora

जिंदगी की किताब

12 Love

White मेरी जिंदगीकी इस किताब का हर पृष्ठ अपने आप मे शानदार हैसियत रखता है यही है बे शानदार प्रष्ठ जन्होने मेरे. कितने ही ख्वाबो को हकीकत का ज़ामा पहनाया है ©Parasram Arora

#कविता  White मेरी जिंदगीकी इस किताब का हर पृष्ठ 
अपने आप मे शानदार हैसियत रखता है 


यही है बे शानदार प्रष्ठ जन्होने  मेरे. कितने ही ख्वाबो को हकीकत का ज़ामा पहनाया है

©Parasram Arora

जिदगी की किताब t

16 Love

#international_Justice_day #सस्ता #कानून  White गर कर भी दोगे खून, तो तुम छूट जाओगे,
सब्जी से सस्ता तो, यहां कानून बिकता है,

इंसानी जानोमाल की, कीमत नहीं है कुछ,
इंसान से ज्यादा तो, घर में कुत्ता दिखता है,

इक ओर तो है लूट, है रोटी की हाहाकार,
उनकी महफिलों का खाना, यूं नाली में फ़िंकता है,

गर है कहीं पैसा, तुम्हारी जेबों में भर के,
देखो खरीदी कर के, हर इंसान बिकता है,

वो झूठ ही है जो यहां, सिर चढ़ के है बोले,
दम तोड़ता वो सच, यहां सबको ही दिखता है,

©Pankaj Pahwa
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