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New रूप बसंत भाग 3 Status, Photo, Video

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White बसंत के मौसम भी कभी-कभी आंखों में ख़्वाब ,पनपने नहीं देते, और इस उम्र निगोड़ी को, ये खुश गवार मौसम चैन से सोने नहीं देते। ©Anuj Ray

#शायरी  White बसंत के मौसम भी कभी-कभी
आंखों में ख़्वाब ,पनपने नहीं देते,

और इस उम्र निगोड़ी को, ये खुश 
गवार मौसम चैन से सोने नहीं देते।

©Anuj Ray

# बसंत के मौसम भी"

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#कविता #treanding #Trending

नकली घी भाग 3 #Trending #treanding हिंदी कविता

81 View

White जैसे जैसे वक्त बीता और वक्त बदलता गया.. हम लोगो ने भी इबादत और पूजा के त्तथाकथित ढंग मे बदलाव कर दिया हैँ क्योंकि इबादत के ढंग बदलने से पहले हमारे धर्म और मज़हबो ने भी अपना रूप बदल लिया है तभी तो आज आये दिन हमें खून खराबो और नफरतों के हिंसक रूप से मुख़ातिब होना पड़ता है झूझना पडता है ©Parasram Arora

#कविता  White जैसे जैसे वक्त बीता और वक्त बदलता गया.. हम लोगो ने भी इबादत और  पूजा के त्तथाकथित  ढंग मे  बदलाव कर दिया हैँ

क्योंकि इबादत के ढंग बदलने से पहले हमारे धर्म और मज़हबो ने भी अपना रूप बदल लिया है  तभी तो आज आये दिन हमें 
खून खराबो और नफरतों के हिंसक रूप से मुख़ातिब  होना पड़ता है 
 झूझना  पडता है

©Parasram Arora

बदलता रूप

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रूप सुहाना कर देती है दूर ठिकाना कर देती है माँग की ये सिंदूरी रेखा कितनों को बेगाना कर देती है ©Ghumnam Gautam

#सिन्दूर #ghumnamgautam #रूप #Quotes  रूप सुहाना कर देती है दूर ठिकाना कर देती है
माँग की ये सिंदूरी रेखा कितनों को बेगाना कर देती है

©Ghumnam Gautam
#मराठीकविता  एकमेकांच्या हातानी
एकमेकांस भरवतील..
काही काही महाभाग
नकळत पने रडवतील..

स्वयंपाक करताना सारे 
मोबाईल घेऊन बसायचे..
चल दादा _चाल भाऊ
गोड  बोललं की उठायचे ..

जेवण बनल्यावर सारे
समोर एकत्र दिसायचे..
जेवनानंतर भांडी घासायला
सारेच गायब व्हायचे..

रूम भाडे भरताना
एकेक कारण सांगायचे...
कसेही असले तरी
एकमेकांना सांभाळायाचे..

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

रूम मेट स भाग ४

135 View

#मराठीकविता  एकमेकांचे चोरून खाण्यात
एक वेगळी ती मजा होती..
पकडलो कधी गेल्यावर 
अनोळखी ती सजा होती..

मित्राचा बॉडी स्प्रे चां सुगंध 
खूप छान वाटायचा..
चोरून स्प्रे केल्यावर 
तो आनंद बेभान मिळायचा..

जो तो घरून येताना
आईचा फराळ आणायचा..
मिञ नसताना खोलीवर
इतरांनी डल्ला टाकायचा..

चहा प्यायचा म्हंटल्यावर
सगळे सोबत असायचे..
बिल भरताना टपरीवरती
कुणीही नाही दिसायचे...

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

रूम मेट स भाग ३

99 View

White बसंत के मौसम भी कभी-कभी आंखों में ख़्वाब ,पनपने नहीं देते, और इस उम्र निगोड़ी को, ये खुश गवार मौसम चैन से सोने नहीं देते। ©Anuj Ray

#शायरी  White बसंत के मौसम भी कभी-कभी
आंखों में ख़्वाब ,पनपने नहीं देते,

और इस उम्र निगोड़ी को, ये खुश 
गवार मौसम चैन से सोने नहीं देते।

©Anuj Ray

# बसंत के मौसम भी"

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#कविता #treanding #Trending

नकली घी भाग 3 #Trending #treanding हिंदी कविता

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White जैसे जैसे वक्त बीता और वक्त बदलता गया.. हम लोगो ने भी इबादत और पूजा के त्तथाकथित ढंग मे बदलाव कर दिया हैँ क्योंकि इबादत के ढंग बदलने से पहले हमारे धर्म और मज़हबो ने भी अपना रूप बदल लिया है तभी तो आज आये दिन हमें खून खराबो और नफरतों के हिंसक रूप से मुख़ातिब होना पड़ता है झूझना पडता है ©Parasram Arora

#कविता  White जैसे जैसे वक्त बीता और वक्त बदलता गया.. हम लोगो ने भी इबादत और  पूजा के त्तथाकथित  ढंग मे  बदलाव कर दिया हैँ

क्योंकि इबादत के ढंग बदलने से पहले हमारे धर्म और मज़हबो ने भी अपना रूप बदल लिया है  तभी तो आज आये दिन हमें 
खून खराबो और नफरतों के हिंसक रूप से मुख़ातिब  होना पड़ता है 
 झूझना  पडता है

©Parasram Arora

बदलता रूप

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रूप सुहाना कर देती है दूर ठिकाना कर देती है माँग की ये सिंदूरी रेखा कितनों को बेगाना कर देती है ©Ghumnam Gautam

#सिन्दूर #ghumnamgautam #रूप #Quotes  रूप सुहाना कर देती है दूर ठिकाना कर देती है
माँग की ये सिंदूरी रेखा कितनों को बेगाना कर देती है

©Ghumnam Gautam
#मराठीकविता  एकमेकांच्या हातानी
एकमेकांस भरवतील..
काही काही महाभाग
नकळत पने रडवतील..

स्वयंपाक करताना सारे 
मोबाईल घेऊन बसायचे..
चल दादा _चाल भाऊ
गोड  बोललं की उठायचे ..

जेवण बनल्यावर सारे
समोर एकत्र दिसायचे..
जेवनानंतर भांडी घासायला
सारेच गायब व्हायचे..

रूम भाडे भरताना
एकेक कारण सांगायचे...
कसेही असले तरी
एकमेकांना सांभाळायाचे..

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

रूम मेट स भाग ४

135 View

#मराठीकविता  एकमेकांचे चोरून खाण्यात
एक वेगळी ती मजा होती..
पकडलो कधी गेल्यावर 
अनोळखी ती सजा होती..

मित्राचा बॉडी स्प्रे चां सुगंध 
खूप छान वाटायचा..
चोरून स्प्रे केल्यावर 
तो आनंद बेभान मिळायचा..

जो तो घरून येताना
आईचा फराळ आणायचा..
मिञ नसताना खोलीवर
इतरांनी डल्ला टाकायचा..

चहा प्यायचा म्हंटल्यावर
सगळे सोबत असायचे..
बिल भरताना टपरीवरती
कुणीही नाही दिसायचे...

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

रूम मेट स भाग ३

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