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New नफरतों का असर देखो Status, Photo, Video

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कभी कभी इंसान ना अंजाने में कुछ ऐसा कर जाता है जिसका असर सामने वाले पर सदियों तक रह जाता है ©SarkaR

#शायरी #असर  कभी कभी इंसान ना
अंजाने में कुछ ऐसा कर जाता है
जिसका असर सामने वाले पर
सदियों तक रह जाता है

©SarkaR

#असर

15 Love

White है चारो तरफ ये देखो कैसा मंजर हुआ है खोफ में हर आदमी ये क्या हुआ है चारों तरफ़ यहां लाशों का अंबार देखो ये कैसा आज यहां गुमनामी का अंधेरा हुआ ©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#शायरी #said  White है चारो तरफ ये
देखो कैसा मंजर हुआ 
है खोफ में हर आदमी
 ये क्या हुआ
है चारों तरफ़ यहां 
लाशों का अंबार देखो
ये कैसा आज यहां 
गुमनामी का अंधेरा हुआ

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#said है चारो तरफ ये देखो कैसा मंजर हुआ है खोफ में हर आदमी ये क्या हुआ है चारों तरफ़ यहां लाशों का अंबार देखो ये कैसा आज यहां गुमनामी क

8 Love

White तेरी यादों का असर है मुझमे.. मुझे लगता नहीं मैं तन्हाँ हुँ.. यूसुफ आर खान.. ©F M POETRY

#तेरी  White तेरी यादों का असर है मुझमे..

मुझे लगता नहीं मैं तन्हाँ हुँ..

यूसुफ आर खान..

©F M POETRY

#तेरी यादों का असर है मुझमे

17 Love

#नफरतों #शायरी #नज़र #कुछ #हुआ

एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। •आशीष द्विवेदी ©Bazirao Ashish

 एक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।

•आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish

एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बा

15 Love

एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। •आशीष द्विवेदी ©Bazirao Ashish

#एक  एक बार प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा;
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार  प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।

•आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish

#एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक

13 Love

कभी कभी इंसान ना अंजाने में कुछ ऐसा कर जाता है जिसका असर सामने वाले पर सदियों तक रह जाता है ©SarkaR

#शायरी #असर  कभी कभी इंसान ना
अंजाने में कुछ ऐसा कर जाता है
जिसका असर सामने वाले पर
सदियों तक रह जाता है

©SarkaR

#असर

15 Love

White है चारो तरफ ये देखो कैसा मंजर हुआ है खोफ में हर आदमी ये क्या हुआ है चारों तरफ़ यहां लाशों का अंबार देखो ये कैसा आज यहां गुमनामी का अंधेरा हुआ ©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#शायरी #said  White है चारो तरफ ये
देखो कैसा मंजर हुआ 
है खोफ में हर आदमी
 ये क्या हुआ
है चारों तरफ़ यहां 
लाशों का अंबार देखो
ये कैसा आज यहां 
गुमनामी का अंधेरा हुआ

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#said है चारो तरफ ये देखो कैसा मंजर हुआ है खोफ में हर आदमी ये क्या हुआ है चारों तरफ़ यहां लाशों का अंबार देखो ये कैसा आज यहां गुमनामी क

8 Love

White तेरी यादों का असर है मुझमे.. मुझे लगता नहीं मैं तन्हाँ हुँ.. यूसुफ आर खान.. ©F M POETRY

#तेरी  White तेरी यादों का असर है मुझमे..

मुझे लगता नहीं मैं तन्हाँ हुँ..

यूसुफ आर खान..

©F M POETRY

#तेरी यादों का असर है मुझमे

17 Love

#नफरतों #शायरी #नज़र #कुछ #हुआ

एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। •आशीष द्विवेदी ©Bazirao Ashish

 एक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।

•आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish

एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बा

15 Love

एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। •आशीष द्विवेदी ©Bazirao Ashish

#एक  एक बार प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा;
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार  प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।

•आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish

#एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक

13 Love

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