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New याददाश्त बढ़ाने के लिए योग Status, Photo, Video

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सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa  सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

18 Love

#विचार  White मैं फिर अपने परिवार के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया हू आने मे देर हुईं पर आ गय नोटोजो मे तहे दिल से स्वागत करता हूं आप सब मूझपे फिर से ओही प्यार बरसाईये जो पुराने आईडी पर मुझे प्यार मीला था मेरी माँ के गुजर जाने से मे बहुत डिप्रेशन में चला गया था जो अब मे आप सब का भाई या बेटा या दोस्त जो भी समझीये में  मे सेवा के लिए तैयार हु गाना हो या शायरी  कबिता जो मनकरे मै आप सबको देने या लिख कर शेयर कर दुगा

©RAMLALIT NIRALA

आप सब का प्यार ही चाहिए मनोबल बढ़ाने के लिए कामैट करना न भुले

144 View

#वीडियो

आंखो की रोशनी बढ़ाने का शानदार इलाज

144 View

#whatsappstatus #shayaristatus #AnjaliSinghal

"हम तुम्हें भूल गए, ये शिकायत करते हो तुम हर बार। हमारी याददाश्त बढ़ाने के लिए, अखरोट बादाम भेज ही दो तुम इस बार।।"

180 View

#विचार  White 
जवानी मे खुन पसीना बहा था परिवार
के हर खुशी के लिए।
जीवन भर की कमाई लुटा देता है इन्सान
बुढ़ापे मे दो वक़्त रोटी के लिए।
नासमझ है ओ बुढ़ापे मे ठुकरा देते है
मा बाप को दौलत के लिए।

©ANSARI ANSARI

दौलत के लिए।

153 View

#मोटिवेशनल #योग

#योग

180 View

सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa  सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

18 Love

#विचार  White मैं फिर अपने परिवार के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया हू आने मे देर हुईं पर आ गय नोटोजो मे तहे दिल से स्वागत करता हूं आप सब मूझपे फिर से ओही प्यार बरसाईये जो पुराने आईडी पर मुझे प्यार मीला था मेरी माँ के गुजर जाने से मे बहुत डिप्रेशन में चला गया था जो अब मे आप सब का भाई या बेटा या दोस्त जो भी समझीये में  मे सेवा के लिए तैयार हु गाना हो या शायरी  कबिता जो मनकरे मै आप सबको देने या लिख कर शेयर कर दुगा

©RAMLALIT NIRALA

आप सब का प्यार ही चाहिए मनोबल बढ़ाने के लिए कामैट करना न भुले

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#वीडियो

आंखो की रोशनी बढ़ाने का शानदार इलाज

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#whatsappstatus #shayaristatus #AnjaliSinghal

"हम तुम्हें भूल गए, ये शिकायत करते हो तुम हर बार। हमारी याददाश्त बढ़ाने के लिए, अखरोट बादाम भेज ही दो तुम इस बार।।"

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#विचार  White 
जवानी मे खुन पसीना बहा था परिवार
के हर खुशी के लिए।
जीवन भर की कमाई लुटा देता है इन्सान
बुढ़ापे मे दो वक़्त रोटी के लिए।
नासमझ है ओ बुढ़ापे मे ठुकरा देते है
मा बाप को दौलत के लिए।

©ANSARI ANSARI

दौलत के लिए।

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#मोटिवेशनल #योग

#योग

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