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White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ। दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है, जिसमें मौन भी कहता है बात, हर लम्हा बेमिसाल है, जो जोड़ता है दिल से दिल के तार। कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों, पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है, तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है, जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है। तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ, हर पल को यादगार बनाएँ, कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या, हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ। ©#Mr.India

#Friendship #freinds #shayri #Shayar  White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं,
कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात,
मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो,
पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ।

दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है,
जिसमें मौन भी कहता है बात,
हर लम्हा बेमिसाल है,
जो जोड़ता है दिल से दिल के तार।

कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों,
पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है,
तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है,
जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है।

तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ,
हर पल को यादगार बनाएँ,
कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या,
हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ।

©#Mr.India

मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़र

15 Love

बातचीत जब बंद तार दिल का छूटा, मार्ग हुआ अवरुद्ध जहाँ भी पुल टूटा, मज़बूरी में बचकर चलना पड़ता है, लाचारी में जिसे मिला मौका कूटा, दुर्घटनास्थल पर बिखरा था सबकुछ, बुरे वक़्त में जिसे मिला अवसर लूटा, कश्ती को सैलाब बहाकर ले जाता, बाँध के रस्सी हमने गाड़ दिया खूँटा, अपना-अपना पक्ष सभी रखते आकर, फ़र्क बताना मुश्क़िल सच्चा और झूठा, ताकतवर बच निकला दोषारोपण से, निर्बल के सिर सदा ठीकरा है फूटा, अरमानो का जंगल सूख गया 'गुंजन', दीवारों पर चमक रहा नकली बूटा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #तार  बातचीत जब बंद तार दिल का छूटा, 
मार्ग हुआ अवरुद्ध जहाँ भी पुल टूटा,

मज़बूरी में  बचकर  चलना पड़ता है, 
लाचारी में  जिसे मिला  मौका  कूटा,

दुर्घटनास्थल पर बिखरा था सबकुछ,
बुरे वक़्त में जिसे मिला अवसर लूटा,

कश्ती को  सैलाब  बहाकर ले जाता, 
बाँध के रस्सी  हमने गाड़ दिया खूँटा,

अपना-अपना पक्ष सभी रखते आकर, 
फ़र्क बताना मुश्क़िल सच्चा और झूठा,

ताकतवर  बच निकला  दोषारोपण से, 
निर्बल के  सिर  सदा  ठीकरा  है फूटा,

अरमानो का  जंगल  सूख गया 'गुंजन',
दीवारों  पर  चमक  रहा  नकली  बूटा,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
           समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#तार दिल का टूटा#

17 Love

White ग़ज़ल भाई-भाई से रार मत करना ।।  घर की इज़्ज़त पे वार मत करना  जान भी माँग ले अगर भाई । तो यक़ीं तार तार मत करना ।। जो न समझे यहाँ वफ़ा तेरी । तू कभी उससे प्यार मत करना ।। माफ़ इस बार हो ख़ता मेरी । बाद बेशक दुलार मत करना ।। क़समों वादों को जो भुला डाले उसका फिर इंतजार मत करना ।। कितना कुछ है खाने को दुनिया में । देख अब तू शिकार मत करना ।। खुद को खुद की नज़र न लग जाये । इस तरह से शृंगार मत करना ।। सबका सम्मान हो बराबर से । मन में पैदा विकार मत करना ।। प्रेम अनमोल है प्रखर गहना । इसका  तू  कारोबार मत करना ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल
भाई-भाई से रार मत करना ।। 
घर की इज़्ज़त पे वार मत करना 
जान भी माँग ले अगर भाई ।
तो यक़ीं तार तार मत करना ।।
जो न समझे यहाँ वफ़ा तेरी ।
तू कभी उससे प्यार मत करना ।।
माफ़ इस बार हो ख़ता मेरी ।
बाद बेशक दुलार मत करना ।।
क़समों वादों को जो भुला डाले
उसका फिर इंतजार मत करना ।।
कितना कुछ है खाने को दुनिया में ।
देख अब तू शिकार मत करना ।।
खुद को खुद की नज़र न लग जाये ।
इस तरह से शृंगार मत करना ।।
सबका सम्मान हो बराबर से ।
मन में पैदा विकार मत करना ।।
प्रेम अनमोल है प्रखर गहना ।
इसका  तू  कारोबार मत करना ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल भाई-भाई से रार मत करना ।।  घर की इज़्ज़त पे वार मत करना 

12 Love

White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ। दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है, जिसमें मौन भी कहता है बात, हर लम्हा बेमिसाल है, जो जोड़ता है दिल से दिल के तार। कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों, पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है, तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है, जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है। तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ, हर पल को यादगार बनाएँ, कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या, हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ। ©#Mr.India

#Friendship #freinds #shayri #Shayar  White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं,
कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात,
मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो,
पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ।

दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है,
जिसमें मौन भी कहता है बात,
हर लम्हा बेमिसाल है,
जो जोड़ता है दिल से दिल के तार।

कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों,
पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है,
तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है,
जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है।

तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ,
हर पल को यादगार बनाएँ,
कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या,
हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ।

©#Mr.India

मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़र

15 Love

बातचीत जब बंद तार दिल का छूटा, मार्ग हुआ अवरुद्ध जहाँ भी पुल टूटा, मज़बूरी में बचकर चलना पड़ता है, लाचारी में जिसे मिला मौका कूटा, दुर्घटनास्थल पर बिखरा था सबकुछ, बुरे वक़्त में जिसे मिला अवसर लूटा, कश्ती को सैलाब बहाकर ले जाता, बाँध के रस्सी हमने गाड़ दिया खूँटा, अपना-अपना पक्ष सभी रखते आकर, फ़र्क बताना मुश्क़िल सच्चा और झूठा, ताकतवर बच निकला दोषारोपण से, निर्बल के सिर सदा ठीकरा है फूटा, अरमानो का जंगल सूख गया 'गुंजन', दीवारों पर चमक रहा नकली बूटा, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #तार  बातचीत जब बंद तार दिल का छूटा, 
मार्ग हुआ अवरुद्ध जहाँ भी पुल टूटा,

मज़बूरी में  बचकर  चलना पड़ता है, 
लाचारी में  जिसे मिला  मौका  कूटा,

दुर्घटनास्थल पर बिखरा था सबकुछ,
बुरे वक़्त में जिसे मिला अवसर लूटा,

कश्ती को  सैलाब  बहाकर ले जाता, 
बाँध के रस्सी  हमने गाड़ दिया खूँटा,

अपना-अपना पक्ष सभी रखते आकर, 
फ़र्क बताना मुश्क़िल सच्चा और झूठा,

ताकतवर  बच निकला  दोषारोपण से, 
निर्बल के  सिर  सदा  ठीकरा  है फूटा,

अरमानो का  जंगल  सूख गया 'गुंजन',
दीवारों  पर  चमक  रहा  नकली  बूटा,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
           समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#तार दिल का टूटा#

17 Love

White ग़ज़ल भाई-भाई से रार मत करना ।।  घर की इज़्ज़त पे वार मत करना  जान भी माँग ले अगर भाई । तो यक़ीं तार तार मत करना ।। जो न समझे यहाँ वफ़ा तेरी । तू कभी उससे प्यार मत करना ।। माफ़ इस बार हो ख़ता मेरी । बाद बेशक दुलार मत करना ।। क़समों वादों को जो भुला डाले उसका फिर इंतजार मत करना ।। कितना कुछ है खाने को दुनिया में । देख अब तू शिकार मत करना ।। खुद को खुद की नज़र न लग जाये । इस तरह से शृंगार मत करना ।। सबका सम्मान हो बराबर से । मन में पैदा विकार मत करना ।। प्रेम अनमोल है प्रखर गहना । इसका  तू  कारोबार मत करना ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल
भाई-भाई से रार मत करना ।। 
घर की इज़्ज़त पे वार मत करना 
जान भी माँग ले अगर भाई ।
तो यक़ीं तार तार मत करना ।।
जो न समझे यहाँ वफ़ा तेरी ।
तू कभी उससे प्यार मत करना ।।
माफ़ इस बार हो ख़ता मेरी ।
बाद बेशक दुलार मत करना ।।
क़समों वादों को जो भुला डाले
उसका फिर इंतजार मत करना ।।
कितना कुछ है खाने को दुनिया में ।
देख अब तू शिकार मत करना ।।
खुद को खुद की नज़र न लग जाये ।
इस तरह से शृंगार मत करना ।।
सबका सम्मान हो बराबर से ।
मन में पैदा विकार मत करना ।।
प्रेम अनमोल है प्रखर गहना ।
इसका  तू  कारोबार मत करना ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल भाई-भाई से रार मत करना ।।  घर की इज़्ज़त पे वार मत करना 

12 Love

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