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New क़ैद ए तन्हाई Status, Photo, Video

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#तन्हाई #शायरी #महफिल #हम  White सच्चाइयों से मुंह मोड़ना गवारा नहीं है हमें
जीने के लिए फिर भी बहाना सीखा है
जिस महफ़िल में मिलती हैं सदा तन्हाईयां 
उस महफ़िल से भी दिल को लगाना सीखा है

©Rudradeep

White महफ़िल में भी मिली अकेली तन्हाई, गम के पन्ने पलट रही थी रुस्वाई, गिरा ताड़ से अटका किसी खजूरे पर, बेचारे ने कैसी है किस्मत पाई, बैठ गया खालीपन उसके जाने से, कभी नहीं हो सकती जिसकी भरपाई, बिन बरसे ही सावन घर को लौट गया, मन के अंदर ख़्वाहिश लेती अंगड़ाई, दिन ढ़लने को आतुर मेरे आंगन का, लगी छुड़ाने पीछा अपनी परछाई, आम आदमी की थाली से गायब है, कोर-कसर पूरा कर देती महंगाई, पैसों से तक़दीर की टोपी मिल जाती, दूर सिसकती बैठी मिलती तरुणाई, दिल की बात सुनाऊँ मैं किससे गुंजन, आहत करती मन को यादें दुखदाई, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #मिली  White महफ़िल में भी मिली अकेली तन्हाई, 
गम  के  पन्ने  पलट  रही थी  रुस्वाई, 

गिरा ताड़ से अटका किसी खजूरे पर, 
बेचारे   ने   कैसी  है   किस्मत   पाई, 

बैठ  गया  खालीपन  उसके  जाने से, 
कभी नहीं हो सकती जिसकी भरपाई, 

बिन बरसे ही सावन घर को लौट गया, 
मन के अंदर  ख़्वाहिश लेती  अंगड़ाई, 

दिन ढ़लने को आतुर  मेरे आंगन का, 
लगी   छुड़ाने  पीछा  अपनी  परछाई,

आम  आदमी की  थाली से  गायब है, 
कोर-कसर  पूरा   कर   देती  महंगाई,

पैसों से तक़दीर की टोपी मिल जाती,
दूर  सिसकती  बैठी  मिलती तरुणाई,

दिल की बात सुनाऊँ मैं किससे गुंजन,
आहत करती  मन  को  यादें  दुखदाई,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
            समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#मिली अकेली तन्हाई#

14 Love

अक्सर याद आते हैं तन्हाइयों में वो पल जो कभी हँसकर गुजारे थे ©chander mukhi

#तन्हाई #शायरी  अक्सर याद आते हैं 
तन्हाइयों में वो पल 
जो कभी हँसकर गुजारे थे

©chander mukhi

White मुझको एक चादर देना अपने हल्के शब्दो की,, ठंड बहुत है दुनिया में,,, ऊपर से तन्हाई की हवा भी चलती है,,,, ©Prem Rajput (HODOPHILE)

#तन्हाई  White मुझको एक चादर देना अपने हल्के शब्दो की,,
ठंड बहुत है दुनिया में,,,
ऊपर से तन्हाई की हवा भी चलती है,,,,

©Prem Rajput (HODOPHILE)
#शायरी  White तन्हा आसमां पर सूने चांद को देखो।      कितनी अटखेलिया करता है कभी बदलो मैं छुपता है तो कभी बदलो सै निकलता है और अपनी चांदनी में सारे आलम को डोबोता है!

©farheen jahan - 786

तन्हाई शायरी

99 View

#अनकही_बातें #अकेलापन #तन्हाई #alone_quotes  White अजमा चुका कई रिश्ते और नातो को बस अब तन्हाई और जानवर ही अच्छे क्यू लगते है

क्या कभी सोचा है आपने
बहुत सी उलझने है दिमाग में और सवाल भी
 इसीलिए कभी समाज से तो कभी खुद से और कभी खुदा से हर वक्त
अकेला ही लड़ रहा हु

क्या कभी सोचा है आपने 
हजारों दोस्त होते हुए भी मुझे अपनी बात व्हाट्सएप स्टेटस से
आंखीर क्यू कह रहा हु

क्या कभी सोचा है आपने

सिर्फ पैसे की मशीन और वक्त काटने जरिया नहीं या हर वक्त मदद करने वाला समाज सेवक नही 
बल्कि कई भावो से भरा इंसान भी हु मैं

क्या कभी सोचा है आपने

गर कर लूं कल आत्महत्या तो लोग कहेंगे बुजदिल था बेवकूफ था आखिर इतना बड़ा कदम मैंने उठाया कैसे

क्या कभी सोचा है आपने

हर दूसरे इंसान की यही कहानी है हर कोई मुखौटा लगाए घूम रहा है घुट घुट कर जी रहा है
सुना है की वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता जब अपनी बारी आएगी तब क्या करोगे

क्या कभी सोचा है आपने

अपने आस पास देखो और दिल से हाल चाल पूछ जान लिया करो यारो की कैसा चल रहा है
 क्या पता आपके दिए प्यार और परवाह से उसे जीने की एक नई वजह मिल जाए

क्या कभी सोचा है आपनेx

©Aapka Dheeraj
#तन्हाई #शायरी #महफिल #हम  White सच्चाइयों से मुंह मोड़ना गवारा नहीं है हमें
जीने के लिए फिर भी बहाना सीखा है
जिस महफ़िल में मिलती हैं सदा तन्हाईयां 
उस महफ़िल से भी दिल को लगाना सीखा है

©Rudradeep

White महफ़िल में भी मिली अकेली तन्हाई, गम के पन्ने पलट रही थी रुस्वाई, गिरा ताड़ से अटका किसी खजूरे पर, बेचारे ने कैसी है किस्मत पाई, बैठ गया खालीपन उसके जाने से, कभी नहीं हो सकती जिसकी भरपाई, बिन बरसे ही सावन घर को लौट गया, मन के अंदर ख़्वाहिश लेती अंगड़ाई, दिन ढ़लने को आतुर मेरे आंगन का, लगी छुड़ाने पीछा अपनी परछाई, आम आदमी की थाली से गायब है, कोर-कसर पूरा कर देती महंगाई, पैसों से तक़दीर की टोपी मिल जाती, दूर सिसकती बैठी मिलती तरुणाई, दिल की बात सुनाऊँ मैं किससे गुंजन, आहत करती मन को यादें दुखदाई, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #मिली  White महफ़िल में भी मिली अकेली तन्हाई, 
गम  के  पन्ने  पलट  रही थी  रुस्वाई, 

गिरा ताड़ से अटका किसी खजूरे पर, 
बेचारे   ने   कैसी  है   किस्मत   पाई, 

बैठ  गया  खालीपन  उसके  जाने से, 
कभी नहीं हो सकती जिसकी भरपाई, 

बिन बरसे ही सावन घर को लौट गया, 
मन के अंदर  ख़्वाहिश लेती  अंगड़ाई, 

दिन ढ़लने को आतुर  मेरे आंगन का, 
लगी   छुड़ाने  पीछा  अपनी  परछाई,

आम  आदमी की  थाली से  गायब है, 
कोर-कसर  पूरा   कर   देती  महंगाई,

पैसों से तक़दीर की टोपी मिल जाती,
दूर  सिसकती  बैठी  मिलती तरुणाई,

दिल की बात सुनाऊँ मैं किससे गुंजन,
आहत करती  मन  को  यादें  दुखदाई,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
            समस्तीपुर बिहार

©Shashi Bhushan Mishra

#मिली अकेली तन्हाई#

14 Love

अक्सर याद आते हैं तन्हाइयों में वो पल जो कभी हँसकर गुजारे थे ©chander mukhi

#तन्हाई #शायरी  अक्सर याद आते हैं 
तन्हाइयों में वो पल 
जो कभी हँसकर गुजारे थे

©chander mukhi

White मुझको एक चादर देना अपने हल्के शब्दो की,, ठंड बहुत है दुनिया में,,, ऊपर से तन्हाई की हवा भी चलती है,,,, ©Prem Rajput (HODOPHILE)

#तन्हाई  White मुझको एक चादर देना अपने हल्के शब्दो की,,
ठंड बहुत है दुनिया में,,,
ऊपर से तन्हाई की हवा भी चलती है,,,,

©Prem Rajput (HODOPHILE)
#शायरी  White तन्हा आसमां पर सूने चांद को देखो।      कितनी अटखेलिया करता है कभी बदलो मैं छुपता है तो कभी बदलो सै निकलता है और अपनी चांदनी में सारे आलम को डोबोता है!

©farheen jahan - 786

तन्हाई शायरी

99 View

#अनकही_बातें #अकेलापन #तन्हाई #alone_quotes  White अजमा चुका कई रिश्ते और नातो को बस अब तन्हाई और जानवर ही अच्छे क्यू लगते है

क्या कभी सोचा है आपने
बहुत सी उलझने है दिमाग में और सवाल भी
 इसीलिए कभी समाज से तो कभी खुद से और कभी खुदा से हर वक्त
अकेला ही लड़ रहा हु

क्या कभी सोचा है आपने 
हजारों दोस्त होते हुए भी मुझे अपनी बात व्हाट्सएप स्टेटस से
आंखीर क्यू कह रहा हु

क्या कभी सोचा है आपने

सिर्फ पैसे की मशीन और वक्त काटने जरिया नहीं या हर वक्त मदद करने वाला समाज सेवक नही 
बल्कि कई भावो से भरा इंसान भी हु मैं

क्या कभी सोचा है आपने

गर कर लूं कल आत्महत्या तो लोग कहेंगे बुजदिल था बेवकूफ था आखिर इतना बड़ा कदम मैंने उठाया कैसे

क्या कभी सोचा है आपने

हर दूसरे इंसान की यही कहानी है हर कोई मुखौटा लगाए घूम रहा है घुट घुट कर जी रहा है
सुना है की वक्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता जब अपनी बारी आएगी तब क्या करोगे

क्या कभी सोचा है आपने

अपने आस पास देखो और दिल से हाल चाल पूछ जान लिया करो यारो की कैसा चल रहा है
 क्या पता आपके दिए प्यार और परवाह से उसे जीने की एक नई वजह मिल जाए

क्या कभी सोचा है आपनेx

©Aapka Dheeraj
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