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White ! ! *भाई दूज* ! ! भाई दूज यानी की... भाई बहन के प्यार का अटूट बंधन है । वन को भी महका दे जैसे पावन वो चंदन है । इस दिन बहन भाई की आरती कर खिलाती है मिठाई को । भाई को तिलक लगाकर सलामत करती है ये दुहाई । सुना है यमराज एक दिन... अपने बहन‌ से मिलने उनके घर गए थे । तब इनकी बहन यामी ने... यमराज की आरती कर खिलाई थी वो मिठाई । तिलक लगाकर सलामतक की करी थी ये दुहाई । तब से ही चला आ रहा ये रिवाज़ । आज भी दुनिया दे रही इसका इस्बात । मेरी ज़िन्दगी भी बड़ी ही निराली है। ज़िन्दगी में कुछ इस तरह छाई है कुछ बदली काली । * बाबू * ये सच है के मैं घर का इकलौता बेटा नही हूं । इस भाई बहन के प्यार से मै बहुत बेगाना हूं । *आप सभी भाई बहन को भाई दूज की बधाई * ©बेजुबान शायर shivkumar

#भाईदूज #कविता #सलामत #यमराज #बंधन #महका  White 

! ! *भाई दूज* ! !

भाई दूज यानी की... 
भाई बहन के प्यार का अटूट बंधन है ।
वन को भी महका दे जैसे पावन वो चंदन है ।
इस दिन बहन भाई की आरती कर खिलाती है मिठाई को ।

भाई को तिलक लगाकर सलामत करती है ये दुहाई ।
सुना है यमराज एक दिन... 
अपने बहन‌ से मिलने उनके घर गए थे ।
तब इनकी बहन यामी ने...

यमराज की आरती कर खिलाई थी वो मिठाई ।
तिलक लगाकर सलामतक की करी थी ये दुहाई ।
तब से ही चला आ रहा ये रिवाज़ ।
आज भी दुनिया दे रही इसका इस्बात ।

मेरी ज़िन्दगी भी बड़ी ही निराली है।
ज़िन्दगी में कुछ इस तरह छाई है कुछ बदली काली ।
* बाबू * ये सच है के मैं घर का इकलौता बेटा नही हूं ।
इस भाई बहन के प्यार से मै बहुत बेगाना हूं ।






*आप सभी भाई बहन को भाई दूज की बधाई *

©बेजुबान शायर shivkumar

! ! *भाई दूज* ! ! भाई दूज यानी की... भाई बहन के प्यार का अटूट #बंधन है । वन को भी #महका दे जैसे पावन वो चंदन है । इस दिन बहन भाई की #आरत

15 Love

#फ़िल्म

भाई का यमराज

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#वीडियो

"सावित्री और सत्यवान की कथा:" - सावित्री और सत्यवान की कथा" में प्रेम की शक्ति का अद्भुत अनुभव करें। साहसी सावित्री के साथ चलें, जो अपने प्र

135 View

दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून अब , दिखे भक्त उपहार ।। कलयुग में होंगे वही , सुन लो भव से पार । जो कर्मो के संग में , करते प्रभु जयकार ।। कर्मो का पालन करो , मिल जायेंगे राम । तेरे अंदर भी वही , बना रखे हैं धाम ।। रिश्ते हैं अनमोल ये , करो नही तुम मोल । रिश्ते मीठे बन पड़े , अगर मधुर तू बोल ।। आटो बाइक में नही, करें यहाँ जो  फर्क । मिलें उन्हें यमराज जी , ले जाने को नर्क ।। जीवन से मत हार कर , बैठो आज निराश । कर्मो से ही सुन यहाँ , होता सदा प्रकाश ।। जो भी सुत सुनती नहीं , मातु-पिता की बात । वे ही पाते हैं सदा, सुनो जगत में घात ।। मातु-पिता की बात जो , सुने अगर औलाद । तो पछतावा क्यों रहे , फिर गलती के बाद ।। मातु-पिता हर से कहे,  प्रखर जोड़ कर हाथ । अपनी खातिर भी जिओ , रह के दोनों साथ ।। मातु-पिता गुरुदेव का , करता नित सम्मान । जिनकी इच्छा से बना , मैं अच्छा इंसान ।। तीनों दिखते हरि सदृश , मातु-पिता गुरुदेव । वह ही जीवन के सुनो , मेरे बने त्रिदेव ।। मातु-पिता के बाद ही , मानूँ मैं संसार । पहले उनका ही करूँ , व्यक्त सदा आभार ।। मातु-पिता क्यों सामने, क्यों खोजूँ भगवान । उनकी मैं सेवा करूँ , स्वतः बढ़े अभिमान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार ।
हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।।
कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार ।
कहीं पान दातून अब , दिखे भक्त उपहार ।।
कलयुग में होंगे वही , सुन लो भव से पार ।
जो कर्मो के संग में , करते प्रभु जयकार ।।
कर्मो का पालन करो , मिल जायेंगे राम ।
तेरे अंदर भी वही , बना रखे हैं धाम ।।
रिश्ते हैं अनमोल ये , करो नही तुम मोल ।
रिश्ते मीठे बन पड़े , अगर मधुर तू बोल ।।
आटो बाइक में नही, करें यहाँ जो  फर्क ।
मिलें उन्हें यमराज जी , ले जाने को नर्क ।।
जीवन से मत हार कर , बैठो आज निराश ।
कर्मो से ही सुन यहाँ , होता सदा प्रकाश ।।
जो भी सुत सुनती नहीं , मातु-पिता की बात ।
वे ही पाते हैं सदा, सुनो जगत में घात ।।
मातु-पिता की बात जो , सुने अगर औलाद ।
तो पछतावा क्यों रहे , फिर गलती के बाद ।।
मातु-पिता हर से कहे,  प्रखर जोड़ कर हाथ ।
अपनी खातिर भी जिओ , रह के दोनों साथ ।।
मातु-पिता गुरुदेव का , करता नित सम्मान ।
जिनकी इच्छा से बना , मैं अच्छा इंसान ।।
तीनों दिखते हरि सदृश , मातु-पिता गुरुदेव ।
वह ही जीवन के सुनो , मेरे बने त्रिदेव ।।
मातु-पिता के बाद ही , मानूँ मैं संसार ।
पहले उनका ही करूँ , व्यक्त सदा आभार ।।
मातु-पिता क्यों सामने, क्यों खोजूँ भगवान ।
उनकी मैं सेवा करूँ , स्वतः बढ़े अभिमान ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून

16 Love

White A appreciation post for my best friend (read in caption) ©Jayesh gulati

#विचार  White A appreciation post for my best friend 
(read in caption)

©Jayesh gulati

कुछ यादें है जो कभी दिल से निकाल नहीं सकता मना खामोश रहते है अब हम दोनों मगर तेरा भाई तुझे भुला नहीं सकता आधी रात को भी तू करदे कॉल तेरा भाई

13 Love

White ! ! *भाई दूज* ! ! भाई दूज यानी की... भाई बहन के प्यार का अटूट बंधन है । वन को भी महका दे जैसे पावन वो चंदन है । इस दिन बहन भाई की आरती कर खिलाती है मिठाई को । भाई को तिलक लगाकर सलामत करती है ये दुहाई । सुना है यमराज एक दिन... अपने बहन‌ से मिलने उनके घर गए थे । तब इनकी बहन यामी ने... यमराज की आरती कर खिलाई थी वो मिठाई । तिलक लगाकर सलामतक की करी थी ये दुहाई । तब से ही चला आ रहा ये रिवाज़ । आज भी दुनिया दे रही इसका इस्बात । मेरी ज़िन्दगी भी बड़ी ही निराली है। ज़िन्दगी में कुछ इस तरह छाई है कुछ बदली काली । * बाबू * ये सच है के मैं घर का इकलौता बेटा नही हूं । इस भाई बहन के प्यार से मै बहुत बेगाना हूं । *आप सभी भाई बहन को भाई दूज की बधाई * ©बेजुबान शायर shivkumar

#भाईदूज #कविता #सलामत #यमराज #बंधन #महका  White 

! ! *भाई दूज* ! !

भाई दूज यानी की... 
भाई बहन के प्यार का अटूट बंधन है ।
वन को भी महका दे जैसे पावन वो चंदन है ।
इस दिन बहन भाई की आरती कर खिलाती है मिठाई को ।

भाई को तिलक लगाकर सलामत करती है ये दुहाई ।
सुना है यमराज एक दिन... 
अपने बहन‌ से मिलने उनके घर गए थे ।
तब इनकी बहन यामी ने...

यमराज की आरती कर खिलाई थी वो मिठाई ।
तिलक लगाकर सलामतक की करी थी ये दुहाई ।
तब से ही चला आ रहा ये रिवाज़ ।
आज भी दुनिया दे रही इसका इस्बात ।

मेरी ज़िन्दगी भी बड़ी ही निराली है।
ज़िन्दगी में कुछ इस तरह छाई है कुछ बदली काली ।
* बाबू * ये सच है के मैं घर का इकलौता बेटा नही हूं ।
इस भाई बहन के प्यार से मै बहुत बेगाना हूं ।






*आप सभी भाई बहन को भाई दूज की बधाई *

©बेजुबान शायर shivkumar

! ! *भाई दूज* ! ! भाई दूज यानी की... भाई बहन के प्यार का अटूट #बंधन है । वन को भी #महका दे जैसे पावन वो चंदन है । इस दिन बहन भाई की #आरत

15 Love

#फ़िल्म

भाई का यमराज

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#वीडियो

"सावित्री और सत्यवान की कथा:" - सावित्री और सत्यवान की कथा" में प्रेम की शक्ति का अद्भुत अनुभव करें। साहसी सावित्री के साथ चलें, जो अपने प्र

135 View

दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून अब , दिखे भक्त उपहार ।। कलयुग में होंगे वही , सुन लो भव से पार । जो कर्मो के संग में , करते प्रभु जयकार ।। कर्मो का पालन करो , मिल जायेंगे राम । तेरे अंदर भी वही , बना रखे हैं धाम ।। रिश्ते हैं अनमोल ये , करो नही तुम मोल । रिश्ते मीठे बन पड़े , अगर मधुर तू बोल ।। आटो बाइक में नही, करें यहाँ जो  फर्क । मिलें उन्हें यमराज जी , ले जाने को नर्क ।। जीवन से मत हार कर , बैठो आज निराश । कर्मो से ही सुन यहाँ , होता सदा प्रकाश ।। जो भी सुत सुनती नहीं , मातु-पिता की बात । वे ही पाते हैं सदा, सुनो जगत में घात ।। मातु-पिता की बात जो , सुने अगर औलाद । तो पछतावा क्यों रहे , फिर गलती के बाद ।। मातु-पिता हर से कहे,  प्रखर जोड़ कर हाथ । अपनी खातिर भी जिओ , रह के दोनों साथ ।। मातु-पिता गुरुदेव का , करता नित सम्मान । जिनकी इच्छा से बना , मैं अच्छा इंसान ।। तीनों दिखते हरि सदृश , मातु-पिता गुरुदेव । वह ही जीवन के सुनो , मेरे बने त्रिदेव ।। मातु-पिता के बाद ही , मानूँ मैं संसार । पहले उनका ही करूँ , व्यक्त सदा आभार ।। मातु-पिता क्यों सामने, क्यों खोजूँ भगवान । उनकी मैं सेवा करूँ , स्वतः बढ़े अभिमान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार ।
हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।।
कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार ।
कहीं पान दातून अब , दिखे भक्त उपहार ।।
कलयुग में होंगे वही , सुन लो भव से पार ।
जो कर्मो के संग में , करते प्रभु जयकार ।।
कर्मो का पालन करो , मिल जायेंगे राम ।
तेरे अंदर भी वही , बना रखे हैं धाम ।।
रिश्ते हैं अनमोल ये , करो नही तुम मोल ।
रिश्ते मीठे बन पड़े , अगर मधुर तू बोल ।।
आटो बाइक में नही, करें यहाँ जो  फर्क ।
मिलें उन्हें यमराज जी , ले जाने को नर्क ।।
जीवन से मत हार कर , बैठो आज निराश ।
कर्मो से ही सुन यहाँ , होता सदा प्रकाश ।।
जो भी सुत सुनती नहीं , मातु-पिता की बात ।
वे ही पाते हैं सदा, सुनो जगत में घात ।।
मातु-पिता की बात जो , सुने अगर औलाद ।
तो पछतावा क्यों रहे , फिर गलती के बाद ।।
मातु-पिता हर से कहे,  प्रखर जोड़ कर हाथ ।
अपनी खातिर भी जिओ , रह के दोनों साथ ।।
मातु-पिता गुरुदेव का , करता नित सम्मान ।
जिनकी इच्छा से बना , मैं अच्छा इंसान ।।
तीनों दिखते हरि सदृश , मातु-पिता गुरुदेव ।
वह ही जीवन के सुनो , मेरे बने त्रिदेव ।।
मातु-पिता के बाद ही , मानूँ मैं संसार ।
पहले उनका ही करूँ , व्यक्त सदा आभार ।।
मातु-पिता क्यों सामने, क्यों खोजूँ भगवान ।
उनकी मैं सेवा करूँ , स्वतः बढ़े अभिमान ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- करे सनातन धर्म यह , हर युग का आभार । हर युग की ही भाँति हो , कलयुग की जयकार ।। कलयुग में भी हो रहे , दैवीय चमत्कार । कहीं पान दातून

16 Love

White A appreciation post for my best friend (read in caption) ©Jayesh gulati

#विचार  White A appreciation post for my best friend 
(read in caption)

©Jayesh gulati

कुछ यादें है जो कभी दिल से निकाल नहीं सकता मना खामोश रहते है अब हम दोनों मगर तेरा भाई तुझे भुला नहीं सकता आधी रात को भी तू करदे कॉल तेरा भाई

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