White सुनो तुम लौट क्यों नहीं आते,
माना जो चला जाता है वो लौटता नहीं,
लेकिन तुम लौट सकते हो,
जैसे लौट आते है पत्ते दरख़्त पर,
पतझड़ के बाद,
वो जगह, वो यादें वैसी ही है,
तुम्हारे लौटने के इंतजार में,
लौट आओ और जीवित कर दो,
उन सब जगहों को और मुझको,
जो मुरझा से गए है राह ताकते तुम्हारी,
तुम लौटोगे ना, लौट आना जरूर,
अपने लिए ना सही, मेरे लिए,
उन मौसमों के लिए,
जो खिल उठते थे, तुम्हे देखकर,
उन फूलों के लिए, जो महक उठते थे,
तुम्हारे स्पर्श से,
उस चेहरे , उन आंखों के लिए,
जिन्हें सुकून मिलता है,
तुम्हे मुस्कुराते देख...
तुम लौटना, तुम लौट आना...
©Ajay Chaurasiya
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here