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New बदनामी आपबीती Status, Photo, Video

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White सुनाऊॅं क्या मैं अपनी आपबीती एक जंग थी अभी रात से जीती आती है क्लांति कम करने रोज़ बाज़ी, रात में हारी, सुबह जीती Good Morning. ©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning  White सुनाऊॅं क्या मैं अपनी आपबीती 
एक जंग थी अभी रात से जीती
आती है क्लांति कम करने रोज़
बाज़ी, रात में हारी, सुबह जीती

Good Morning.

©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning , आपबीती..... poetry

17 Love

दुआ करो की मुझपे कोई इल्ज़ाम आये मेरी बदनामी भी तो किसी के काम आये . ©Ashraf Fani

#शायरी #ashraffani  दुआ करो की मुझपे  कोई इल्ज़ाम आये
मेरी बदनामी भी तो किसी के काम आये





.

©Ashraf Fani

दुआ करो की मुझपे कोई इल्ज़ाम आये मेरी बदनामी भी तो किसी के काम आये #ashraffani 'दर्द भरी शायरी' शायरी लव रोमांटिक शायरी हिंदी में शायरी लव

20 Love

White निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-दूजे को बताता क्यूं है, इश्क मे मेरी जाँ फिर दस्त बढ़ाता क्यूं है//२ जब हासिलें कुव्वत के भी हासिल न कर सके,तो अब जीत के हारी हुई बाज़ी पर पछताता क्यूं है//३ वसवसों के खाली-पीली महल बनाता क्यूं हैं, इस मानिंद तेरे ही इश्क़ को आजमाता क्यूं हैँ//४ इश्क़ और मुश्क़ मे मुब्तला होना बुरी लत तो नहीं है, जो वाकिफ है तुझसे फिर उनसे छुपाता क्यूं है//५ अब राह-ए-इश्क़ में तेरे कदम लरजते क्यूं है, रखता है चश्म तो फिर नजर को बचाता क्यूं है//६ ताउम्र लोगो के ऐब तलाशने वाले तू उगली उठाता क्यु है , जरा अपनी गरेबाँ को तो देख तु,इसे-मुझसे छुपाता क्यूं है//७ ऐ सौदागर ए इश्क़ हम तेरे कुछ नहीं,फिर इतना बता तू देखके मुझको तिरे ज़हन मे लाता क्यूं है//८ इश्क़ मे एक दिल ही तो मख्सूस होता है,इस मुखलिसी को तू हरेक शख्स मे ढूंढता फिरता क्यूं है//९ तेरी बेरुखी एवज बुझ गई"शमा" की सांसे तमाम, के तू अब इस बुझी शम्अ को जलाता क्यूं है//१० #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawritesBebaak #writersofindia #love_shayari #Light  White निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर
है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१

है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-दूजे को बताता क्यूं है,
इश्क मे मेरी जाँ फिर दस्त बढ़ाता क्यूं है//२

जब हासिलें कुव्वत के भी हासिल न कर सके,तो
अब जीत के हारी हुई बाज़ी पर पछताता क्यूं है//३

वसवसों के खाली-पीली महल बनाता क्यूं हैं,
इस मानिंद तेरे ही इश्क़ को आजमाता क्यूं हैँ//४

इश्क़ और मुश्क़ मे मुब्तला होना बुरी लत तो नहीं है,
जो वाकिफ है तुझसे फिर उनसे छुपाता क्यूं है//५

अब राह-ए-इश्क़ में तेरे कदम लरजते क्यूं है,
रखता है चश्म तो फिर नजर को बचाता क्यूं है//६

ताउम्र लोगो के ऐब तलाशने वाले तू उगली उठाता क्यु है ,
जरा अपनी गरेबाँ को तो देख तु,इसे-मुझसे छुपाता क्यूं है//७

ऐ सौदागर ए इश्क़ हम तेरे कुछ नहीं,फिर इतना
बता तू देखके मुझको तिरे ज़हन मे लाता क्यूं है//८

इश्क़ मे एक दिल ही तो मख्सूस होता है,इस 
मुखलिसी को तू हरेक शख्स मे ढूंढता फिरता क्यूं है//९

तेरी बेरुखी एवज बुझ गई"शमा" की सांसे तमाम,
के तू अब इस बुझी शम्अ को जलाता क्यूं है//१०
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#love_shayari निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-द

22 Love

White सुनाऊॅं क्या मैं अपनी आपबीती एक जंग थी अभी रात से जीती आती है क्लांति कम करने रोज़ बाज़ी, रात में हारी, सुबह जीती Good Morning. ©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning  White सुनाऊॅं क्या मैं अपनी आपबीती 
एक जंग थी अभी रात से जीती
आती है क्लांति कम करने रोज़
बाज़ी, रात में हारी, सुबह जीती

Good Morning.

©Shiv Narayan Saxena

#GoodMorning , आपबीती..... poetry

17 Love

दुआ करो की मुझपे कोई इल्ज़ाम आये मेरी बदनामी भी तो किसी के काम आये . ©Ashraf Fani

#शायरी #ashraffani  दुआ करो की मुझपे  कोई इल्ज़ाम आये
मेरी बदनामी भी तो किसी के काम आये





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©Ashraf Fani

दुआ करो की मुझपे कोई इल्ज़ाम आये मेरी बदनामी भी तो किसी के काम आये #ashraffani 'दर्द भरी शायरी' शायरी लव रोमांटिक शायरी हिंदी में शायरी लव

20 Love

White निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-दूजे को बताता क्यूं है, इश्क मे मेरी जाँ फिर दस्त बढ़ाता क्यूं है//२ जब हासिलें कुव्वत के भी हासिल न कर सके,तो अब जीत के हारी हुई बाज़ी पर पछताता क्यूं है//३ वसवसों के खाली-पीली महल बनाता क्यूं हैं, इस मानिंद तेरे ही इश्क़ को आजमाता क्यूं हैँ//४ इश्क़ और मुश्क़ मे मुब्तला होना बुरी लत तो नहीं है, जो वाकिफ है तुझसे फिर उनसे छुपाता क्यूं है//५ अब राह-ए-इश्क़ में तेरे कदम लरजते क्यूं है, रखता है चश्म तो फिर नजर को बचाता क्यूं है//६ ताउम्र लोगो के ऐब तलाशने वाले तू उगली उठाता क्यु है , जरा अपनी गरेबाँ को तो देख तु,इसे-मुझसे छुपाता क्यूं है//७ ऐ सौदागर ए इश्क़ हम तेरे कुछ नहीं,फिर इतना बता तू देखके मुझको तिरे ज़हन मे लाता क्यूं है//८ इश्क़ मे एक दिल ही तो मख्सूस होता है,इस मुखलिसी को तू हरेक शख्स मे ढूंढता फिरता क्यूं है//९ तेरी बेरुखी एवज बुझ गई"शमा" की सांसे तमाम, के तू अब इस बुझी शम्अ को जलाता क्यूं है//१० #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawritesBebaak #writersofindia #love_shayari #Light  White निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर
है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१

है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-दूजे को बताता क्यूं है,
इश्क मे मेरी जाँ फिर दस्त बढ़ाता क्यूं है//२

जब हासिलें कुव्वत के भी हासिल न कर सके,तो
अब जीत के हारी हुई बाज़ी पर पछताता क्यूं है//३

वसवसों के खाली-पीली महल बनाता क्यूं हैं,
इस मानिंद तेरे ही इश्क़ को आजमाता क्यूं हैँ//४

इश्क़ और मुश्क़ मे मुब्तला होना बुरी लत तो नहीं है,
जो वाकिफ है तुझसे फिर उनसे छुपाता क्यूं है//५

अब राह-ए-इश्क़ में तेरे कदम लरजते क्यूं है,
रखता है चश्म तो फिर नजर को बचाता क्यूं है//६

ताउम्र लोगो के ऐब तलाशने वाले तू उगली उठाता क्यु है ,
जरा अपनी गरेबाँ को तो देख तु,इसे-मुझसे छुपाता क्यूं है//७

ऐ सौदागर ए इश्क़ हम तेरे कुछ नहीं,फिर इतना
बता तू देखके मुझको तिरे ज़हन मे लाता क्यूं है//८

इश्क़ मे एक दिल ही तो मख्सूस होता है,इस 
मुखलिसी को तू हरेक शख्स मे ढूंढता फिरता क्यूं है//९

तेरी बेरुखी एवज बुझ गई"शमा" की सांसे तमाम,
के तू अब इस बुझी शम्अ को जलाता क्यूं है//१०
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#love_shayari निगाह मे बसी उस तस्वीर को चूमता क्यूं है,गर है हिम्मत तो निकाह से तू जी चुराता क्यूं है//१ है डर बदनामी का,तो बात दिल की इक-द

22 Love

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