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New कविता अकाल और उसके बाद Status, Photo, Video

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मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब तक प्रियतम | जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम || ©कवि प्रभात

#कविता  मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब  तक  प्रियतम |
जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम ||

©कवि प्रभात

हिंदी कविता कविता कोश कविता

12 Love

#कविता

बारिश पर कविता हिंदी कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता

117 View

कुछ कह न सका, कुछ.. हुकुम भी तो न था मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी । पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? हाथ में दो हाथ थें कहने, सुनने के बहुत से बात थे। उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी। ख़त.... तो थे , जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें... उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है... मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं   निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!   कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों " कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों... लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! सिद्धांत ✍️ ©Dev Rishi

#कविता  कुछ कह न सका, 
कुछ.. हुकुम भी तो न था 
मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी 
मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी ।


पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? 
हाथ में दो हाथ थें
कहने, सुनने के बहुत से बात थे। 
उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी।


ख़त.... तो थे , 
जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... 
उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी 
जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  


तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं 
बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... 
पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें...
उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है...


मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं 
  निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... 
मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... 
पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!

  
कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों "
कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों...
लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... 
पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! 

सिद्धांत ✍️

©Dev Rishi

प्रेम कविता, उसके हवाले से!!

18 Love

मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh ©bina singh

#कविता #devdas  मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती 
अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती
अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती 
मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती
मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh

©bina singh

#devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश

15 Love

तरक्की का मतलब क्या? चूल्हे पर जलती धीमी लौ, कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो। झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ, जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ। सालों के सफ़र में ये हाथ थके, ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे। इस घर की नींव में उनके पसीने, आज अकेले, बिन किसी साए के जीने। तरक्की का मतलब क्या हुआ? अगर माँ-बाप का सहारा ना बना। जिन्होंने हर मुश्किल सह ली, उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए। दुनिया आगे बढ़ती जाती, पर ये उम्र ठहर सी जाती। सफलता का क्या मतलब है अगर, उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर? ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द, ना झलके आँखों में कोई सर्द। तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे, जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे। ©Amrendra Kumar Thakur

#कविता #oldage  तरक्की का मतलब क्या?


चूल्हे पर जलती धीमी लौ,
कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो।
झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ,
जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ।

सालों के सफ़र में ये हाथ थके,
ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे।
इस घर की नींव में उनके पसीने,
आज अकेले, बिन किसी साए के जीने।

तरक्की का मतलब क्या हुआ?
अगर माँ-बाप का सहारा ना बना।
जिन्होंने हर मुश्किल सह ली,
उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए।

दुनिया आगे बढ़ती जाती,
पर ये उम्र ठहर सी जाती।
सफलता का क्या मतलब है अगर,
उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर?

ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द,
ना झलके आँखों में कोई सर्द।
तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे,
जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे।

©Amrendra Kumar Thakur

#oldage हिंदी कविता कविता कोश कविता हिंदी कविता

13 Love

White मैं और मेरी तनहाई अक्सर ख्यालों में तुझे याद किया करतीं हैं मैं और मेरी परछाई अक्सर राहों में तेरा साथ ढुंढा करतीं हैं मैं और तेरी अधूरी बातें अक्सर तुझसे बातें करना चाहतीं हैं मैं और तेरी यादें हमेशा तेरा साथ चाहतीं हैं। ©Sarita Kumari Ravidas

#कविता #love_shayari #poem  White मैं और मेरी तनहाई 
अक्सर ख्यालों में तुझे याद किया करतीं हैं
मैं और मेरी परछाई 
अक्सर राहों में तेरा साथ ढुंढा करतीं हैं 
मैं और तेरी अधूरी बातें 
अक्सर तुझसे बातें करना चाहतीं हैं 
मैं और तेरी यादें 
हमेशा तेरा साथ चाहतीं हैं।

©Sarita Kumari Ravidas

#love_shayari मैं और मेरी तनहाई #Nojoto #poem कविताएं कविता कोश हिंदी कविता प्रेम कविता प्यार पर कविता

12 Love

मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब तक प्रियतम | जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम || ©कवि प्रभात

#कविता  मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब  तक  प्रियतम |
जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम ||

©कवि प्रभात

हिंदी कविता कविता कोश कविता

12 Love

#कविता

बारिश पर कविता हिंदी कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता

117 View

कुछ कह न सका, कुछ.. हुकुम भी तो न था मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी । पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? हाथ में दो हाथ थें कहने, सुनने के बहुत से बात थे। उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी। ख़त.... तो थे , जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें... उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है... मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं   निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!   कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों " कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों... लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! सिद्धांत ✍️ ©Dev Rishi

#कविता  कुछ कह न सका, 
कुछ.. हुकुम भी तो न था 
मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी 
मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी ।


पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? 
हाथ में दो हाथ थें
कहने, सुनने के बहुत से बात थे। 
उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी।


ख़त.... तो थे , 
जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... 
उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी 
जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  


तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं 
बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... 
पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें...
उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है...


मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं 
  निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... 
मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... 
पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!

  
कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों "
कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों...
लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... 
पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! 

सिद्धांत ✍️

©Dev Rishi

प्रेम कविता, उसके हवाले से!!

18 Love

मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh ©bina singh

#कविता #devdas  मोहब्बत में रुसवाई नहीं होती 
अगर जो हो जाये मोहब्बत बेवफाई नहीं होती
अकेले हो तुम पर तन्हाई नहीं होती 
मोहब्बत में बीमार जैसी कोई बीमारी नहीं होती
मोहब्बत में मर्ज़ की कहि कोई सुनवाई नहीं होती... by bina singh

©bina singh

#devdas कविता ,कविता , प्रेम कविता कविता कोश

15 Love

तरक्की का मतलब क्या? चूल्हे पर जलती धीमी लौ, कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो। झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ, जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ। सालों के सफ़र में ये हाथ थके, ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे। इस घर की नींव में उनके पसीने, आज अकेले, बिन किसी साए के जीने। तरक्की का मतलब क्या हुआ? अगर माँ-बाप का सहारा ना बना। जिन्होंने हर मुश्किल सह ली, उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए। दुनिया आगे बढ़ती जाती, पर ये उम्र ठहर सी जाती। सफलता का क्या मतलब है अगर, उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर? ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द, ना झलके आँखों में कोई सर्द। तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे, जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे। ©Amrendra Kumar Thakur

#कविता #oldage  तरक्की का मतलब क्या?


चूल्हे पर जलती धीमी लौ,
कुनकुनाती आग में यादें बुनती जो।
झुर्रियों में छिपी कितनी कहानियाँ,
जीवन की उतार-चढ़ाव की निशानियाँ।

सालों के सफ़र में ये हाथ थके,
ख़्वाब बुने जो अब धुंधले दिखे।
इस घर की नींव में उनके पसीने,
आज अकेले, बिन किसी साए के जीने।

तरक्की का मतलब क्या हुआ?
अगर माँ-बाप का सहारा ना बना।
जिन्होंने हर मुश्किल सह ली,
उनके बुढ़ापे में, हम दूर चल दिए।

दुनिया आगे बढ़ती जाती,
पर ये उम्र ठहर सी जाती।
सफलता का क्या मतलब है अगर,
उनकी देखभाल से हम हट गए, कहीं दूर जाकर?

ना हो उनकी उम्र में कोई दर्द,
ना झलके आँखों में कोई सर्द।
तरक्की वो नहीं जो प्यार ना दे,
जो अपने बुज़ुर्गों का साथ ना रहे।

©Amrendra Kumar Thakur

#oldage हिंदी कविता कविता कोश कविता हिंदी कविता

13 Love

White मैं और मेरी तनहाई अक्सर ख्यालों में तुझे याद किया करतीं हैं मैं और मेरी परछाई अक्सर राहों में तेरा साथ ढुंढा करतीं हैं मैं और तेरी अधूरी बातें अक्सर तुझसे बातें करना चाहतीं हैं मैं और तेरी यादें हमेशा तेरा साथ चाहतीं हैं। ©Sarita Kumari Ravidas

#कविता #love_shayari #poem  White मैं और मेरी तनहाई 
अक्सर ख्यालों में तुझे याद किया करतीं हैं
मैं और मेरी परछाई 
अक्सर राहों में तेरा साथ ढुंढा करतीं हैं 
मैं और तेरी अधूरी बातें 
अक्सर तुझसे बातें करना चाहतीं हैं 
मैं और तेरी यादें 
हमेशा तेरा साथ चाहतीं हैं।

©Sarita Kumari Ravidas

#love_shayari मैं और मेरी तनहाई #Nojoto #poem कविताएं कविता कोश हिंदी कविता प्रेम कविता प्यार पर कविता

12 Love

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