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New सांग रोटी कपड़ा और मकान Status, Photo, Video

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White रोजी रोटी की तलाश में घरों से दूर हैं हम, मुश्किल वक्त में पता चलता है,कितने मजबूर हैं हम। Roji roti ki talaash me gharon se door hain hun, muskil waqt me pata chalta hai,kitne mazboor hain hum. ©Shashi Goutam

#परिवार #दोस्ती #जरूरत #मजबूर #रोटी #वक्त  White रोजी रोटी की तलाश में घरों से दूर हैं हम,
मुश्किल वक्त में पता चलता है,कितने मजबूर हैं हम।
Roji roti ki talaash me gharon se door hain hun,
muskil waqt me pata chalta hai,kitne mazboor hain hum.

©Shashi Goutam

White बन सकेगा नही मकान, रहेगा कैसे ईन्सान। देख जरा भगवान,नियति का विधान।। किसी को मिला मकान,किसी को कर दिया विरान। व्यथितत हो रहा मन,सह नही रहा है तन।। मिले सबको मकान,बने सबका मकान।। ©रघुराम

#कविता #Sad_Status  White बन सकेगा नही मकान, रहेगा कैसे ईन्सान।
देख जरा भगवान,नियति का विधान।।
किसी को मिला मकान,किसी को कर दिया विरान।
व्यथितत हो रहा मन,सह नही रहा है तन।।
मिले सबको मकान,बने सबका मकान।।

©रघुराम

#Sad_Status मकान

11 Love

White बस्ती हो और मकान न हो। महफिल हो और शराब न हो। तेरे हुस्न की चर्चा रहे हर लम्हा, फिर भी तेरा दीदार न हो। तेरे हुस्न का जादू, जैसे नसीब का खेल, वरना तेरे बिना महफिल भी, सुनसान हो। तू हो पास, तो हर दिल में बहार हो, तू जैसे रेत पर खड़ी, ख्वाबों की दीवार हो। हर ग़ज़ल में जिक्र तेरा, तेरे बिना हर लफ्ज़ बेकार हो। तेरी यादों का नशा, हर लम्हा ताज़गी बक्शे, तेरे बिना कोई जश्न, जैसे बंजर कोई बाग़ हो। तू ही राहत, तू ही सुकून, तेरे बिना अधूरा जैसे हर ख्वाब हो। महफिल हो और शराब न हो, तेरा चर्चा रहे बस तेरा दीदार न हो। ©Navneet Thakur

#शायरी  White 

बस्ती हो और मकान न हो।
महफिल हो और शराब न हो।

तेरे हुस्न की चर्चा रहे हर लम्हा,
फिर भी तेरा दीदार न हो।

तेरे हुस्न का जादू, जैसे नसीब का खेल,
वरना तेरे बिना महफिल भी, सुनसान हो।
तू हो पास, तो हर दिल में बहार हो,
तू जैसे रेत पर खड़ी, ख्वाबों की दीवार हो।

हर ग़ज़ल में जिक्र तेरा,
तेरे बिना हर लफ्ज़ बेकार हो।

तेरी यादों का नशा, हर लम्हा ताज़गी बक्शे,
तेरे बिना कोई जश्न, जैसे बंजर कोई बाग़ हो।
तू ही राहत, तू ही सुकून,
तेरे बिना अधूरा जैसे हर ख्वाब हो।

महफिल हो और शराब न हो,
तेरा चर्चा रहे  
बस तेरा दीदार न हो।

©Navneet Thakur

बस्ती हो और कोई मकान न हो#

10 Love

White कई दिनों से पाली हुई अपनी. भुख के लिए मैं रोटी की तलाश हर गली मे करता रहा लेकिन सब जगह से मुझे दुतकारा गया लेकिनअब मैं रोटी मांगूगा नहीं बल्कि पूरी ताकत लगा कर छिनूँगा ...उस घरसे जहाँ से मुझे रोटी की सुगंध महसूस होंगी ©Parasram Arora

#कविता  White कई दिनों से  पाली हुई अपनी. भुख के लिए 
मैं रोटी की तलाश हर गली मे करता रहा लेकिन सब जगह से 
मुझे दुतकारा गया 

लेकिनअब मैं  रोटी मांगूगा नहीं बल्कि पूरी 
ताकत लगा कर छिनूँगा ...उस घरसे  जहाँ  से मुझे रोटी की सुगंध महसूस होंगी

©Parasram Arora

रोटी की सुगंध

13 Love

White आओ, नीले गगन के तले हम अपने मकान में सो जाएं तारों की आंख मिचोली को, बंद आंखों को खोल के निहार करेंगे ©arvind bhanwra ambala. India

 White आओ, नीले गगन के तले 
हम अपने मकान में सो जाएं 
तारों की आंख मिचोली को, 
बंद आंखों को खोल के 
निहार करेंगे

©arvind bhanwra ambala. India

मकान

23 Love

White एक अदद रोटी और दो गूँट प्यास के लिये मैं अपनी जिंदगी को धूप मे तपा कर पसीनो से लथ पथ करता रहा और पसीनो से जिंदगी को नहला. कर उसे ताज़गी से भरता रहा ©Parasram Arora

#कविता  White एक अदद  रोटी  
और दो गूँट प्यास 
के लिये 
मैं अपनी जिंदगी 
को  धूप मे तपा  कर 
पसीनो से लथ पथ 
करता रहा 
और  पसीनो से जिंदगी 
को नहला. कर 
उसे ताज़गी से  भरता रहा

©Parasram Arora

एक अदद रोटी और दो गूट प्यास

12 Love

White रोजी रोटी की तलाश में घरों से दूर हैं हम, मुश्किल वक्त में पता चलता है,कितने मजबूर हैं हम। Roji roti ki talaash me gharon se door hain hun, muskil waqt me pata chalta hai,kitne mazboor hain hum. ©Shashi Goutam

#परिवार #दोस्ती #जरूरत #मजबूर #रोटी #वक्त  White रोजी रोटी की तलाश में घरों से दूर हैं हम,
मुश्किल वक्त में पता चलता है,कितने मजबूर हैं हम।
Roji roti ki talaash me gharon se door hain hun,
muskil waqt me pata chalta hai,kitne mazboor hain hum.

©Shashi Goutam

White बन सकेगा नही मकान, रहेगा कैसे ईन्सान। देख जरा भगवान,नियति का विधान।। किसी को मिला मकान,किसी को कर दिया विरान। व्यथितत हो रहा मन,सह नही रहा है तन।। मिले सबको मकान,बने सबका मकान।। ©रघुराम

#कविता #Sad_Status  White बन सकेगा नही मकान, रहेगा कैसे ईन्सान।
देख जरा भगवान,नियति का विधान।।
किसी को मिला मकान,किसी को कर दिया विरान।
व्यथितत हो रहा मन,सह नही रहा है तन।।
मिले सबको मकान,बने सबका मकान।।

©रघुराम

#Sad_Status मकान

11 Love

White बस्ती हो और मकान न हो। महफिल हो और शराब न हो। तेरे हुस्न की चर्चा रहे हर लम्हा, फिर भी तेरा दीदार न हो। तेरे हुस्न का जादू, जैसे नसीब का खेल, वरना तेरे बिना महफिल भी, सुनसान हो। तू हो पास, तो हर दिल में बहार हो, तू जैसे रेत पर खड़ी, ख्वाबों की दीवार हो। हर ग़ज़ल में जिक्र तेरा, तेरे बिना हर लफ्ज़ बेकार हो। तेरी यादों का नशा, हर लम्हा ताज़गी बक्शे, तेरे बिना कोई जश्न, जैसे बंजर कोई बाग़ हो। तू ही राहत, तू ही सुकून, तेरे बिना अधूरा जैसे हर ख्वाब हो। महफिल हो और शराब न हो, तेरा चर्चा रहे बस तेरा दीदार न हो। ©Navneet Thakur

#शायरी  White 

बस्ती हो और मकान न हो।
महफिल हो और शराब न हो।

तेरे हुस्न की चर्चा रहे हर लम्हा,
फिर भी तेरा दीदार न हो।

तेरे हुस्न का जादू, जैसे नसीब का खेल,
वरना तेरे बिना महफिल भी, सुनसान हो।
तू हो पास, तो हर दिल में बहार हो,
तू जैसे रेत पर खड़ी, ख्वाबों की दीवार हो।

हर ग़ज़ल में जिक्र तेरा,
तेरे बिना हर लफ्ज़ बेकार हो।

तेरी यादों का नशा, हर लम्हा ताज़गी बक्शे,
तेरे बिना कोई जश्न, जैसे बंजर कोई बाग़ हो।
तू ही राहत, तू ही सुकून,
तेरे बिना अधूरा जैसे हर ख्वाब हो।

महफिल हो और शराब न हो,
तेरा चर्चा रहे  
बस तेरा दीदार न हो।

©Navneet Thakur

बस्ती हो और कोई मकान न हो#

10 Love

White कई दिनों से पाली हुई अपनी. भुख के लिए मैं रोटी की तलाश हर गली मे करता रहा लेकिन सब जगह से मुझे दुतकारा गया लेकिनअब मैं रोटी मांगूगा नहीं बल्कि पूरी ताकत लगा कर छिनूँगा ...उस घरसे जहाँ से मुझे रोटी की सुगंध महसूस होंगी ©Parasram Arora

#कविता  White कई दिनों से  पाली हुई अपनी. भुख के लिए 
मैं रोटी की तलाश हर गली मे करता रहा लेकिन सब जगह से 
मुझे दुतकारा गया 

लेकिनअब मैं  रोटी मांगूगा नहीं बल्कि पूरी 
ताकत लगा कर छिनूँगा ...उस घरसे  जहाँ  से मुझे रोटी की सुगंध महसूस होंगी

©Parasram Arora

रोटी की सुगंध

13 Love

White आओ, नीले गगन के तले हम अपने मकान में सो जाएं तारों की आंख मिचोली को, बंद आंखों को खोल के निहार करेंगे ©arvind bhanwra ambala. India

 White आओ, नीले गगन के तले 
हम अपने मकान में सो जाएं 
तारों की आंख मिचोली को, 
बंद आंखों को खोल के 
निहार करेंगे

©arvind bhanwra ambala. India

मकान

23 Love

White एक अदद रोटी और दो गूँट प्यास के लिये मैं अपनी जिंदगी को धूप मे तपा कर पसीनो से लथ पथ करता रहा और पसीनो से जिंदगी को नहला. कर उसे ताज़गी से भरता रहा ©Parasram Arora

#कविता  White एक अदद  रोटी  
और दो गूँट प्यास 
के लिये 
मैं अपनी जिंदगी 
को  धूप मे तपा  कर 
पसीनो से लथ पथ 
करता रहा 
और  पसीनो से जिंदगी 
को नहला. कर 
उसे ताज़गी से  भरता रहा

©Parasram Arora

एक अदद रोटी और दो गूट प्यास

12 Love

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