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New नईं टेबलेट हिमालय Status, Photo, Video

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White हिमालय किधर है? मैने उस बच्चे से पूछा जो स्कूल के बाहर पतंग उड़ा रहा था उधर- उधर उसने कहा जिधर उसकी पतंग भागी जा रही थी मैं स्वीकार करूं मैने पहली बार जाना हिमालय किधर है ! -केदारनाथ सिंह ©gudiya

#nojotohindi #nojotoph  White हिमालय किधर है?
मैने उस बच्चे से पूछा जो स्कूल के बाहर
पतंग उड़ा रहा था

उधर- उधर उसने कहा
जिधर उसकी पतंग भागी जा रही थी

मैं स्वीकार करूं
मैने पहली बार जाना
हिमालय किधर है !

-केदारनाथ सिंह

©gudiya

#nojotophoto उधर- उधर उसने कहा जिधर उसकी पतंग भागी जा रही थी मैं स्वीकार करूं मैने पहली बार जाना हिमालय किधर है !

16 Love

#हिमालय #जल #SAD

#जल जंगल जमीन बचाओ आंदोलन सभी दूर जंगल काटे जा रहे है #हिमालय

108 View

#मोटिवेशनल #हिमालय  White 
 
माउंट कैलाश, हिमालय पर्वत में तिब्बत  के सुदूर दक्षिण - पश्चिम कोने में स्थित एक अद्भुत शिखर है। 6638 मीटर (21778 फीट) की ऊंचाई पर स्थित यह हिमालय के सबसे ऊंचे हिस्से में से एक है ओर कुछ नदियों के स्त्रोत के रूप में कार्य करता है।

©Vinit Sarmandal
#बेजुबानशायर143 #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #हरहरमहादेव #कविता95 #कविता  White ।। जिस काले गोले से होता है , इस ब्रह्मांड का विनाश है, 
वह काला गोला महादेव के बस एक सूक्ष्म अंश के वो समान है ।।

आदि ना ही अंत जिनका, कंठ समुद्र समान है 
गले मैं अजय बासुकी, बाल गरुण समान है 

रूप मानो ऐसा जिसके मुट्ठी में ब्रह्मांड है 
एक रूप ऐसा जहा ब्रह्मांडधारि पुष्प पे सवार है, 

जिनका तप सहस्त्र सूर्यो के समान है
 जिनका मन पूर्ण चंद्र सा महान है, 
जिनके नेत्र में है बस्ता,वो अंतिम खंड 
इस समाज का ऐसा ना समझो कि,
भैरव बस नाम वो विनाश का ।

आदियोगी, सर्वयोगी, पूर्णयोगी, महानयोगी । 
बह रहे हैं गंगाधारी, 
नदियों के बहाव में चल रहे हैं चंद्रधारी, 
हिमालय की हवाओं में 

जिनको महसूस हो रहे जो वो " मां " नाम की पुकार में सहला रहे हैं 
छाती मेरी ममता के आवास में, रो रहे हैं भोलेनाथ जी भूख की पुकार में ।।

लड़ रहे हैं रूद्र बनके, उग रहे हैं पुष्प बनके
हंस रहे हैं चंद्र बनके, जल रहे हैं कोयला बनके,
 हर रहे हैं मां बनके, 
और मुझे डांट रहे हैं पितृ बनके ।

।। जिनके हाथ में है भार मेरे हाथ का, 
जिनकी आंखों में है तेज मेरी आंख का, 
जिनकी बुद्धि है शोध मेरे ज्ञान का, 
महादेव कहो या शिव संपूर्ण अर्थ बस यही काल का ।।

ॐ  हर हर महादेव ॐ

©बेजुबान शायर shivkumar

White हिमालय किधर है? मैने उस बच्चे से पूछा जो स्कूल के बाहर पतंग उड़ा रहा था उधर- उधर उसने कहा जिधर उसकी पतंग भागी जा रही थी मैं स्वीकार करूं मैने पहली बार जाना हिमालय किधर है ! -केदारनाथ सिंह ©gudiya

#nojotohindi #nojotoph  White हिमालय किधर है?
मैने उस बच्चे से पूछा जो स्कूल के बाहर
पतंग उड़ा रहा था

उधर- उधर उसने कहा
जिधर उसकी पतंग भागी जा रही थी

मैं स्वीकार करूं
मैने पहली बार जाना
हिमालय किधर है !

-केदारनाथ सिंह

©gudiya

#nojotophoto उधर- उधर उसने कहा जिधर उसकी पतंग भागी जा रही थी मैं स्वीकार करूं मैने पहली बार जाना हिमालय किधर है !

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#हिमालय #जल #SAD

#जल जंगल जमीन बचाओ आंदोलन सभी दूर जंगल काटे जा रहे है #हिमालय

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#मोटिवेशनल #हिमालय  White 
 
माउंट कैलाश, हिमालय पर्वत में तिब्बत  के सुदूर दक्षिण - पश्चिम कोने में स्थित एक अद्भुत शिखर है। 6638 मीटर (21778 फीट) की ऊंचाई पर स्थित यह हिमालय के सबसे ऊंचे हिस्से में से एक है ओर कुछ नदियों के स्त्रोत के रूप में कार्य करता है।

©Vinit Sarmandal
#बेजुबानशायर143 #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #हरहरमहादेव #कविता95 #कविता  White ।। जिस काले गोले से होता है , इस ब्रह्मांड का विनाश है, 
वह काला गोला महादेव के बस एक सूक्ष्म अंश के वो समान है ।।

आदि ना ही अंत जिनका, कंठ समुद्र समान है 
गले मैं अजय बासुकी, बाल गरुण समान है 

रूप मानो ऐसा जिसके मुट्ठी में ब्रह्मांड है 
एक रूप ऐसा जहा ब्रह्मांडधारि पुष्प पे सवार है, 

जिनका तप सहस्त्र सूर्यो के समान है
 जिनका मन पूर्ण चंद्र सा महान है, 
जिनके नेत्र में है बस्ता,वो अंतिम खंड 
इस समाज का ऐसा ना समझो कि,
भैरव बस नाम वो विनाश का ।

आदियोगी, सर्वयोगी, पूर्णयोगी, महानयोगी । 
बह रहे हैं गंगाधारी, 
नदियों के बहाव में चल रहे हैं चंद्रधारी, 
हिमालय की हवाओं में 

जिनको महसूस हो रहे जो वो " मां " नाम की पुकार में सहला रहे हैं 
छाती मेरी ममता के आवास में, रो रहे हैं भोलेनाथ जी भूख की पुकार में ।।

लड़ रहे हैं रूद्र बनके, उग रहे हैं पुष्प बनके
हंस रहे हैं चंद्र बनके, जल रहे हैं कोयला बनके,
 हर रहे हैं मां बनके, 
और मुझे डांट रहे हैं पितृ बनके ।

।। जिनके हाथ में है भार मेरे हाथ का, 
जिनकी आंखों में है तेज मेरी आंख का, 
जिनकी बुद्धि है शोध मेरे ज्ञान का, 
महादेव कहो या शिव संपूर्ण अर्थ बस यही काल का ।।

ॐ  हर हर महादेव ॐ

©बेजुबान शायर shivkumar
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