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New प्यार इजहार करि Status, Photo, Video

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अंधेरी रातों में! भटकना बाकी है, तड़पना बाकी है, मचलना बाकी है। छत की सीढियों से, दिल की दीवार से उछलना बाकी है।। समेट लेता हु यादों को दिल में। कमबख्त इजहार अभी बाकी है।। अंधेरी रातों में! भटकना बाकी है।। ©Raviraaj

#शायरी #इजहार  अंधेरी रातों में!
भटकना बाकी है,
तड़पना बाकी है,
मचलना बाकी है।
छत की सीढियों से,
दिल की दीवार से
उछलना बाकी है।।
समेट लेता हु यादों को दिल में। 
 कमबख्त इजहार अभी बाकी है।।
अंधेरी रातों में!
भटकना बाकी है।।

©Raviraaj

#इजहार बाकी है।

12 Love

#मोटिवेशनल

कभी तो खुद को महसूस करो.. खुद से प्यार करो.. कट जायगी इसे कहीं तो रोक कर खुद से इजहार करो..

333 View

हम जैसा इश्क़ उसे कोई नही कर सकता। फिर अपनी मुहब्बत पर नाज़ नही करते। रोज सोचतें हैं हाल ऐ दिल बयां कर ही दें। फिर सोचते हैं आज नही करते। ©pirem pal Singh po

#शायरी #shayeri #dilse  हम जैसा इश्क़ उसे कोई नही कर सकता। 
फिर अपनी मुहब्बत पर नाज़ नही करते।  
रोज सोचतें हैं हाल ऐ दिल बयां कर ही दें। 
फिर सोचते हैं आज नही करते।

©pirem pal Singh po

इजहार शायरी, गालीब दीवान #love #shayeri #dilse

8 Love

White **नहीं करना इज़हार मुझे** नहीं करना इज़हार मुझे, इन ख़ामोश धड़कनों का। जो दिल में उठती है लहरें, उन्हें लफ्ज़ों में समेटना नहीं है। तुमसे कुछ कहने की चाह में, खुद से ही लड़ता हूँ मैं। पर ये ख़ामोशी बेहतर है, इसे ही जीता हूँ मैं। तुम्हारी मुस्कान में छिपी कहानियाँ, मैं बिन कहे पढ़ता हूँ। मगर अपनी आंखों की बातें, कभी तुमसे न कहता हूँ। कभी डर है कि तुम समझ न पाओ, कभी डर है, शायद तुम दूर हो जाओ। इसलिए हर बार चुप रहता हूँ, नज़रें झुका लेता हूँ, सब सहता हूँ। नहीं करना इज़हार मुझे, क्योंकि शायद ये बेहतर है। चुप रहकर देखता हूँ तुम्हें, ये एहसास ही गहरा है। ©आगाज़

#कविता #इजहार  White **नहीं करना इज़हार मुझे**  

नहीं करना इज़हार मुझे,  
इन ख़ामोश धड़कनों का।  
जो दिल में उठती है लहरें,  
उन्हें लफ्ज़ों में समेटना नहीं है।  

तुमसे कुछ कहने की चाह में,  
खुद से ही लड़ता हूँ मैं।  
पर ये ख़ामोशी बेहतर है,  
इसे ही जीता हूँ मैं।  

तुम्हारी मुस्कान में छिपी कहानियाँ,  
मैं बिन कहे पढ़ता हूँ।  
मगर अपनी आंखों की बातें,  
कभी तुमसे न कहता हूँ।  

कभी डर है कि तुम समझ न पाओ,  
कभी डर है, शायद तुम दूर हो जाओ।  
इसलिए हर बार चुप रहता हूँ,  
नज़रें झुका लेता हूँ, सब सहता हूँ।  

नहीं करना इज़हार मुझे,  
क्योंकि शायद ये बेहतर है।  
चुप रहकर देखता हूँ तुम्हें,  
ये एहसास ही गहरा है।

©आगाज़

कभी किसी रोज बात तुमसे हुई थी कभी चुपके से हम मिले,प्यार बड़ गया था कभी दुख सुख के साथी बने थे हम दोनो कभी राते गुजारा करते थे एक दुजे के वियोग मे कभी गम और खुशी के पकोड़े हमने खाये थे कभी अब कहां गये वो दिन वो राते..बिछढ़ गयी मुझसे अब देखते है मिल जाये दुसरा प्यार कभी कही...!! ©HARSHIT369

#पुराना #कविता  कभी किसी रोज बात तुमसे हुई थी कभी
चुपके से हम मिले,प्यार बड़ गया था कभी
दुख सुख के साथी बने थे हम दोनो कभी
राते गुजारा करते थे एक दुजे के वियोग मे कभी
गम और खुशी के पकोड़े हमने खाये थे कभी
अब कहां गये वो दिन वो राते..बिछढ़ गयी मुझसे
अब देखते है मिल जाये दुसरा प्यार कभी कही...!!

©HARSHIT369

#पुराना प्यार प्यार पर कविता

12 Love

प्यार वो प्यार

198 View

अंधेरी रातों में! भटकना बाकी है, तड़पना बाकी है, मचलना बाकी है। छत की सीढियों से, दिल की दीवार से उछलना बाकी है।। समेट लेता हु यादों को दिल में। कमबख्त इजहार अभी बाकी है।। अंधेरी रातों में! भटकना बाकी है।। ©Raviraaj

#शायरी #इजहार  अंधेरी रातों में!
भटकना बाकी है,
तड़पना बाकी है,
मचलना बाकी है।
छत की सीढियों से,
दिल की दीवार से
उछलना बाकी है।।
समेट लेता हु यादों को दिल में। 
 कमबख्त इजहार अभी बाकी है।।
अंधेरी रातों में!
भटकना बाकी है।।

©Raviraaj

#इजहार बाकी है।

12 Love

#मोटिवेशनल

कभी तो खुद को महसूस करो.. खुद से प्यार करो.. कट जायगी इसे कहीं तो रोक कर खुद से इजहार करो..

333 View

हम जैसा इश्क़ उसे कोई नही कर सकता। फिर अपनी मुहब्बत पर नाज़ नही करते। रोज सोचतें हैं हाल ऐ दिल बयां कर ही दें। फिर सोचते हैं आज नही करते। ©pirem pal Singh po

#शायरी #shayeri #dilse  हम जैसा इश्क़ उसे कोई नही कर सकता। 
फिर अपनी मुहब्बत पर नाज़ नही करते।  
रोज सोचतें हैं हाल ऐ दिल बयां कर ही दें। 
फिर सोचते हैं आज नही करते।

©pirem pal Singh po

इजहार शायरी, गालीब दीवान #love #shayeri #dilse

8 Love

White **नहीं करना इज़हार मुझे** नहीं करना इज़हार मुझे, इन ख़ामोश धड़कनों का। जो दिल में उठती है लहरें, उन्हें लफ्ज़ों में समेटना नहीं है। तुमसे कुछ कहने की चाह में, खुद से ही लड़ता हूँ मैं। पर ये ख़ामोशी बेहतर है, इसे ही जीता हूँ मैं। तुम्हारी मुस्कान में छिपी कहानियाँ, मैं बिन कहे पढ़ता हूँ। मगर अपनी आंखों की बातें, कभी तुमसे न कहता हूँ। कभी डर है कि तुम समझ न पाओ, कभी डर है, शायद तुम दूर हो जाओ। इसलिए हर बार चुप रहता हूँ, नज़रें झुका लेता हूँ, सब सहता हूँ। नहीं करना इज़हार मुझे, क्योंकि शायद ये बेहतर है। चुप रहकर देखता हूँ तुम्हें, ये एहसास ही गहरा है। ©आगाज़

#कविता #इजहार  White **नहीं करना इज़हार मुझे**  

नहीं करना इज़हार मुझे,  
इन ख़ामोश धड़कनों का।  
जो दिल में उठती है लहरें,  
उन्हें लफ्ज़ों में समेटना नहीं है।  

तुमसे कुछ कहने की चाह में,  
खुद से ही लड़ता हूँ मैं।  
पर ये ख़ामोशी बेहतर है,  
इसे ही जीता हूँ मैं।  

तुम्हारी मुस्कान में छिपी कहानियाँ,  
मैं बिन कहे पढ़ता हूँ।  
मगर अपनी आंखों की बातें,  
कभी तुमसे न कहता हूँ।  

कभी डर है कि तुम समझ न पाओ,  
कभी डर है, शायद तुम दूर हो जाओ।  
इसलिए हर बार चुप रहता हूँ,  
नज़रें झुका लेता हूँ, सब सहता हूँ।  

नहीं करना इज़हार मुझे,  
क्योंकि शायद ये बेहतर है।  
चुप रहकर देखता हूँ तुम्हें,  
ये एहसास ही गहरा है।

©आगाज़

कभी किसी रोज बात तुमसे हुई थी कभी चुपके से हम मिले,प्यार बड़ गया था कभी दुख सुख के साथी बने थे हम दोनो कभी राते गुजारा करते थे एक दुजे के वियोग मे कभी गम और खुशी के पकोड़े हमने खाये थे कभी अब कहां गये वो दिन वो राते..बिछढ़ गयी मुझसे अब देखते है मिल जाये दुसरा प्यार कभी कही...!! ©HARSHIT369

#पुराना #कविता  कभी किसी रोज बात तुमसे हुई थी कभी
चुपके से हम मिले,प्यार बड़ गया था कभी
दुख सुख के साथी बने थे हम दोनो कभी
राते गुजारा करते थे एक दुजे के वियोग मे कभी
गम और खुशी के पकोड़े हमने खाये थे कभी
अब कहां गये वो दिन वो राते..बिछढ़ गयी मुझसे
अब देखते है मिल जाये दुसरा प्यार कभी कही...!!

©HARSHIT369

#पुराना प्यार प्यार पर कविता

12 Love

प्यार वो प्यार

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