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poem

207 View

रात भर एक चाँद का साया रहा, दिल में कोई खामोश उजाला रहा। तारों ने कहानियाँ बुन दी कई, पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा। चुपके से हवाओं ने कुछ कहा, जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया। दिल की किताब में एक पन्ना खुला, और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा। ©kavi Abhishek Pathak

#कविता #poem  रात भर एक चाँद का साया रहा,
दिल में कोई खामोश उजाला रहा।
तारों ने कहानियाँ बुन दी कई,
पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा।

चुपके से हवाओं ने कुछ कहा,
जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया।
दिल की किताब में एक पन्ना खुला,
और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा।

©kavi Abhishek Pathak

#poem

11 Love

White नई सुबह एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है सूर्य सिर पे चढ़ता है । मानव नित नए आयाम रचता है महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है भंवरे गीत सुनाते है। नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है। मां की रसोई महकती है दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं। दिया आर्या (दक्षिता) ©diya the poetter

#poem  White नई सुबह 

एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है 
जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है 
सूर्य सिर पे चढ़ता है ।
मानव नित नए आयाम रचता है
महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है 
भंवरे गीत सुनाते है।
नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है।
मां की रसोई महकती है 
दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है 
नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है 
घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है 
नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं।
     दिया आर्या (दक्षिता)

©diya the poetter

#poem

11 Love

White जिंदगी में ठोकरे हमें मजबूर नहीं अंदर से कठौर बना देते हैं l 🙏 ©S Priyadarshini

#विचार #good_night #poem  White जिंदगी में ठोकरे हमें मजबूर नहीं अंदर से कठौर बना देते हैं l
🙏

©S Priyadarshini

#good_night #Nojoto #poem#poetry#poem

11 Love

#कविता #poem

#poem

144 View

#कविता #poem  White कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ २-४७

 तू कर्म को प्रधान मान और चल दे अपनी राह पर,
संघर्ष तेरा कर्म पर हो तू फल की ना कोई चाह कर ।
  तू कर्म को प्रबल बना खुद को उसमें झोंककर ,
मिलेगी तुझको ही विजय तू कर्म पर विश्वास कर।    
कर्म से ही तेरी भाग्य का निर्माण होगा ,
आज जिसकी चाह है तुझको कल वो तेरे पास होगा ।
-Amod Jaiswal

©Amod Kumar Jaiswal

#poem

162 View

poem

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रात भर एक चाँद का साया रहा, दिल में कोई खामोश उजाला रहा। तारों ने कहानियाँ बुन दी कई, पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा। चुपके से हवाओं ने कुछ कहा, जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया। दिल की किताब में एक पन्ना खुला, और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा। ©kavi Abhishek Pathak

#कविता #poem  रात भर एक चाँद का साया रहा,
दिल में कोई खामोश उजाला रहा।
तारों ने कहानियाँ बुन दी कई,
पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा।

चुपके से हवाओं ने कुछ कहा,
जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया।
दिल की किताब में एक पन्ना खुला,
और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा।

©kavi Abhishek Pathak

#poem

11 Love

White नई सुबह एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है सूर्य सिर पे चढ़ता है । मानव नित नए आयाम रचता है महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है भंवरे गीत सुनाते है। नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है। मां की रसोई महकती है दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं। दिया आर्या (दक्षिता) ©diya the poetter

#poem  White नई सुबह 

एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है 
जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है 
सूर्य सिर पे चढ़ता है ।
मानव नित नए आयाम रचता है
महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है 
भंवरे गीत सुनाते है।
नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है।
मां की रसोई महकती है 
दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है 
नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है 
घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है 
नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं।
     दिया आर्या (दक्षिता)

©diya the poetter

#poem

11 Love

White जिंदगी में ठोकरे हमें मजबूर नहीं अंदर से कठौर बना देते हैं l 🙏 ©S Priyadarshini

#विचार #good_night #poem  White जिंदगी में ठोकरे हमें मजबूर नहीं अंदर से कठौर बना देते हैं l
🙏

©S Priyadarshini

#good_night #Nojoto #poem#poetry#poem

11 Love

#कविता #poem

#poem

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#कविता #poem  White कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ २-४७

 तू कर्म को प्रधान मान और चल दे अपनी राह पर,
संघर्ष तेरा कर्म पर हो तू फल की ना कोई चाह कर ।
  तू कर्म को प्रबल बना खुद को उसमें झोंककर ,
मिलेगी तुझको ही विजय तू कर्म पर विश्वास कर।    
कर्म से ही तेरी भाग्य का निर्माण होगा ,
आज जिसकी चाह है तुझको कल वो तेरे पास होगा ।
-Amod Jaiswal

©Amod Kumar Jaiswal

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