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White इंसान में दो अच्छी आदतें जरूर होनी चाहिए... कौन सी.... कौन सी ©neelu

#Sad_Status #कौन  White इंसान में दो अच्छी आदतें जरूर
 होनी चाहिए...
कौन सी.... कौन सी

©neelu

#Sad_Status #कौन सी #कौन सी

22 Love

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

135 View

दुशासन ने चीरहरण किया,  प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

14 Love

White भटकता है मन यहां वहां मन पर सुसज्जित कौन है हाथ में खंजर मुख पर मुस्कान बिखेरे, आत्मा रक्त रंजित कौन है बद से बदतर होते जा रहे आचार और विचार इनके दुष्प्रभाव से अकारण ही शोषित कौन है औरों पर एक तो चार खुद पर भी उठेगी इल्जाम लगाने से पहले देखो कि इंगित कौन है कब तक करते रहेंगे मिलावट श्रद्धा और भक्ति में भी एक बार तो सोचो कि कण कण में समाहित कौन है औरों की जानकारी रखते हैं स्वयं से ज्यादा पर सही मायने में स्वयं से परिचित कौन है ©Anita Agarwal

#Motivational  White भटकता है मन यहां वहां मन पर सुसज्जित कौन है
हाथ में खंजर मुख पर मुस्कान बिखेरे, 
आत्मा रक्त रंजित कौन है

बद से बदतर होते जा रहे आचार और विचार
इनके दुष्प्रभाव से अकारण ही शोषित कौन है

औरों पर एक तो चार खुद पर भी उठेगी
इल्जाम लगाने से पहले देखो कि इंगित कौन है

कब तक करते रहेंगे मिलावट श्रद्धा और भक्ति में भी
एक बार तो सोचो कि कण कण में समाहित कौन है

औरों की जानकारी रखते हैं स्वयं से ज्यादा
पर सही मायने में स्वयं से परिचित कौन है

©Anita Agarwal

कौन है

10 Love

तुम कौन हो चले आते हो झांकने मेरे मन आँगन में ज़मी यादों को! चले आते हो उद्वेलित करने मेरे अंतर्द्वंद को, और मेरे विगत को मेरे सामने खड़ा कर, फिर, मुझे छोड जाते हो मेरी तन्हाइयों और मेरी मायूसियों में भटकता छोडकर... और तन्हा और अकेला!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  तुम कौन हो
चले आते हो झांकने
मेरे मन आँगन में ज़मी
यादों को!
चले आते हो उद्वेलित करने
मेरे अंतर्द्वंद को,
और मेरे विगत को मेरे
सामने खड़ा कर,
फिर, मुझे छोड जाते हो
मेरी तन्हाइयों और
मेरी मायूसियों में
भटकता छोडकर... 
और तन्हा और अकेला!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha

कौन हो तुम

15 Love

#विचार #sad_shayari  White प्रकृति की हासिन वादियों ने हमसें एक सवाल क्या ? तुम कौन हो कहीं तुम वही लुटेरा निर्दयी निर्मोही हत्यारा तो नही हो जो मुझे डसने आये हों । कहीं तुम मेरा चीरहरण करने वाला तो नही हों । कहीं तुम मेरा शोषण करने वाला बेशर्म तो नही मैं निशब्द हूँ उनके सवालों से मैं कौन हूँ ? भला

©prem yadav

#sad_shayari मैं कौन हूँ ?

144 View

White इंसान में दो अच्छी आदतें जरूर होनी चाहिए... कौन सी.... कौन सी ©neelu

#Sad_Status #कौन  White इंसान में दो अच्छी आदतें जरूर
 होनी चाहिए...
कौन सी.... कौन सी

©neelu

#Sad_Status #कौन सी #कौन सी

22 Love

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

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दुशासन ने चीरहरण किया,  प्रभु बचाने आए लाज तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। मन कर्म वचन ये सब, भरी सभा में मूक हुए। युधिष्ठिर भीम अर्जुन,, सबके निशाने चूक गए। ऐसा लगा मानवता के, पैर लड़खड़ाने वाले हैं। वो तो श्री कृष्ण है जो,, जग को बचाने वाले हैं। रण हुंकार भरेगी अब फिर, उठेगी लपटे बदले की तेरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। पतन को जतन से उभारे, वो चौसर के सरताज है। जहां किसी पर गिरे गाज,, वहां सांप ऊपर बाज है। कहां गए ये पंच तत्व सब, जिन्हे भ्रम ने घेरा है। द्रोपदी के चीर हरण को,, इन सब ने ही उकेरा है। इसके खून से वेणी धुलेगी, प्रण करे भार्या के प्रहरी। हे पांचाली! नमन करो इन्हे, ये पांडवों के हृदय के भेरी।। ©Satish Kumar Meena

#कविता #हे  दुशासन ने चीरहरण किया, 
प्रभु बचाने आए लाज तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

मन कर्म वचन ये सब,
भरी सभा में मूक हुए।
युधिष्ठिर भीम अर्जुन,,
सबके निशाने चूक गए।
ऐसा लगा मानवता के,
पैर लड़खड़ाने वाले हैं।
वो तो श्री कृष्ण है जो,,
जग को बचाने वाले हैं।

रण हुंकार भरेगी अब फिर,
उठेगी लपटे बदले की तेरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

पतन को जतन से उभारे,
वो चौसर के सरताज है।
जहां किसी पर गिरे गाज,,
वहां सांप ऊपर बाज है।
कहां गए ये पंच तत्व सब,
जिन्हे भ्रम ने घेरा है।
द्रोपदी के चीर हरण को,,
इन सब ने ही उकेरा है।

इसके खून से वेणी धुलेगी,
प्रण करे भार्या के प्रहरी।
हे पांचाली! नमन करो इन्हे,
ये पांडवों के हृदय के भेरी।।

©Satish Kumar Meena

#हे पांचाली नमन करो

14 Love

White भटकता है मन यहां वहां मन पर सुसज्जित कौन है हाथ में खंजर मुख पर मुस्कान बिखेरे, आत्मा रक्त रंजित कौन है बद से बदतर होते जा रहे आचार और विचार इनके दुष्प्रभाव से अकारण ही शोषित कौन है औरों पर एक तो चार खुद पर भी उठेगी इल्जाम लगाने से पहले देखो कि इंगित कौन है कब तक करते रहेंगे मिलावट श्रद्धा और भक्ति में भी एक बार तो सोचो कि कण कण में समाहित कौन है औरों की जानकारी रखते हैं स्वयं से ज्यादा पर सही मायने में स्वयं से परिचित कौन है ©Anita Agarwal

#Motivational  White भटकता है मन यहां वहां मन पर सुसज्जित कौन है
हाथ में खंजर मुख पर मुस्कान बिखेरे, 
आत्मा रक्त रंजित कौन है

बद से बदतर होते जा रहे आचार और विचार
इनके दुष्प्रभाव से अकारण ही शोषित कौन है

औरों पर एक तो चार खुद पर भी उठेगी
इल्जाम लगाने से पहले देखो कि इंगित कौन है

कब तक करते रहेंगे मिलावट श्रद्धा और भक्ति में भी
एक बार तो सोचो कि कण कण में समाहित कौन है

औरों की जानकारी रखते हैं स्वयं से ज्यादा
पर सही मायने में स्वयं से परिचित कौन है

©Anita Agarwal

कौन है

10 Love

तुम कौन हो चले आते हो झांकने मेरे मन आँगन में ज़मी यादों को! चले आते हो उद्वेलित करने मेरे अंतर्द्वंद को, और मेरे विगत को मेरे सामने खड़ा कर, फिर, मुझे छोड जाते हो मेरी तन्हाइयों और मेरी मायूसियों में भटकता छोडकर... और तन्हा और अकेला!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  तुम कौन हो
चले आते हो झांकने
मेरे मन आँगन में ज़मी
यादों को!
चले आते हो उद्वेलित करने
मेरे अंतर्द्वंद को,
और मेरे विगत को मेरे
सामने खड़ा कर,
फिर, मुझे छोड जाते हो
मेरी तन्हाइयों और
मेरी मायूसियों में
भटकता छोडकर... 
और तन्हा और अकेला!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha

कौन हो तुम

15 Love

#विचार #sad_shayari  White प्रकृति की हासिन वादियों ने हमसें एक सवाल क्या ? तुम कौन हो कहीं तुम वही लुटेरा निर्दयी निर्मोही हत्यारा तो नही हो जो मुझे डसने आये हों । कहीं तुम मेरा चीरहरण करने वाला तो नही हों । कहीं तुम मेरा शोषण करने वाला बेशर्म तो नही मैं निशब्द हूँ उनके सवालों से मैं कौन हूँ ? भला

©prem yadav

#sad_shayari मैं कौन हूँ ?

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