सोते जागते ,रुकी होऊं या भागते मुझे कुछ कहना होता है ,कभी शब्दों से कहती हूं और कभी आंखों से बस,अपने एहसासों को पहले पन्नो पर, फिर ऐसे जहां अच्छा मंच मिल जाए ,वहां सुनाने का मौके के लिए ईश्वर की आभारी हूं और आभारी हूं मां की जिसने मेरी आज़ाद रूह को आज़ाद रखा हमेशा।#Blessed shukriya @just_pratima और @inshaadofficial @chitranagari_samvad__manch इस सुनहरे अवसर के लिए।#gratitude#मनपसंद #life
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