ऐ विस्मृत युवा अँधेरों में गुज़रता तेरा बचपन, हवा में मौज नहीं होता। माँ भारती श्रृंगार करती बेड़ियों में,गर आज़ाद हिंद फौज़ नही होता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्.
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