एक उदास बच्चे सा बैठे मेरे मन को बहलाया है उसने 
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एक उदास बच्चे सा बैठे मेरे मन को बहलाया है उसने दिल्ल को छू जाने वाला एक गीत गुनगुनाया है उसने । मेरी अच्छाइयों पे मूझे यकीन करना शिखाया है उसने मेरी बुराइयों से मुझको बचाया है उसने । जब गम के साये ने घेरा , मुझे हसाया है उसने मेरे दर्द को अपना समाज मरहम लगाया है उसने । अपने भरोसे को मुझपर रख , जिम्मेदारी का सबक सिखाया हौ उसने । मेरा दोस्त है वो, मेरा यार है वो, चाहें कुछ भी कहे वो मज़ाक में, मेरा प्यार है वो ।

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दिल्ल को छू जाने वाला एक गीत गुनगुनाया है उसने ।

मेरी अच्छाइयों पे मूझे यकीन करना शिखाया है उसने 
मेरी बुराइयों से मुझको बचाया है उसने ।

जब गम के साये ने घेरा , मुझे हसाया है उसने
मेरे दर्द को अपना समाज मरहम लगाया है उसने ।

अपने भरोसे को मुझपर रख , जिम्मेदारी का सबक सिखाया हौ उसने ।

मेरा दोस्त है वो,
मेरा यार है वो,
चाहें कुछ भी कहे वो मज़ाक में, 
मेरा प्यार है वो ।
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