चिट्ठियाँ खो चुकी हैं सारी, एहसास अब भी बाक़ी है। तस्वीरें खों चुकी हैं सारी, कल्पना अब भी बाक़ी है। निशाँ खो चुकी हैं सारी, छुअन अब भी बाक़ी है।.
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