तुम्हारी बड़ी बड़ी आंखे देख सकता हूं । उन आंखों में बड़े बड़े आंसू नहीं । हां मैं तुम्हारी रूह से प्यार करता हूं । इस मिट्टी के जिस्म की मुझे तलब नहीं। - Ana.
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