हम मिले थे किसी रोज इत्तेफाक से, इश्क़ में पड़कर, मैंने चमत्कार लिख दिया । उसके लबों से पसीने महकती थी गैर मर्दों के, अंजाने में मैंने,हवस को प्यार लिख दिया ।।.
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