माँ भारती के अमर सपूत,
भगतसिंह देशभक्त मतवाले।
आओ सब मन से नमन करें,
आन-बान पर मिटने वाले।।
हुंकार भरी जब स्वतंत्रता की,
अंग्रेजी हुकूमत घबराई।
अपनेपन की अलख जगाकर,
अंगरेजों की नींद उड़ाई।।
हिन्दी,उर्दू,पंजाबी,अंग्रेजी,
बांग्ला भी उनको आती थी।
मौत जैसी सजा भी उनको,
पथ से नहीं डिगा पाई थी।।
शहीद भगत सिंह की शहादत,
युवा शक्ति को संदेश दे गई।
जिंदगी देश के लिए समर्पित,
देश भक्ति का भाव जगा गई।।
सतलज किनारा धन्य हुआ था,
अमर शहीद जो वहाँ आया।
अंधियारी रात,अंतिम संस्कार,
मनभावन सा रूप दिखाया।।
भगत सिंह सा अमर सेनानी,
भारत माँ का वंदन अभिनंदन।
करें आरती हम सब मिलकर,
संस्कृतियों की आभा का चंदन।।
©IG @kavi_neetesh
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