अरसा बीत गया ।।
अरसा बीत गया, तुम्हें देखे हुए।
अरसा बीत गया, तुम्हारी आवाज़ सुने हुए ।
अरसा बीत गया, तुम्हें महसूस किये हुए ।
अरसा बीत गया, तुम्हारी परछाई भी छुये हुए ।
तुम्हारे कंगन की खनक, मुझे हर रोज़ उठाती थी,
तुम्हारे कानों की बाली, बनाती थी नित नयी कहानी,
तुम्हारे पांव की पजेब, करती थी मेरे दिल से खेल,
तुम्हारी खिलखिलाती हँसी, मुझे हर रोज़ गुदगुदाती थी ।।
अरसा बीत गया,
उस सुब्ह का इन्तजार करते हुए,
नये किस्सों का इन्तजार करते हुए,
उस दिलकश झन्कार का इन्तजार करते हुए,
उस हँसी ठिठोली का इन्तजार करते हुए ।।
आ जाओ अब, खत्म करो ये तकरार,
अरसा बीत गया, तुम्हारा इन्तजार करते हुए ।।
24-May-2020
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