महबूब महबूब नही रहे वो आजकल नजर हम पे रखने लगे हैं,,
हम दीदार ऐ चश्म से क्या देखें वो हमारी संगत से दुखने लगे हैं,,
पहले जो दरवाजों की चोखटो पे घंटो खड़े रहते थे आजकल वो हमसे बचने लगे हैं,,
कोई और उनकी मुलाकात में शामिल हुआ है और वो ही उसे जचने लगे हैं।।
राहुल छतरपुरिया
महबूब Uske aakho me doob krr mai uska mehboob bangya
Aur busss yahi dkh krr zalimo ne uske bidaye karade
Aur baant diya ek ♥ dil 2 tukre 💔 m
Bs iss trhaa he hme zalimo ne mohabbat ke saja de
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here