हर सुबह एक नया पैगाम लिखती हूँ,
क्या पता कौन-सी रा
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नई किताबें तो खरीद ली हैं मैंने मगर उन सूखे गुलाबों का क्या करूं सवाल क्या करती तुमसे 'सौम्या' तुम्हें जाना ही था फिर जवाबों का क्या करूं -सौम्या 🥀

 नई किताबें तो खरीद ली हैं मैंने 
मगर उन सूखे गुलाबों का क्या करूं

सवाल क्या करती तुमसे 'सौम्या'
तुम्हें जाना ही था फिर जवाबों का क्या करूं


-सौम्या 🥀

नई किताबें तो खरीद ली हैं मैंने मगर उन सूखे गुलाबों का क्या करूं सवाल क्या करती तुमसे 'सौम्या' तुम्हें जाना ही था फिर जवाबों का क्या करूं -सौम्या 🥀

77 Love

मैं देखती हूँ मंज़र सुकून को पाने का, नजारा खूबसूरत है मौत को गले लगाने का। -सौम्या जैन 🥀

 मैं देखती हूँ मंज़र सुकून को पाने का,
नजारा खूबसूरत है मौत को गले लगाने का।

-सौम्या जैन 🥀

मैं देखती हूँ मंज़र सुकून को पाने का, नजारा खूबसूरत है मौत को गले लगाने का। -सौम्या जैन 🥀

72 Love

कभी कभी हम किसी की याद में, अपने किसी जज़्बात में, अधूरे प्यारे से ख्वाब में, टूटे हुए सरताज में, बहकती हुई सांस में, तड़पती हुई आस में, समुंदर की प्यास में, गूंजती हुई आवाज़ में, कुछ इस तरह खो जाते हैं कि हमारा वहाँ से निकलना थोड़ा मुश्किल हो जाता है और इसके चलते हमारे आसपास क्या चल रहा है हमें खबर तक नहीं होती या यूँ कहें, हमें इस दुनिया से फर्क ही नहीं पड़ता। हमारी सांसे तो चलती हैं लेकिन ज़िन्दगी कहीं रुक सी जाती है। हमारी कोशिश कुछ पाने की नहीं बस खुद को खोने की होती है कुछ पल के लिए ही नहीं उम्र भर सोने की होती है। और फिर,, हम एक अलग दुनिया में चले जाते हैं 'सुकून की दुनिया में', जहाँ से लौटना हमारे बस में नहीं होता। - सौम्या जैन 🥀

 कभी कभी हम किसी की याद में, अपने किसी जज़्बात में, 
अधूरे प्यारे से ख्वाब में, टूटे हुए सरताज में, बहकती हुई सांस में, 
तड़पती हुई आस में, समुंदर की प्यास में, गूंजती हुई आवाज़ में,
कुछ इस तरह खो जाते हैं कि हमारा वहाँ से निकलना थोड़ा
मुश्किल हो जाता है और इसके चलते हमारे आसपास क्या
चल रहा है हमें खबर तक नहीं होती या यूँ कहें, हमें इस दुनिया 
से फर्क ही नहीं पड़ता।
हमारी सांसे तो चलती हैं लेकिन ज़िन्दगी कहीं रुक सी जाती है। 
हमारी कोशिश कुछ पाने की नहीं बस खुद को खोने की होती है
कुछ पल के लिए ही नहीं उम्र भर सोने की होती है। 
और फिर,, हम एक अलग दुनिया में चले जाते हैं 'सुकून की 
दुनिया में', जहाँ से लौटना हमारे बस में नहीं होता। 

- सौम्या जैन 🥀

एक कहानी का छोटा सा अंश 🥀

62 Love

जिसके बिना जीना एक पल मुनासिब नहीं था मैंने उसके बिना भी ज़िन्दगी गुज़ारी है मुद्दत से जिसे सिर्फ प्यार समझती थी किसी रोज खबर मिली वो सिर्फ एक बीमारी है तुम बेक़सूर नहीं मगर गलती तो सिर्फ हमारी है एक दफा सुना था इस जुर्म की सजा बड़ी भारी है टूट गई थी कभी तेरे जाने से 'सौम्या' आज लगा तेरे बिना जीने में ही समझदारी है - सौम्या जैन 🥀

 जिसके बिना जीना एक पल मुनासिब नहीं था 
मैंने उसके बिना भी ज़िन्दगी गुज़ारी है 

मुद्दत से जिसे सिर्फ प्यार समझती थी 
किसी रोज खबर मिली वो सिर्फ एक बीमारी है 

तुम बेक़सूर नहीं मगर गलती तो सिर्फ हमारी है 
एक दफा सुना था इस जुर्म की सजा बड़ी भारी है

टूट गई थी कभी तेरे जाने से 'सौम्या'
आज लगा तेरे बिना जीने में ही समझदारी है


 - सौम्या जैन 🥀

जिसके बिना जीना एक पल मुनासिब नहीं था मैंने उसके बिना भी ज़िन्दगी गुज़ारी है मुद्दत से जिसे सिर्फ प्यार समझती थी किसी रोज खबर मिली वो सिर्फ एक बीमारी है तुम बेक़सूर नहीं मगर गलती तो सिर्फ हमारी है एक दफा सुना था इस जुर्म की सजा बड़ी भारी है टूट गई थी कभी तेरे जाने से 'सौम्या' आज लगा तेरे बिना जीने में ही समझदारी है - सौम्या जैन 🥀

59 Love

मुसलसल जारी है मुझमें, तामीर मेरी..! कहीं से बनता हूँ, तो कहीं से रोज़ बिख़र जाता हूँ।।

 मुसलसल जारी है मुझमें, तामीर मेरी..!

कहीं से बनता हूँ, तो कहीं से रोज़ बिख़र जाता हूँ।।

#Nojoto

10 Love

एक शब मुझे मेरे होने का एहसास तक नहीं हुआ। जो होना था हो गया जो चाहा उसका आगाज़ तक नहीं हुआ। -सौम्या जैन 🥀

 एक शब
मुझे मेरे होने का 
एहसास तक नहीं हुआ।
जो होना था
हो गया
जो चाहा उसका 
आगाज़ तक नहीं हुआ।

                                   -सौम्या जैन 🥀

एक शब मुझे मेरे होने का एहसास तक नहीं हुआ। जो होना था हो गया जो चाहा उसका आगाज़ तक नहीं हुआ। -सौम्या जैन 🥀

66 Love

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