कुछ ऐसा रहा है ये साल...!
कि हूँ शुक्रगुज़ार कुछ बातों के लिए मगर,
कुछ शिकवे, कुछ गिले हैं, सोचा नहीं था जो कभी,
वो अनुभव हमें छोटी सी उम्र में मिले हैं....
हाँ कुछ पल मिले सुकून भरे हमें,
तो कुछ पल हमने डर डर के जिए हैं,
जुड़े हैं कुछ नए लोगों से रिश्ते,
तो कुछ अपने हमने खो दिए हैं....
कोई भर गया रंग जिंदगी मे हमारी,
तो किसी ने हमे अपने रंग दिखा दिए हैं,
कुछ बन गए सहारा जिंदगी का,
तो कई बीच राह में छोड़ कर चल दिये हैं....
सोचा नहीं था जो कभी वो सबक सीख लिया है,
हाँ हूँ शुक्रगुज़ार मगर ए जिंदगी तुझसे,
कई शिकवे, कई गिले हैं....
❤️🖤❤️
©Meenu Rajput
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