पहले जो महफलिओ का नूर हुआ करती थी . वो खुद आज हर महफ़िल में अकेली है . जो दुसरो क दर्द पढ़ा करती थी वो आज सीने में लाखो दर्द लिए घूम रही है ©kalam_E_abhi.
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